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KGMU के इतिहास में पहली बार डॉक्टरों ने किया 8 साल के बच्चे की हाइब्रिड हार्ट सर्जरी - KGMU latest news

यूपी की राजधानी लखनऊ के केजीएमयू में आठ साल के बच्चे की हाईब्रिड हार्ट सर्जरी सफलतापूर्वक की. कहा जा रहा है कि बच्चा जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित था, जिसे सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही थी. लेकिन अब 10 दिनों के गहन आईसीयू प्रबंधन के बाद बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ्य है.

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Published : Mar 19, 2023, 7:40 PM IST

लखनऊ : किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के डॉक्टरों की टीम ने पहली बार आठ साल के बच्चे की हाईब्रिड हार्ट सर्जरी सफलतापूर्वक की. बच्चे को सांस लेने में तकलीफ होती थी. बच्चा जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित था. सबसे पहले बच्चे का एंजियोग्राफी कराया गया. जिसमें पता चला कि जहां बच्चे के दिल की तीनों खून की नलियों में रूकावट थी और उनके दिल की धड़कन भी बहुत कम थी. डाॅक्टरों ने आठ साल के बच्चे का हाइब्रिड प्रोसीजर अपना कर यह सर्जरी करने का निर्णय लिया, जो केजीएमयू मेडीकल काॅलेज के इतिहास में पहली बार की गई. कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल (डॉ.) बिपिन ने सफल सर्जरी के लिए पूरी टीम को बधाई दी.

केजीएमयू की ओर से जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, सिधोली सीतापुर निवासी 8 वर्षीय मनीष केजीएमयू में सांस लेने में कठिनाई के साथ आया था. ऑक्सीजन संतृप्ति 50 से 60 प्रतिशत थी. बीते 11 मार्च को प्रो. माला और डॉ. शालिनी के तहत बाल रोग विभाग में भर्ती कराया गया था. एक पूर्ण फेफड़े (जटिल जन्मजात हृदय रोग) की आपूर्ति करने वाले प्रमुख मैपका के साथ फैलोट के टेराटोलॉजी का निदान किया गया था. कार्डियक एनेस्थीसिया, कार्डियोलॉजी, कार्डियक सर्जरी और पीडियाट्रिक्स विभाग सहित डॉक्टरों की एक टीम बनाई गई थी. चुनौती थी ओपन हार्ट सर्जरी मेजर मैपका (मेजर एओर्टो पल्मोनरी कोलेटरल) के कारण संभव नहीं थी. ऐसे बीमार रोगी में एमएपीसीए कोइलिंग भी जीवन के लिए खतरा था. बहुत विचार-मंथन चर्चा के बाद आखिरी में हृदय रोग विशेषज्ञ द्वारा एमएपीसीए कोइलिंग और कार्डियक सर्जन द्वारा ओपन हार्ट सर्जरी एक-एक करके उसी दिन कार्डियक एनेस्थीसिया टीम के साथ चर्चा के बाद योजना बनाई गई, क्योंकि मैपका कोइलिंग के बाद फेफड़ों में लगभग कोई रक्त प्रवाह नहीं होगा, जिससे बच्चे को जिंदा रखना बहुत मुश्किल होता है.

बीते पहली मार्च को दोनों प्रक्रियाओं की योजना बनाई गई थी. सुबह बच्चे को बेहोश करने की क्रिया और कार्डिएक एनेस्थेसिया टीम में प्रो. जीपी सिंह और डॉ. करण कौशिक रहे. कार्डियोलॉजी ओटी दूसरी मंजिल में कार्डियोलॉजी टीम डॉ. गौरव चौधरी और डॉ. अखिल शर्मा द्वारा दाहिने फेफड़े की आपूर्ति करने वाले एमएपीसीए को सफलतापूर्वक कॉइल किया गया था. अब चुनौती मिनटों में तुरंत ओपन हार्ट सर्जरी करने की थी, क्योंकि बच्चा न्यूनतम ऑक्सीजन स्तर पर था. पूर्ण उच्च कार्डियक सपोर्ट जनरल एनेस्थीसिया और मरीज की शिफ्टिंग की गई. 10 मिनट के भीतर कार्डियक सर्जरी ओटी पहली मंजिल में मरीज की कार्डियक सर्जरी शुरू कर दी गई.

कार्डिएक सर्जरी टीम प्रो. एसके सिंह, डॉ. सर्वेश कुमार और डॉ. राहुल ने ओपन हार्ट सर्जरी शुरू की. बच्चे को तुरंत हार्ट लंग बाईपास मशीन पर ले जाया गया. जिसे मनोज एंड टीम ने मैनेज किया. 4 घंटे की सफल ओपन हार्ट सर्जरी की गई. शाम 6:30 बजे मरीज को आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया. मरीज को चार विभागों के डॉक्टरों डॉ. सर्वेश, डॉ. भूपेंद्र और कार्डियक सर्जरी से डॉ. जीशान, पीडिया से डॉ. शालिनी, एनेस्थीसिया से डॉ. करण और कार्डियो से डॉ. अखिल के साथ नर्सिंग स्टाफ सिस्टर इंदु और टीम के साथ आईसीयू में प्रबंधित किया गया था. 10 दिनों के गहन आईसीयू प्रबंधन के बाद मनीष पूरी तरह से स्वस्थ्य है.

यह भी पढ़ें- लखनऊ में छेड़खानी का विरोध करने पर युवकों ने युवती के घर पर बरसाए सुतली बम

लखनऊ : किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के डॉक्टरों की टीम ने पहली बार आठ साल के बच्चे की हाईब्रिड हार्ट सर्जरी सफलतापूर्वक की. बच्चे को सांस लेने में तकलीफ होती थी. बच्चा जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित था. सबसे पहले बच्चे का एंजियोग्राफी कराया गया. जिसमें पता चला कि जहां बच्चे के दिल की तीनों खून की नलियों में रूकावट थी और उनके दिल की धड़कन भी बहुत कम थी. डाॅक्टरों ने आठ साल के बच्चे का हाइब्रिड प्रोसीजर अपना कर यह सर्जरी करने का निर्णय लिया, जो केजीएमयू मेडीकल काॅलेज के इतिहास में पहली बार की गई. कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल (डॉ.) बिपिन ने सफल सर्जरी के लिए पूरी टीम को बधाई दी.

केजीएमयू की ओर से जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, सिधोली सीतापुर निवासी 8 वर्षीय मनीष केजीएमयू में सांस लेने में कठिनाई के साथ आया था. ऑक्सीजन संतृप्ति 50 से 60 प्रतिशत थी. बीते 11 मार्च को प्रो. माला और डॉ. शालिनी के तहत बाल रोग विभाग में भर्ती कराया गया था. एक पूर्ण फेफड़े (जटिल जन्मजात हृदय रोग) की आपूर्ति करने वाले प्रमुख मैपका के साथ फैलोट के टेराटोलॉजी का निदान किया गया था. कार्डियक एनेस्थीसिया, कार्डियोलॉजी, कार्डियक सर्जरी और पीडियाट्रिक्स विभाग सहित डॉक्टरों की एक टीम बनाई गई थी. चुनौती थी ओपन हार्ट सर्जरी मेजर मैपका (मेजर एओर्टो पल्मोनरी कोलेटरल) के कारण संभव नहीं थी. ऐसे बीमार रोगी में एमएपीसीए कोइलिंग भी जीवन के लिए खतरा था. बहुत विचार-मंथन चर्चा के बाद आखिरी में हृदय रोग विशेषज्ञ द्वारा एमएपीसीए कोइलिंग और कार्डियक सर्जन द्वारा ओपन हार्ट सर्जरी एक-एक करके उसी दिन कार्डियक एनेस्थीसिया टीम के साथ चर्चा के बाद योजना बनाई गई, क्योंकि मैपका कोइलिंग के बाद फेफड़ों में लगभग कोई रक्त प्रवाह नहीं होगा, जिससे बच्चे को जिंदा रखना बहुत मुश्किल होता है.

बीते पहली मार्च को दोनों प्रक्रियाओं की योजना बनाई गई थी. सुबह बच्चे को बेहोश करने की क्रिया और कार्डिएक एनेस्थेसिया टीम में प्रो. जीपी सिंह और डॉ. करण कौशिक रहे. कार्डियोलॉजी ओटी दूसरी मंजिल में कार्डियोलॉजी टीम डॉ. गौरव चौधरी और डॉ. अखिल शर्मा द्वारा दाहिने फेफड़े की आपूर्ति करने वाले एमएपीसीए को सफलतापूर्वक कॉइल किया गया था. अब चुनौती मिनटों में तुरंत ओपन हार्ट सर्जरी करने की थी, क्योंकि बच्चा न्यूनतम ऑक्सीजन स्तर पर था. पूर्ण उच्च कार्डियक सपोर्ट जनरल एनेस्थीसिया और मरीज की शिफ्टिंग की गई. 10 मिनट के भीतर कार्डियक सर्जरी ओटी पहली मंजिल में मरीज की कार्डियक सर्जरी शुरू कर दी गई.

कार्डिएक सर्जरी टीम प्रो. एसके सिंह, डॉ. सर्वेश कुमार और डॉ. राहुल ने ओपन हार्ट सर्जरी शुरू की. बच्चे को तुरंत हार्ट लंग बाईपास मशीन पर ले जाया गया. जिसे मनोज एंड टीम ने मैनेज किया. 4 घंटे की सफल ओपन हार्ट सर्जरी की गई. शाम 6:30 बजे मरीज को आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया. मरीज को चार विभागों के डॉक्टरों डॉ. सर्वेश, डॉ. भूपेंद्र और कार्डियक सर्जरी से डॉ. जीशान, पीडिया से डॉ. शालिनी, एनेस्थीसिया से डॉ. करण और कार्डियो से डॉ. अखिल के साथ नर्सिंग स्टाफ सिस्टर इंदु और टीम के साथ आईसीयू में प्रबंधित किया गया था. 10 दिनों के गहन आईसीयू प्रबंधन के बाद मनीष पूरी तरह से स्वस्थ्य है.

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