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वित्त मंत्री ने बेहतर काम करने वालों को दिया ‘ग्रामीण समृद्धि सम्मान’ - वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट

उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने वर्ष 2021-22 के लिए स्टेट फोकस पेपर का विमोचन किया. इस अवसर पर मंत्री ने बेहतर काम करने वाले नाबार्ड के स्वयं सहायता समूहों को ग्रामीण समृद्धि सम्मान से सम्मानित किया.

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Published : Dec 24, 2020, 10:20 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने गुरुवार को गोमती नगर स्थित नाबार्ड के क्षेत्रीय कार्यालय में आयोजित राज्य ऋण संगोष्ठी में उत्तर प्रदेश के वर्ष 2021-22 के लिए स्टेट फोकस पेपर का विमोचन किया. इस अवसर पर मंत्री ने बेहतर काम करने वाले नाबार्ड के स्वयं सहायता समूहों, संयुक्त देयता समूहों, गैर सरकारी संगठनों, प्रशिक्षण संस्थानों, बैंकों को ग्रामीण समृद्धि सम्मान से सम्मानित किया.


100 प्राथमिक कृषि ऋण समितियों को बहु सेवा सुविधाओं की मंजूरी
वित्त मंत्री ने 100 प्राथमिक कृषि ऋण समितियों को बहु सेवा सुविधाओं के लिए मंजूरी पत्र और एक एफपीओ को मोबाइल वैन प्रदान की. वित्त मंत्री को कार्यक्रम में बताया गया कि आत्मनिर्भर पैकेज के अंतर्गत कृषि ग्रामीण और असंगठित क्षेत्रों के मह्त्व को ध्यान मे रखते हुए वर्ष 2021-22 के लिए ऋण का आंकलन वर्तमान में 2 लाख करोड़ के ऊपर किया गया है. वर्ष 2021-22 के लिए रु. 3.10 लाख करोड़ ऋण का आंकलन किया गया है. जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 05 प्रतिशत अधिक है.

नाबार्ड के कामकाज की मंत्री ने की तारीफ
वित्त मंत्री ने राज्य के सभी 75 जिलों के लिए संभाव्यतायुक्त ऋण योजनाएं (पीलपी) तैयार करने के लिए और प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र की गतिविधियों के अंतर्गत ऋण सम्भाव्यता के आंकलन के लिए नाबार्ड की प्रशंसा की. उन्होंने बैंकरों को सलाह दी है कि वे किसानों को ऋण प्रदान करने मे सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाएं. उन्होने यह भी कहा कि किसानों को सुगम एवं अधिक से अधिक ऋण उपलब्ध कराना केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है.

बैंक जमीनी स्तर पर लोन देने में लाएं तेजी
मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने “वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट” दृष्टिकोण को अपनाया है और राज्य में इसके विकास की अपार सम्भावनाएं हैं. सभी बैंकर राज्य में जमीनी स्तर पर ऋण प्रवाह में तेजी लाएं और अधिक ऋण-जमा अनुपात बनाने का प्रयास करें. खन्ना ने केसीसी के जरिए फसल ऋण के अंतर्गत आकलित पर्याप्त ऋण संभाव्यता पर अपना संतोष प्रकट किया, जो पीएम-किसान के सभी लाभार्थियों को केसीसी के अंतर्गत लाने की राज्य सरकार की नीति के अनुरूप है. उन्होंने इस बात पर बल दिया कि कृषक उत्पादक संगठनों को व्यवसायिक संस्था के रूप मे विकसित कर किसानों की आय को बढ़ाने की जरूरत है. इससे 2024 तक किसानों की आय को दोगुना करने के सपने को साकार किया जा सकेगा.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने गुरुवार को गोमती नगर स्थित नाबार्ड के क्षेत्रीय कार्यालय में आयोजित राज्य ऋण संगोष्ठी में उत्तर प्रदेश के वर्ष 2021-22 के लिए स्टेट फोकस पेपर का विमोचन किया. इस अवसर पर मंत्री ने बेहतर काम करने वाले नाबार्ड के स्वयं सहायता समूहों, संयुक्त देयता समूहों, गैर सरकारी संगठनों, प्रशिक्षण संस्थानों, बैंकों को ग्रामीण समृद्धि सम्मान से सम्मानित किया.


100 प्राथमिक कृषि ऋण समितियों को बहु सेवा सुविधाओं की मंजूरी
वित्त मंत्री ने 100 प्राथमिक कृषि ऋण समितियों को बहु सेवा सुविधाओं के लिए मंजूरी पत्र और एक एफपीओ को मोबाइल वैन प्रदान की. वित्त मंत्री को कार्यक्रम में बताया गया कि आत्मनिर्भर पैकेज के अंतर्गत कृषि ग्रामीण और असंगठित क्षेत्रों के मह्त्व को ध्यान मे रखते हुए वर्ष 2021-22 के लिए ऋण का आंकलन वर्तमान में 2 लाख करोड़ के ऊपर किया गया है. वर्ष 2021-22 के लिए रु. 3.10 लाख करोड़ ऋण का आंकलन किया गया है. जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 05 प्रतिशत अधिक है.

नाबार्ड के कामकाज की मंत्री ने की तारीफ
वित्त मंत्री ने राज्य के सभी 75 जिलों के लिए संभाव्यतायुक्त ऋण योजनाएं (पीलपी) तैयार करने के लिए और प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र की गतिविधियों के अंतर्गत ऋण सम्भाव्यता के आंकलन के लिए नाबार्ड की प्रशंसा की. उन्होंने बैंकरों को सलाह दी है कि वे किसानों को ऋण प्रदान करने मे सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाएं. उन्होने यह भी कहा कि किसानों को सुगम एवं अधिक से अधिक ऋण उपलब्ध कराना केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है.

बैंक जमीनी स्तर पर लोन देने में लाएं तेजी
मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने “वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट” दृष्टिकोण को अपनाया है और राज्य में इसके विकास की अपार सम्भावनाएं हैं. सभी बैंकर राज्य में जमीनी स्तर पर ऋण प्रवाह में तेजी लाएं और अधिक ऋण-जमा अनुपात बनाने का प्रयास करें. खन्ना ने केसीसी के जरिए फसल ऋण के अंतर्गत आकलित पर्याप्त ऋण संभाव्यता पर अपना संतोष प्रकट किया, जो पीएम-किसान के सभी लाभार्थियों को केसीसी के अंतर्गत लाने की राज्य सरकार की नीति के अनुरूप है. उन्होंने इस बात पर बल दिया कि कृषक उत्पादक संगठनों को व्यवसायिक संस्था के रूप मे विकसित कर किसानों की आय को बढ़ाने की जरूरत है. इससे 2024 तक किसानों की आय को दोगुना करने के सपने को साकार किया जा सकेगा.

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