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नालों में सीवर गिराने पर सेप्टिक टैंक वालों पर होगी FIR - लखनऊ खबर

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सफाई के मद्देनजर जलकल विभाग ने सख्त रुख अपनाया है. अब सेप्टिक टैंक खुले में खाली करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

सेप्टिक टैंक
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Published : Dec 13, 2020, 1:47 PM IST

लखनऊः जिले में सफाई व्यवस्था बनाने के लिए नए कदम उठाए जा रहे हैं. अब जलकल विभाग भी सख्त हो गया है. शहर में प्राइवेट सेप्टिक टैंक खुले में खाली करने वालों पर जलकल विभाग सख्त कार्रवाई करेगा. इस तरह के टैंकों के संचालकों पर 10 हजार रुपए जुर्माना लगाने के आदेश दिए गए हैं. जलकल विभाग के महाप्रबंधक ने निर्देश दिए हैं कि कोई भी नाले नालियों में स्लज मिलाता है तो गोपनीय ढंग से इसकी सूचना जलकल विभाग के हेल्पलाइन नंबर पर दी जा सकती है. इसके बाद संबंधित के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा.

हेल्प लाइन नंबर पर दे सकते हैं सूचना
स्वच्छ भारत सर्वेक्षण के अंतर्गत जलकल विभाग ने हाल ही में अधिशासी अभियंताओं व पंजीकृत प्राइवेट सेप्टिक टैंक सेक्शन मशीन संचालकों के साथ फीकज स्लज निस्तारण के संबंध में बैठक की. ऐशबाग स्थित कमेटी हाल में बैठक के दौरान एक हेल्प लाइन नंबर भी जारी किया है. इस नंबर पर लोग सेप्टिक टैंक के बारे में शिकायत कर सकते हैं. जीएम एसके वर्मा ने बताया कि कोई भी मोबाइल नंबर 6390260105 व 639026001, कंट्रोल रूम नंबर 639026100 पर सूचना दे सकता है.

स्लज को एसटीपी व एसपीएस पर ही गिराया जाए
जीएम एसके वर्मा ने कहा कि नगर निगम क्षेत्र में बहुत से लोग अपने सेप्टिक टैंकों को प्राइवेट एजेंसियों से साफ कराते हैं. ये लोग टैंकों को खुले में ही खाली कर देते हैं. इससे गंदगी तो फैलती ही है, साथ ही ग्राउंड वॉटर दूषित होता है. बीमारियों के फैलने का खतरा बना रहता है. उन्होंने बताया कि सभी पंजीकृत प्राइवेट सेप्टिक टैंक मशीन के संचालकों को निर्देश दिए गए हैं कि स्लज को केवल सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) व सीवेज पंपिंग स्टेशन (एसपीएस) पर ही गिराया जाए. ऐसा न करने अथवा नालियों में बहाते हुए पाए जाने पर 10 हजार रुपए जुर्माना लगाया जाएगा व मुकदमा कराया जाएगा.

टैंकों पर लगा होगा जलकल विभाग का स्टीकर
जीएम ने बताया कि सभी संचालकों को निर्देश दिए गए हैं कि अपने-अपने टैंकों पर नंबर लिखवा दें. यह भी लिखा जाए कि यह टैंक जलकल विभाग से अधिकृत है और इसका अनुबंधित नंबर यह है. इसके साथ ही टैंक पर जलकल विभाग का स्टीकर भी चस्पा कराने के लिए एक्सईएन को कहा गया है. इससे यह स्पष्ट हो जाएगा कि यह टैंक रजिस्टर्ड है.

सुरक्षा उपकरणों के साथ सफाई के निर्देश
सेप्टिक टैंक के संचालकों को निर्देश दिए गए हैं कि गाड़ी पर ड्राइवर ड्रेस, गमबूट, मास्क, दस्ताना, हेलमेट आदि सुरक्षा उपकरण पहनकर ही उतरे. एक आक्सीजन सिलेंडर भी अवश्य रखा जाए. सभी टैंकों के वाल्व सही से कसे हों, जिससे रास्ते में लीकेज होने के कारण बहता न रहे. इसका कड़ाई से पालन कराने के निर्देश दिए गए हैं. इन टैंकों के माध्यम से सफाई कराने के लिए जलकल विभाग ने फीस तय रखी है.

लखनऊः जिले में सफाई व्यवस्था बनाने के लिए नए कदम उठाए जा रहे हैं. अब जलकल विभाग भी सख्त हो गया है. शहर में प्राइवेट सेप्टिक टैंक खुले में खाली करने वालों पर जलकल विभाग सख्त कार्रवाई करेगा. इस तरह के टैंकों के संचालकों पर 10 हजार रुपए जुर्माना लगाने के आदेश दिए गए हैं. जलकल विभाग के महाप्रबंधक ने निर्देश दिए हैं कि कोई भी नाले नालियों में स्लज मिलाता है तो गोपनीय ढंग से इसकी सूचना जलकल विभाग के हेल्पलाइन नंबर पर दी जा सकती है. इसके बाद संबंधित के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा.

हेल्प लाइन नंबर पर दे सकते हैं सूचना
स्वच्छ भारत सर्वेक्षण के अंतर्गत जलकल विभाग ने हाल ही में अधिशासी अभियंताओं व पंजीकृत प्राइवेट सेप्टिक टैंक सेक्शन मशीन संचालकों के साथ फीकज स्लज निस्तारण के संबंध में बैठक की. ऐशबाग स्थित कमेटी हाल में बैठक के दौरान एक हेल्प लाइन नंबर भी जारी किया है. इस नंबर पर लोग सेप्टिक टैंक के बारे में शिकायत कर सकते हैं. जीएम एसके वर्मा ने बताया कि कोई भी मोबाइल नंबर 6390260105 व 639026001, कंट्रोल रूम नंबर 639026100 पर सूचना दे सकता है.

स्लज को एसटीपी व एसपीएस पर ही गिराया जाए
जीएम एसके वर्मा ने कहा कि नगर निगम क्षेत्र में बहुत से लोग अपने सेप्टिक टैंकों को प्राइवेट एजेंसियों से साफ कराते हैं. ये लोग टैंकों को खुले में ही खाली कर देते हैं. इससे गंदगी तो फैलती ही है, साथ ही ग्राउंड वॉटर दूषित होता है. बीमारियों के फैलने का खतरा बना रहता है. उन्होंने बताया कि सभी पंजीकृत प्राइवेट सेप्टिक टैंक मशीन के संचालकों को निर्देश दिए गए हैं कि स्लज को केवल सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) व सीवेज पंपिंग स्टेशन (एसपीएस) पर ही गिराया जाए. ऐसा न करने अथवा नालियों में बहाते हुए पाए जाने पर 10 हजार रुपए जुर्माना लगाया जाएगा व मुकदमा कराया जाएगा.

टैंकों पर लगा होगा जलकल विभाग का स्टीकर
जीएम ने बताया कि सभी संचालकों को निर्देश दिए गए हैं कि अपने-अपने टैंकों पर नंबर लिखवा दें. यह भी लिखा जाए कि यह टैंक जलकल विभाग से अधिकृत है और इसका अनुबंधित नंबर यह है. इसके साथ ही टैंक पर जलकल विभाग का स्टीकर भी चस्पा कराने के लिए एक्सईएन को कहा गया है. इससे यह स्पष्ट हो जाएगा कि यह टैंक रजिस्टर्ड है.

सुरक्षा उपकरणों के साथ सफाई के निर्देश
सेप्टिक टैंक के संचालकों को निर्देश दिए गए हैं कि गाड़ी पर ड्राइवर ड्रेस, गमबूट, मास्क, दस्ताना, हेलमेट आदि सुरक्षा उपकरण पहनकर ही उतरे. एक आक्सीजन सिलेंडर भी अवश्य रखा जाए. सभी टैंकों के वाल्व सही से कसे हों, जिससे रास्ते में लीकेज होने के कारण बहता न रहे. इसका कड़ाई से पालन कराने के निर्देश दिए गए हैं. इन टैंकों के माध्यम से सफाई कराने के लिए जलकल विभाग ने फीस तय रखी है.

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