लखनऊ : सोशल मीडिया में मंगलवार को विधानसभा के पास नमाज पढ़ते हुए फोटो पोस्ट करने वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन की नेता उजमा परवीन पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है. हुसैनगंज इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार के मुताबिक, उजमा परवीन के खिलाफ बुधवार को सद्भाव बिगाड़ने की धारा 153 A समेत 6 धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है. आरोप है कि उनके नमाज पढ़ने का वक्त सही नहीं था, इसके अलावा नमाज उल्टी दिशा में पढ़ी गई थी.
डीसीपी मध्य अपर्णा रजत कौशिक के मुताबिक, सोशल मीडिया में वायरल हुई उजमा परवीन की तस्वीर की जांच की गई तो पता चला कि 27 मार्च को उजमा सचिवालय मेट्रो स्टेशन के पास पहुंची थीं, उस समय 3:25 बजे थे, ये वक्त नमाज का नहीं होता है, यही नहीं वो पश्चिम दिशा के बजाय पूर्वी दिशा में बैठीं और महज फोटो खिंचवा कर चली गईं. डीसीपी के मुताबिक, सामने आए सभी तथ्य से साफ था कि उजमा जान-बूझकर सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने की कोशिश कर रहीं थीं. इसके लिए हुसैनगंज थाने में उजमा परवीन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.
मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्विटर पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन की नेता सैय्यद उजमा परवीन ने नमाज पढ़ते हुए एक तस्वीर शेयर की थी. तस्वीर के साथ उन्होंने लिखा था कि 'अलहमदुलिल्ला लखनऊ विधानसभा के सामने असर की नमाज अदा की, जो यह कहते हैं हमारी नमाज पर पाबंदी लगा देंगे तो हम भी अपने हिंदुस्तान की हर सरजमीन पर नमाज पढ़कर दिखा देंगे कि हमारा देश आजाद है, इसीलिए मुझे आजादी से नमाज पढ़ने का अधिकार है'. उजमा ने बताया था कि नमाज पढ़ते हुए तस्वीर ट्विटर पर पोस्ट करने के पीछे का कारण नमाज को कहीं भी पढ़ने पर यूपी में पाबंदी लगाना है. उन्होंने कहा कि इसीलिए उन्होंने जान-बूझकर विधानसभा के सामने नमाज पढ़कर पाबंदी लगाने वालों को संदेश दिया है.
मुरादाबाद में लोगों को नमाज से रोका : उजमा ने बताया था कि, हालही में मुरादाबाद के लाजपत नगर में तरावीह की नमाज पढ़ने पर बजरंगदल ने विरोध किया , जिस पर पुलिस ने भी वहां नमाज पढ़ने पर रोक लगा दी. इसीलिए उन्होंने विधानसभा के सामने नमाज पढ़कर पाबंदी लगाने वालों को चुनौती दी है कि हम आजाद हैं और कहीं भी नमाज पढ़ सकते हैं. बता दें कि लखनऊ में हुए सीएए प्रदर्शन में सक्रिय भूमिका निभाने वाली उजमा परवीन को AIMIM के राष्ट्रीय अध्यक्ष असुदद्दीन ओवैसी ने लखनऊ पश्चिमी से विधानसभा प्रत्याशी बनाया था. यही नहीं उजमा के खिलाफ सीएए प्रदर्शन के दौरान 12 से अधिक मुकदमे दर्ज हुए थे.
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