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विद्युतीकरण योजना में हुए 1600 करोड़ घोटाले के मामले में 2 जेई के खिलाफ FIR

विद्युतीकरण योजना
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Published : Apr 14, 2022, 9:06 AM IST

Updated : Apr 14, 2022, 11:47 AM IST

08:53 April 14

विद्युतीकरण योजना में हुए 1600 करोड़ घोटाले के मामले में 2 जेई के खिलाफ FIR दर्ज कराई गई

लखनऊ: यूपी विद्युत विभाग में 1600 करोड़ घोटाले की विजलेंस जांच शुरू हो गई है. केंद्र सरकार की राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के तहत वर्ष 2005-06 के दौरान हुए करोड़ों रुपये के घोटाले के मामले में विजलेंस ने दो जेई समेत कार्यदायी संस्था एलएंडटी के प्रोजेक्ट मैनेजर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. विजिलेंस ने शासन के आदेश पर पहले नमूने के आधार पर लखीमपुर खीरी के दस गांवों की जांच की थी. इसके बाद यह एफआईआर दर्ज की गई है.

उत्तर प्रदेश शासन ने विजिलेंस को लखीमपुर खीरी के 632 गांवों में राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना में हुई गड़बड़ी के मामले की खुली जांच सौंपी थी. इसपर विजिलेंस ने पहले नमूने के आधार पर लखीमपुर खीरी के दस गांवों की जांच की. इसमें सामने आया कि विद्युतीकरण के कार्यों में लगभग 14.63 लाख रुपये का घोटाला हुआ था. इसमें जांच में सामने आया था कि इस योजना के तहत किए गए कार्य में उपकरणों में कमी दिखी थी.

शासन को भेजी गई विजिलेंस की रिपोर्ट में कहा गया था कि नमूने के आधार पर दस गांवों में हुए कार्यों की जांच में पाया गया कि कार्यदायी संस्था ने पूरे उपकरण नहीं लगाए. इसका परीक्षण व माप तत्कालीन जेई जहीर हसन और गया सिंह ने किया था. आरोप है कि इन दोनों जेई ने कंपनी के प्रतिनिधि के साथ मिलीभगत कर तथ्यों के विपरीत मापन अंकित कर दिया और भुगतान भी करा दिया गया. इससे इन दोनों जेई व कार्यदायी संस्था के विरुद्ध गबन, षड्यंत्र व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की है.

यह भी पढ़ें: कृषि सेक्टर की फ्यूचर प्लानिंग पर CM योगी ने मंत्रिपरिषद के साथ किया मंथन, दिए निर्देश

फिलहाल विजलेंस ने अभी सिर्फ 10 गांव की ही जांच की है. जब यह जांच सभी गांव तक पहुंचेगी तो घोटाले की राशि व आरोपियों की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे तत्कालीन विद्युत अधिकारियों व कर्मचारियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के तहत लखनऊ, बांदा, झांसी, हमीरपुर, ललितपुर, जालौन, चित्रकूट, महोबा, श्रावस्ती, बहराइच, हरदोई, उन्नाव, बरेली व लखीमपुर खीरी में कार्य हुआ था.

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08:53 April 14

विद्युतीकरण योजना में हुए 1600 करोड़ घोटाले के मामले में 2 जेई के खिलाफ FIR दर्ज कराई गई

लखनऊ: यूपी विद्युत विभाग में 1600 करोड़ घोटाले की विजलेंस जांच शुरू हो गई है. केंद्र सरकार की राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के तहत वर्ष 2005-06 के दौरान हुए करोड़ों रुपये के घोटाले के मामले में विजलेंस ने दो जेई समेत कार्यदायी संस्था एलएंडटी के प्रोजेक्ट मैनेजर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. विजिलेंस ने शासन के आदेश पर पहले नमूने के आधार पर लखीमपुर खीरी के दस गांवों की जांच की थी. इसके बाद यह एफआईआर दर्ज की गई है.

उत्तर प्रदेश शासन ने विजिलेंस को लखीमपुर खीरी के 632 गांवों में राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना में हुई गड़बड़ी के मामले की खुली जांच सौंपी थी. इसपर विजिलेंस ने पहले नमूने के आधार पर लखीमपुर खीरी के दस गांवों की जांच की. इसमें सामने आया कि विद्युतीकरण के कार्यों में लगभग 14.63 लाख रुपये का घोटाला हुआ था. इसमें जांच में सामने आया था कि इस योजना के तहत किए गए कार्य में उपकरणों में कमी दिखी थी.

शासन को भेजी गई विजिलेंस की रिपोर्ट में कहा गया था कि नमूने के आधार पर दस गांवों में हुए कार्यों की जांच में पाया गया कि कार्यदायी संस्था ने पूरे उपकरण नहीं लगाए. इसका परीक्षण व माप तत्कालीन जेई जहीर हसन और गया सिंह ने किया था. आरोप है कि इन दोनों जेई ने कंपनी के प्रतिनिधि के साथ मिलीभगत कर तथ्यों के विपरीत मापन अंकित कर दिया और भुगतान भी करा दिया गया. इससे इन दोनों जेई व कार्यदायी संस्था के विरुद्ध गबन, षड्यंत्र व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की है.

यह भी पढ़ें: कृषि सेक्टर की फ्यूचर प्लानिंग पर CM योगी ने मंत्रिपरिषद के साथ किया मंथन, दिए निर्देश

फिलहाल विजलेंस ने अभी सिर्फ 10 गांव की ही जांच की है. जब यह जांच सभी गांव तक पहुंचेगी तो घोटाले की राशि व आरोपियों की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे तत्कालीन विद्युत अधिकारियों व कर्मचारियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के तहत लखनऊ, बांदा, झांसी, हमीरपुर, ललितपुर, जालौन, चित्रकूट, महोबा, श्रावस्ती, बहराइच, हरदोई, उन्नाव, बरेली व लखीमपुर खीरी में कार्य हुआ था.

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Last Updated : Apr 14, 2022, 11:47 AM IST
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