ETV Bharat / state

मरीजों के शोषण पर सरकार सख्त : यूपी में एक दर्जन अस्पतालों के खिलाफ दर्ज हुई प्राथमिकी - corona update in Lucknow

लखनऊ शनिवार को जांच रिपोर्ट आने के बाद प्रशासन ने मेट्रो, साई लाइफ और आशी अस्पताल के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं. वहीं, चरक अस्पताल में मरीज से अधिक वसूली के मामले में उसे चेतावनी जारी कर छोड़ दिया गया.

यूपी में एक दर्जन अस्पतालों के खिलाफ दर्ज हुई प्राथमिकी
यूपी में एक दर्जन अस्पतालों के खिलाफ दर्ज हुई प्राथमिकी
author img

By

Published : May 22, 2021, 10:55 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के कई जिलों में निजी अस्पतालों ने सरकार द्वारा निर्धारित दर से अधिक रकम मरीजों से वसूल की. ऐसे एक दर्जन अस्पतालों के खिलाफ विभिन्न जिलों में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. अब इन अस्पतालों में भर्ती मरीजों को अन्यत्र शिफ्ट कर संबंधित अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिए हैं.

मरीजों का उत्पीड़न रोकें जिलाधिकारी

अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि मरीज और उनके परिजनों का किसी प्रकार का कोई उत्पीड़न न हो. असंवेदनशील अस्पतालों से मरीजों को दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट कर उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाए.


लखनऊ में मेट्रो सहित तीन अस्पतालों पर FIR के निर्देश

गुरुवार को निरीक्षण पर निकली नोडल अफसर डॉ. रोशन जैकब को सरोजिनीनगर स्थित साईं कोविड समेत कई अस्पतालों की शिकायतें मिलीं थीं. इसके बाद अस्पतालों के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए थे. शनिवार को जांच रिपोर्ट आने के बाद प्रशासन ने मेट्रो, साई लाइफ और आशी अस्पताल के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं. वहीं, चरक अस्पताल में मरीज से अधिक वसूली के मामले में उसे चेतावनी जारी कर छोड़ दिया गया.

नहीं रहता कोई डॉक्टर, मिली थी शिकायत

निरीक्षण के दौरान क्षेत्र के लोगों ने बताया था कि साईं हाॅस्पिटल जो कि कोविड अस्पताल के रूप में चिन्हित है, वहां निम्न श्रेणी का इलाज और व्यवस्था है. कोई डॉक्टर स्थायी रूप से मौजूद नहीं रहता. अधिक संख्या में इस अस्पताल में मौतें हुई हैं. इस शिकायत को संज्ञान लेते हुए नोडल अधिकारी ने एसडीएम सरोजिनीनगर को जांच के आदेश दिए थे. शनिवार को प्रभारी अधिकारी रोशन जैकब ने जांच के बाद मेट्रो, साई लाइफ और आशी अस्पताल के खिलाफ लगे वसूली के आरोप सही पाते हुए मुख्य चिकित्साधिकारी को रिपोर्ट दर्ज कराने के निर्देश दिए.

अस्पताल में हुई थीं 13 मौतें

रायबरेली रोड स्थित साई लाइफ अस्पताल का बीते गुरुवार को नोडल अफसर डॉ. रोशन जैकब ने निरीक्षण किया था. यहां बहुत गड़बड़ियां मिलीं थीं. इसके जांच के आदेश दिए गए थे. इसमें पाया गया कि बीएएमएस को आइसीयू प्रभारी बना दिया गया है. कागजों पर नौ नर्स हैं लेकिन जांच टीम को एक ही मिली. एक अप्रैल से 20 मई के बीच यहां 58 मरीज भर्ती हुए जिनमें से 13 की मौत हो गई. यहां मरीजों से प्रतिदिन 50 हजार रुपये जमा कराए जाते थे.

यह भी पढ़ें : यूपी में 31 मई तक बढ़ा कोरोना कर्फ्यू


मरीज़ से हुआ सुलह-समझौता

राजधानी में स्थित चरक हॉस्पिटल के खिलाफ शिकायत के बाद जांच के आदेश दिए गए थे. इसके बाद सेक्टर मजिस्ट्रेट की जांच में पाया गया कि चरक अस्पताल ने मरीज से निर्धारित दरों से अधिक वसूली की. इसके बावजूद चरक को केवल चेतावनी देकर छोड़ दिया गया. अधिकारियों का कहना है कि चूंकि अस्पताल ने अधिक वसूली रकम मरीज को लौटाकर सुलह समझौता कर लिया है, इसलिए रिपोर्ट नहीं दर्ज कराई गई है.

परिजनों को नहीं दिया कोई बिल

गोमतीनगर स्थित मेट्रो हॉस्पिटल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी. शिकायतकर्ता को बिल नहीं दिया गया. कच्ची पर्चियों पर मरीजों से भुगतान कराया गया. एग्जामिनेशन, दस्ताने व पीपीई किट आदि की खरीद मरीज से कराई गई. अस्पताल ने वार्ड चार्ज, फिजीशियन, आक्सीजन हैंडलिंग, नर्सिंग चार्ज व आइसीयू चार्ज सहित सभी मद में मरीज से अधिक वसूली की गई. एक मरीज से तो आरटीपीसीआर जांच के नाम पर तीन हजार रुपये झटक लिए गए.

कोविड मरीज का किया इलाज, हुई मौत

उतरेटिया स्थित आशी अस्पताल के खिलाफ भी वसूली को लेकर कई शिकायत दर्ज कराई गई थी. यहां बिना अनुमति नान कोविड अस्पताल द्वारा कोविड मरीज का इलाज किया गया जिसकी मौत हो गई. तीमारदार के पास उपलब्ध रसीदों के मुताबिक करीब साढ़े छह लाख से अधिक का भुगतान अस्पताल को किया गया. वहीं, अस्पताल ने कागजों पर केवल 3.94 लाख रुपये का भुगतान दिखाया. यही नहीं, अस्पताल के डाक्टरों ने रोजाना 15-15 हजार रुपये की जांच कराई.

वैक्सीनेशन के लिए रविवार से पुन: पंजीकरण

18 से 45 आयु वर्ग के युवाओं को कोरोना का टीका लगाने के लिए रविवार 23 मई से पुनः पंजीकरण शुरू होगा. मुख्यमंत्री ने वैक्सीन के लिए ग्लोबल टेंडर की तिथि 31 मई तक बढ़ा दी है. वर्तमान में प्रदेश के 23 जनपदों में 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों के टीकाकरण का कार्यक्रम चल रहा है. एक जून से सभी जिला मुख्यालयों पर इस आयु वर्ग के लोगों का वैक्सीनेशन किया जाएगा.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के कई जिलों में निजी अस्पतालों ने सरकार द्वारा निर्धारित दर से अधिक रकम मरीजों से वसूल की. ऐसे एक दर्जन अस्पतालों के खिलाफ विभिन्न जिलों में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. अब इन अस्पतालों में भर्ती मरीजों को अन्यत्र शिफ्ट कर संबंधित अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिए हैं.

मरीजों का उत्पीड़न रोकें जिलाधिकारी

अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि मरीज और उनके परिजनों का किसी प्रकार का कोई उत्पीड़न न हो. असंवेदनशील अस्पतालों से मरीजों को दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट कर उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाए.


लखनऊ में मेट्रो सहित तीन अस्पतालों पर FIR के निर्देश

गुरुवार को निरीक्षण पर निकली नोडल अफसर डॉ. रोशन जैकब को सरोजिनीनगर स्थित साईं कोविड समेत कई अस्पतालों की शिकायतें मिलीं थीं. इसके बाद अस्पतालों के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए थे. शनिवार को जांच रिपोर्ट आने के बाद प्रशासन ने मेट्रो, साई लाइफ और आशी अस्पताल के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं. वहीं, चरक अस्पताल में मरीज से अधिक वसूली के मामले में उसे चेतावनी जारी कर छोड़ दिया गया.

नहीं रहता कोई डॉक्टर, मिली थी शिकायत

निरीक्षण के दौरान क्षेत्र के लोगों ने बताया था कि साईं हाॅस्पिटल जो कि कोविड अस्पताल के रूप में चिन्हित है, वहां निम्न श्रेणी का इलाज और व्यवस्था है. कोई डॉक्टर स्थायी रूप से मौजूद नहीं रहता. अधिक संख्या में इस अस्पताल में मौतें हुई हैं. इस शिकायत को संज्ञान लेते हुए नोडल अधिकारी ने एसडीएम सरोजिनीनगर को जांच के आदेश दिए थे. शनिवार को प्रभारी अधिकारी रोशन जैकब ने जांच के बाद मेट्रो, साई लाइफ और आशी अस्पताल के खिलाफ लगे वसूली के आरोप सही पाते हुए मुख्य चिकित्साधिकारी को रिपोर्ट दर्ज कराने के निर्देश दिए.

अस्पताल में हुई थीं 13 मौतें

रायबरेली रोड स्थित साई लाइफ अस्पताल का बीते गुरुवार को नोडल अफसर डॉ. रोशन जैकब ने निरीक्षण किया था. यहां बहुत गड़बड़ियां मिलीं थीं. इसके जांच के आदेश दिए गए थे. इसमें पाया गया कि बीएएमएस को आइसीयू प्रभारी बना दिया गया है. कागजों पर नौ नर्स हैं लेकिन जांच टीम को एक ही मिली. एक अप्रैल से 20 मई के बीच यहां 58 मरीज भर्ती हुए जिनमें से 13 की मौत हो गई. यहां मरीजों से प्रतिदिन 50 हजार रुपये जमा कराए जाते थे.

यह भी पढ़ें : यूपी में 31 मई तक बढ़ा कोरोना कर्फ्यू


मरीज़ से हुआ सुलह-समझौता

राजधानी में स्थित चरक हॉस्पिटल के खिलाफ शिकायत के बाद जांच के आदेश दिए गए थे. इसके बाद सेक्टर मजिस्ट्रेट की जांच में पाया गया कि चरक अस्पताल ने मरीज से निर्धारित दरों से अधिक वसूली की. इसके बावजूद चरक को केवल चेतावनी देकर छोड़ दिया गया. अधिकारियों का कहना है कि चूंकि अस्पताल ने अधिक वसूली रकम मरीज को लौटाकर सुलह समझौता कर लिया है, इसलिए रिपोर्ट नहीं दर्ज कराई गई है.

परिजनों को नहीं दिया कोई बिल

गोमतीनगर स्थित मेट्रो हॉस्पिटल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी. शिकायतकर्ता को बिल नहीं दिया गया. कच्ची पर्चियों पर मरीजों से भुगतान कराया गया. एग्जामिनेशन, दस्ताने व पीपीई किट आदि की खरीद मरीज से कराई गई. अस्पताल ने वार्ड चार्ज, फिजीशियन, आक्सीजन हैंडलिंग, नर्सिंग चार्ज व आइसीयू चार्ज सहित सभी मद में मरीज से अधिक वसूली की गई. एक मरीज से तो आरटीपीसीआर जांच के नाम पर तीन हजार रुपये झटक लिए गए.

कोविड मरीज का किया इलाज, हुई मौत

उतरेटिया स्थित आशी अस्पताल के खिलाफ भी वसूली को लेकर कई शिकायत दर्ज कराई गई थी. यहां बिना अनुमति नान कोविड अस्पताल द्वारा कोविड मरीज का इलाज किया गया जिसकी मौत हो गई. तीमारदार के पास उपलब्ध रसीदों के मुताबिक करीब साढ़े छह लाख से अधिक का भुगतान अस्पताल को किया गया. वहीं, अस्पताल ने कागजों पर केवल 3.94 लाख रुपये का भुगतान दिखाया. यही नहीं, अस्पताल के डाक्टरों ने रोजाना 15-15 हजार रुपये की जांच कराई.

वैक्सीनेशन के लिए रविवार से पुन: पंजीकरण

18 से 45 आयु वर्ग के युवाओं को कोरोना का टीका लगाने के लिए रविवार 23 मई से पुनः पंजीकरण शुरू होगा. मुख्यमंत्री ने वैक्सीन के लिए ग्लोबल टेंडर की तिथि 31 मई तक बढ़ा दी है. वर्तमान में प्रदेश के 23 जनपदों में 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों के टीकाकरण का कार्यक्रम चल रहा है. एक जून से सभी जिला मुख्यालयों पर इस आयु वर्ग के लोगों का वैक्सीनेशन किया जाएगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.