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रिमांड में फिरदौस ने उगले कई राज, वीरेंद्र की हत्या करने के बाद फिरदौस पहुंचा था पुरानी यूनिवर्सिटी

राजधानी के कैंट थाने में 25 जून 2022 को बिहार के मोस्टवांटेड अपराधी वीरेंद्र उर्फ गोरख ठाकुर की हत्या करने के बाद बेखौफ फिरदौस (Firdaus spilled many secrets) अपने पुराने दोस्तों से मिलने के लिए एक यूनिवर्सिटी चला गया था. यही नहीं घटना के लिए इस्तेमाल की गई गाड़ी को भी फिरदौस ने आराम से पार्किंग में खड़ी कर अपने बाकी साथियों को ऑटो से अलग अलग भगा दिया था. ये सब खुलासा फिरदौस ने लखनऊ पुलिस के सामने रिमांड के दौरान किया है.

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Published : Dec 24, 2022, 7:29 AM IST

Updated : Dec 24, 2022, 10:56 AM IST

लखनऊ : राजधानी के कैंट थाने में 25 जून 2022 को बिहार के मोस्टवांटेड अपराधी वीरेंद्र उर्फ गोरख ठाकुर की हत्या करने के बाद बेखौफ फिरदौस (Firdaus spilled many secrets) अपने पुराने दोस्तों से मिलने के लिए एक यूनिवर्सिटी चला गया था. यही नहीं घटना के लिए इस्तेमाल की गई गाड़ी को भी फिरदौस ने आराम से पार्किंग में खड़ी कर अपने बाकी साथियों को ऑटो से अलग अलग भगा दिया था. ये सब खुलासा फिरदौस ने लखनऊ पुलिस के सामने रिमांड के दौरान किया है. उसने पुलिस को पिस्टल व कार भी बरामद करा दी है.



लखनऊ में बिहार के अपराधी वीरेंद्र व बिहार में प्रॉपर्टी डीलर की हत्या करने के बाद राजधानी में आर्म्स एक्ट में सरेंडर करने वाले फिरदौस ने पुलिस के सामने कई खुलासे किए हैं. कोर्ट से रिमांड मिलने के बाद शुक्रवार को कैंट पुलिस ने वीरेंद्र की हत्या में इस्तेमाल की गई पिस्टल व जिस गाड़ी से सभी शूटर आए थे वो ईको कार को फिरदौस की निशानदेही पर लोको की पार्किंग से बरामद किया गया है. इंस्पेक्टर कैंट राजकुमार ने बताया कि फिरदौस ने कार आलमबाग थाना अंतर्गत लोको पार्किंग में खड़ी कर दी थी और उसी के अंदर आलाकत्ल भी डाल दिया था. इंस्पेक्टर ने बताया कि जिस बिहार नम्बर की कार से फिरदौस व अन्य शूटर वीरेंद्र को मारने आए थे वो उन्होंने देवरिया के बरहज से चुराई थी, जिसके बाद उन्होंने उसमें बिहार की एक फर्जी नंबर प्लेट लगाई थी.


इंस्पेक्टर ने बताया कि फिरदौस ने पूछताछ के दौरान कबूल किया है कि हत्या करने के बाद वह कार लेकर लोको की ओर निकल गया था, वहीं अपने अन्य साथी कासिफ, मुन्ना और फैसल को अलग-अलग ऑटो से जियामऊ स्थित एक होटल भेज दिया था जहां वो रुके हुए थे. फिरदौस ने बताया कि वह अकेले कार को लेकर लोको पार्किंग पहुंचा, जहां उसने गाड़ी को पार्क कर दिया. यही नहीं नम्बर प्लेट और पिस्टल गाड़ी के अंदर छिपा दिया था.


पूछताछ में फिरदौस ने बताया कि वीरेंद्र की हत्या करने के बाद वह ऑटो से सीधे कुर्सी रोड स्थित एक यूनिवर्सिटी पहुंचा था. वहां पहुंचकर उसने अपने कुछ पुराने दोस्तों से मुलाकात की. जिसके बाद रात को वह बिहार के लिए निकल गया था. इंस्पेक्टर ने बताया कि फिरदौस पांच साल पहले इसी यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करता था. इसी दौरान उसके खिलाफ गुडंबा थाने में 3 मुकदमें भी दर्ज हुए थे, इनमे एक आर्म्स एक्ट के तहत भी मुकदमा था, जिसमें फिरदौस ने कोर्ट के सामने सरेंडर किया था.



रिमांड के दौरान जब फिरदौस से वीरेंद्र की पत्नी व प्रियंका के बारे में पूछा गया तो उसने कहा कि वह खुद सरेंडर करना चाहती है. फिरदौस ने पुलिस को बताया कि बिहार के नरकटियागंज में राजेश श्रीवास्तव की हत्या में उसका गलत नाम आने पर प्रियंका ने ही उसे लखनऊ में सरेंडर करने की सलाह दी थी. फिरदौस के मुताबिक, प्रियंका ने उससे कहा था कि तुम्हारा लखनऊ या बिहार पुलिस आज नहीं तो कल एनकाउंटर कर ही देगी. इसलिए लखनऊ में जाकर पुराने मामले में कोर्ट के सामने पेश हो जाओ. उसने कहा था कि वह महिला है पुलिस एनकाउंटर तो करेगी नहीं मैं भी धीरे से आकर सरेंडर कर दूंगी. फिरदौस ने पुलिस को बताया कि वीरेंद्र की हत्या की पूरी प्लानिंग प्रियंका ने ही बनाई थी, बस वह हत्या करने के लिए आया था.


इंस्पेक्टर राज कुमार ने बताया कि रिमांड के दौरान फिरदौस को वारदात स्थल ले जाया गया था. जहां फिरदौस ने वहां आने से लेकर हत्या करने और फरार होने की जानकारी दी. उसके बाद उसे जियामऊ स्थित उसी होटल ले जाया गया, जहां फिरदौस और उसके साथ फैसल, कासिफ व मुन्ना हत्या के एक दिन पहले रुकने आए थे. फिरदौस ने पुलिस को बताया है कि एक पुराने दोस्त मंजर के कहने पर 24 जून की देर रात करीब 3 से 4 बजे के बीच वह जियामऊ स्थित होटल पहुंचे थे, जहां मौजूद गोरखपुर निवासी अली शान उसे मिला था. उसने पहले फर्स्ट फ्लोर पर रूम नंबर-201 बुक किया था, लेकिन बाद में होटल के छत पर अकेले बना रूम नंबर-305 भी लिया, क्योंकि खुली छत के ऊपर से लोहिया पथ और आसपास करीब एक किलोमीटर तक की हर गतिविधि दिखाई दे रही थी.




बता दें, 25 जून को लखनऊ के कैंट इलाके में बिहार के मोस्टवांटेड वीरेंद्र की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी. वीरेंद्र के साथ रहने वाली उसकी दूसरी पत्नी खुशबू ने इस मामले में वीरेंद्र की पहली पत्नी प्रियंका, फिरदौस और बिट्टू जायसवाल को नामजद किया था. पुलिस ने फिरदौस की गिरफ्तारी के लिए एक महीने तक बिहार के उसके बरवा बरौली स्थित गांव में खाक छानी थी, लेकिन उसे ढूंढ नहीं सकी थी. सूचना मिली कि वह नेपाल भाग गया था. इसी बीच लखनऊ पुलिस ने वीरेंद्र की हत्या करने वाले शूटर कासिफ, मुन्ना व फैसल को लखनऊ में मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार किया. बिट्टू को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. 2 दिसंबर को बिहार के नरकटियागंज में प्रॉपर्टी डीलर राजेश गुप्ता की सनसनीखेज हत्या के मामले में भी फिरदौस, उसके पिता व भाई का भी नाम जुड़ा तो फिरदौस को अब एनकाउंटर का डर लगने लगा था. 15 दिसंबर को गुडंबा थाने में साल 2018 को दर्ज आर्म्स एक्ट के मामले में फिरदौस कोर्ट के सामने पेश हो गया था.

लखनऊ : राजधानी के कैंट थाने में 25 जून 2022 को बिहार के मोस्टवांटेड अपराधी वीरेंद्र उर्फ गोरख ठाकुर की हत्या करने के बाद बेखौफ फिरदौस (Firdaus spilled many secrets) अपने पुराने दोस्तों से मिलने के लिए एक यूनिवर्सिटी चला गया था. यही नहीं घटना के लिए इस्तेमाल की गई गाड़ी को भी फिरदौस ने आराम से पार्किंग में खड़ी कर अपने बाकी साथियों को ऑटो से अलग अलग भगा दिया था. ये सब खुलासा फिरदौस ने लखनऊ पुलिस के सामने रिमांड के दौरान किया है. उसने पुलिस को पिस्टल व कार भी बरामद करा दी है.



लखनऊ में बिहार के अपराधी वीरेंद्र व बिहार में प्रॉपर्टी डीलर की हत्या करने के बाद राजधानी में आर्म्स एक्ट में सरेंडर करने वाले फिरदौस ने पुलिस के सामने कई खुलासे किए हैं. कोर्ट से रिमांड मिलने के बाद शुक्रवार को कैंट पुलिस ने वीरेंद्र की हत्या में इस्तेमाल की गई पिस्टल व जिस गाड़ी से सभी शूटर आए थे वो ईको कार को फिरदौस की निशानदेही पर लोको की पार्किंग से बरामद किया गया है. इंस्पेक्टर कैंट राजकुमार ने बताया कि फिरदौस ने कार आलमबाग थाना अंतर्गत लोको पार्किंग में खड़ी कर दी थी और उसी के अंदर आलाकत्ल भी डाल दिया था. इंस्पेक्टर ने बताया कि जिस बिहार नम्बर की कार से फिरदौस व अन्य शूटर वीरेंद्र को मारने आए थे वो उन्होंने देवरिया के बरहज से चुराई थी, जिसके बाद उन्होंने उसमें बिहार की एक फर्जी नंबर प्लेट लगाई थी.


इंस्पेक्टर ने बताया कि फिरदौस ने पूछताछ के दौरान कबूल किया है कि हत्या करने के बाद वह कार लेकर लोको की ओर निकल गया था, वहीं अपने अन्य साथी कासिफ, मुन्ना और फैसल को अलग-अलग ऑटो से जियामऊ स्थित एक होटल भेज दिया था जहां वो रुके हुए थे. फिरदौस ने बताया कि वह अकेले कार को लेकर लोको पार्किंग पहुंचा, जहां उसने गाड़ी को पार्क कर दिया. यही नहीं नम्बर प्लेट और पिस्टल गाड़ी के अंदर छिपा दिया था.


पूछताछ में फिरदौस ने बताया कि वीरेंद्र की हत्या करने के बाद वह ऑटो से सीधे कुर्सी रोड स्थित एक यूनिवर्सिटी पहुंचा था. वहां पहुंचकर उसने अपने कुछ पुराने दोस्तों से मुलाकात की. जिसके बाद रात को वह बिहार के लिए निकल गया था. इंस्पेक्टर ने बताया कि फिरदौस पांच साल पहले इसी यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करता था. इसी दौरान उसके खिलाफ गुडंबा थाने में 3 मुकदमें भी दर्ज हुए थे, इनमे एक आर्म्स एक्ट के तहत भी मुकदमा था, जिसमें फिरदौस ने कोर्ट के सामने सरेंडर किया था.



रिमांड के दौरान जब फिरदौस से वीरेंद्र की पत्नी व प्रियंका के बारे में पूछा गया तो उसने कहा कि वह खुद सरेंडर करना चाहती है. फिरदौस ने पुलिस को बताया कि बिहार के नरकटियागंज में राजेश श्रीवास्तव की हत्या में उसका गलत नाम आने पर प्रियंका ने ही उसे लखनऊ में सरेंडर करने की सलाह दी थी. फिरदौस के मुताबिक, प्रियंका ने उससे कहा था कि तुम्हारा लखनऊ या बिहार पुलिस आज नहीं तो कल एनकाउंटर कर ही देगी. इसलिए लखनऊ में जाकर पुराने मामले में कोर्ट के सामने पेश हो जाओ. उसने कहा था कि वह महिला है पुलिस एनकाउंटर तो करेगी नहीं मैं भी धीरे से आकर सरेंडर कर दूंगी. फिरदौस ने पुलिस को बताया कि वीरेंद्र की हत्या की पूरी प्लानिंग प्रियंका ने ही बनाई थी, बस वह हत्या करने के लिए आया था.


इंस्पेक्टर राज कुमार ने बताया कि रिमांड के दौरान फिरदौस को वारदात स्थल ले जाया गया था. जहां फिरदौस ने वहां आने से लेकर हत्या करने और फरार होने की जानकारी दी. उसके बाद उसे जियामऊ स्थित उसी होटल ले जाया गया, जहां फिरदौस और उसके साथ फैसल, कासिफ व मुन्ना हत्या के एक दिन पहले रुकने आए थे. फिरदौस ने पुलिस को बताया है कि एक पुराने दोस्त मंजर के कहने पर 24 जून की देर रात करीब 3 से 4 बजे के बीच वह जियामऊ स्थित होटल पहुंचे थे, जहां मौजूद गोरखपुर निवासी अली शान उसे मिला था. उसने पहले फर्स्ट फ्लोर पर रूम नंबर-201 बुक किया था, लेकिन बाद में होटल के छत पर अकेले बना रूम नंबर-305 भी लिया, क्योंकि खुली छत के ऊपर से लोहिया पथ और आसपास करीब एक किलोमीटर तक की हर गतिविधि दिखाई दे रही थी.




बता दें, 25 जून को लखनऊ के कैंट इलाके में बिहार के मोस्टवांटेड वीरेंद्र की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी. वीरेंद्र के साथ रहने वाली उसकी दूसरी पत्नी खुशबू ने इस मामले में वीरेंद्र की पहली पत्नी प्रियंका, फिरदौस और बिट्टू जायसवाल को नामजद किया था. पुलिस ने फिरदौस की गिरफ्तारी के लिए एक महीने तक बिहार के उसके बरवा बरौली स्थित गांव में खाक छानी थी, लेकिन उसे ढूंढ नहीं सकी थी. सूचना मिली कि वह नेपाल भाग गया था. इसी बीच लखनऊ पुलिस ने वीरेंद्र की हत्या करने वाले शूटर कासिफ, मुन्ना व फैसल को लखनऊ में मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार किया. बिट्टू को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. 2 दिसंबर को बिहार के नरकटियागंज में प्रॉपर्टी डीलर राजेश गुप्ता की सनसनीखेज हत्या के मामले में भी फिरदौस, उसके पिता व भाई का भी नाम जुड़ा तो फिरदौस को अब एनकाउंटर का डर लगने लगा था. 15 दिसंबर को गुडंबा थाने में साल 2018 को दर्ज आर्म्स एक्ट के मामले में फिरदौस कोर्ट के सामने पेश हो गया था.

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Last Updated : Dec 24, 2022, 10:56 AM IST
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