लखनऊ: कोरोना से बचने के लिए जहां एक ओर हम अपने घरों में कैद हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसे लोग भी हैं जो अपने कर्तव्य को निभाने के लिए नई मिसाल बनते जा रहे हैं. ऐसी ही एक महिला कॉन्स्टेबल सीमा हैं, जो अपने फर्ज को निभाने के लिए 9 महीने की बच्ची के साथ 1090 चौराहे पर मुस्तैदी से ड्यूटी करती नजर आ रही हैं.
राजधानी के 1090 चौराहे पर शाम 4:00 बजे से ही एक महिला कॉन्स्टेबल 9 महीने की बच्ची के साथ ड्यूटी करना शुरू कर देती हैं. महिला कॉन्स्टेबल सीमा अपनी 9 महीने की बच्ची अरना के साथ ड्यूटी भी कर रही हैं. साथ ही आते-जाते लोगों के पास और किसी भी तरह की गड़बड़ी पाए जाने पर उन्हें हिदायत भी दे रही हैं.
ईटीवी भारत से बातचीत करने के दौरान सीमा ने हमें बताया कि पति भी सिग्नेचर बिल्डिंग में मीडिया सेल के पद पर तैनात हैं. ऐसे में घर पर कोई नहीं है, इसलिए बच्ची को साथ में लेकर आना उनकी मजबूरी है. बालागंज में रहने वाली सीमा कहती है कि दिन में ड्यूटी होती है तो कोई परेशानी नहीं होती, लेकिन रात की ड्यूटी में घर जाना मुश्किल हो जाता है. क्योंकि रात में 12:00 बजे ड्यूटी खत्म होने पर कोई साधन नहीं मिलता और घर जाने में खासी दिक्कतें होती हैं.
सीमा ने बताया कि ड्यूटी करने में मुझे कोई परेशानी नहीं है. अपने बच्चे के खाने-पीने की और जरूरत की चीजें साथ में लेकर आती हूं. बच्ची को साथ में ही रखती हूं. घर पर इतनी छोटी बच्ची की देखने के लिए किसी और को रख नहीं सकते. परिवार वाले लॉकडाउन की वजह से आ नहीं सकते. इस वजह से बच्चे को लेकर ड्यूटी में आना पड़ रहा है.
दरअसल महिला सिपाही सीमा का पूरा परिवार बनारस में रहता है. ऐसे में लॉकडाउन के चलते ट्रांसपोर्ट की सुविधा उपलब्ध नहीं है और पूरा परिवार वहीं पर है.
सीमा जैसी तमाम ऐसी पुलिसकर्मी लॉकडाउन के दौरान अपने परिवार और कर्तव्य को एक साथ निभा रही हैं और समाज में सकारात्मकता की मिसाल कायम कर रही हैं.
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