लखनऊ: राजधानी में सरकार द्वारा तय शुल्क से ज्यादा मरीजों से वसूली की जा रही है. प्रभारी अधिकारी रोशन जैकब की तीन निजी अस्पतालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं. जिनमें मैक्वेल अस्पताल, जेपी और देविना अस्पताल शामिल हैं. साथ ही यहां भर्ती मरीजों को दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट करवाने के निर्देश मिले हैं.
पैकेज में शामिल कई सेवाओं के अलग से लिए जा रहे थे दाम
रोशन जैकब ने बुधवार को ज्वॉइंट डायरेक्टर (स्वास्थ्य) डॉ. सुनील पांडे और उप मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. केडी मिश्रा के साथ कुर्सी रोड स्थित जेपी हॉस्पिटल, गोमतीनगर स्थित मैक्वेल हॉस्पिटल और फैजाबाद रोड स्थित देविना अस्पताल का निरीक्षण किया. जेपी अस्पताल में मरीजों से दवाइयों, पीपीई किट, ऑक्सीजन, बेड, भोजन, डॉक्टर कंसलटेंसी और नर्सिंग समेत कई सेवाओं का अलग से चार्ज लिया जा रहा था, जबकि ये निर्धारित पैकेज में शामिल है.
ऑक्सीजन के लिए वसूले 86,400
ऑक्सीजन के नाम पर एक मरीज से 86,400 रुपये, दूसरे से 38,400 और तीसरे से 28,800 रुपये वसूले गए. इसका बिल भी जब्त कर लिया गया है. ऑक्सीजन के बिल की मूल प्रति अस्पताल प्रशासन अपने पास रखे था, जबकि यह मरीज को दी जानी चाहिए थी.
एक दिन का बिल 1.66 लाख रुपये
मैक्वेल अस्पताल में डिस्चार्ज समरी, दवा के बिल व अन्य दस्तावेज उपलब्ध नहीं करवाए गए. बिल बुक से सामने आया कि कोविड मरीजों से अधिक धनराशि वसूली जा रही है. यहां मालती पांडेय नामक मरीज को 8 मई को भर्ती करवाकर 9 मई को डिस्चार्ज किया गया. उनसे 56,000 रुपये इलाज और लगभग 1,10,000 रुपये दवा के मद में वसूले गए. इसी तरह देविना अस्पताल से भी वसूली की गड़बड़ी सामने आई. कोविड प्रभारी रोशन जैकब ने इन तीनों अस्पतालों पर एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं.