लखनऊः राजधानी लखनऊ की पुलिस अब पशुपालन विभाग घोटाले के मामले में फरार चल रहे आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए इनाम की राशि बढ़ाने लगी है. पशुपालन विभाग में टेंडर दिलाने के नाम पर इंदौर के व्यापारी से करोड़ों रुपये की ठगी मामले में वांछित सिपाही दिलबार पर अब 50,000 रुपये का इनाम घोषित किया गया है. इसके पहले सिपाही पर 25000 रुपये का इनाम घोषित किया गया था. वहीं इस मामले में अब तक पुलिस ने 13 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. लेकिन दिलबहार अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर है. दिलबहार पर आरोप है कि उसी ने व्यापारी को नाका कोतवाली ले जाकर धमकाया था.
टेंडर दिलाने के नाम पर इंदौर के व्यापारी को ठगा था
पशुपालन विभाग में टेंडर दिलाने के नाम पर इंदौर के व्यापारी से ठगी हुई थी .करोड़ों रुपये की इस ठगी में आईपीएस अधिकारी अरविंद सेन भी शामिल थे, जिन्हें सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया हैं. इस मामले में अब तक पुलिस ने 13 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. इस मामले में आरोपी दिलबहार नामक पुलिस सिपाही अभी फरार चल रहा है. दिलबहार पर राजधानी की पुलिस ने पहले 25000 रुपये का इनाम घोषित किया था. इसके बाद इस इनाम की राशि को बढ़ाने के लिए डीसीपी मध्य ने संयुक्त पुलिस आयुक्त अपराध के पास प्रेषित किया था. अब पुलिस आयुक्त की सहमति के बाद दिलबार पर इनाम को बढ़ाकर 50000 कर दिया गया है.
पुलिस की पकड़ से दूर हैं आईपीएस अरविंद सेन
पशुपालन घोटाले में आईपीएस अधिकारी अरविंद सेन भी आरोपी है .आईपीएस अरविंद सेन का नाम आने के बाद शासन ने उन्हें निलंबित कर दिया था. इनके खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की जा चुकी है लेकिन अभी तक पुलिस अरविंद सेन को गिरफ्तार नहीं कर सकी है.
ये है पूरा मामला
पशुपालन विभाग में 292 करोड़ की फर्जी टेंडर दिलाने के लिए इंदौर के एक व्यापारी से 9 करोड़ 72 लाख रुपये हड़प लिए गए थे. इस पूरे फर्जीवाड़े में पशुधन राज्य मंत्री के प्रधान निजी सचिव रजनीश दीक्षित, सचिवालय के संविदा कर्मी और मंत्री के निजी सचिव धीरज कुमार देव, पत्रकार एके राजीव, अनिल राय और खुद को पशुधन विभाग का उपनिदेशक बताने वाले आशीष राय भी शामिल थे.