लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय के सेल्फ फाइनेंस कोर्सेज में कार्यरत शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए विवि प्रशासन ने बड़ी राहत दी है. अब उनके वेतन से सीपीएफ (कंट्रीब्यूटरी प्रोविडेंट फंड) की कटौती की जाएगी. शासन ने पांच साल पहले 15 जुलाई 2015 को इसका शासनादेश जारी किया गया था, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन साढ़े पांच साल बाद इसे लागू करने पर सहमत हो सका.
लविवि के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय की अध्यक्षता में गुरुवार को फाइनेंस कमेटी की बैठक हुई, जिसमें कंट्रीब्यूटरी प्रोविडेंट फंड को लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई. इसके अलावा मेधावी शोध विद्यार्थियों के लिए शोध मेधा छात्रवृत्ति सहित दो अन्य छात्रवृत्ति शुरू करने का निर्णय भी लिया गया. फाइनेंस कमेटी की बैठक में वित्त अधिकारी संजीव श्रीवास्तव, डीन सीडीसी प्रो. पूनम टंडन सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे.
मेधावी विद्यार्थियों को मिलेगी छात्रवृत्ति
अब एलयू छात्र कल्याण निधि से नई छात्रवृत्ति दी जाएगी. शोध मेधा छात्रवृत्ति नाम से यह छात्रवृत्ति नेट और गेट (ग्रेजुएट एप्टीट्यूट टेस्ट इन इंजीनियरिंग) पास विद्यार्थियों को उनके शोध के उत्साहवर्धन के लिए तीन वर्ष तक पांच हजार रुपये प्रति माह दी जाएगी. इसके अलावा फिजिक्स विभाग की पूर्व हेड प्रो. पल्लवी झा ने अपने पिता प्रो. एसएन झा और ससुर एसएन दत्ता के नाम से दो स्कालरशिप के लिए दो-दो लाख रुपये एक मुश्त देने का फैसला लिया. इस पैसे से आने वाले ब्याज से छात्रवृत्ति दी जाएगी. कमेटी की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है.