लखनऊ: जिले के काकोरी में पंचायत चुनाव में इस बार महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा भागीदारी करने का मौका मिल रहा है. उत्तर प्रदेश में इस बार पंचायत चुनाव में भी निर्वाचन आयोग ने आरक्षण सूची में महिलाओं को विशेष स्थान देने का प्रयास किया है. बीएसपी द्वारा जारी जिला पंचायत सदस्यों की पहली सूची में से 16 में से 7 जगहों पर महिलाओं को स्थान दिया गया है और सपा द्वारा जारी सूची में 25 में से 11 महिलाओ को स्थान दिया गया है. इससे पूर्व में उत्तर प्रदेश सरकार भी महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देते हुए यह घोषणा कर चुकी है कि इस बार जिला पंचायत अध्यक्ष लखनऊ अनुसूचित जाति महिला के लिए सुरक्षित की जा चुकी है. इसी कारण से इस बार पंचायत चुनाव में जिला पंचायत सदस्य के लिए महिलाओं की उम्मीदवारी बढ़ी है.
जेठानी और देवरानी ने राजनीतिक दंगल में फूंका अपना बिगुल
इसी का जीता जागता उदाहरण देखने को मिल रहा है काकोरी और मलिहाबाद ब्लॉक के जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में. यहां एक ही परिवार की जेठानी और देवरानी ने राजनीतिक दंगल में अपना बिगुल एक बार फिर से बजा दिया है. फिलहाल, इस बार मलिहाबाद वार्ड नंबर 12 से और काकोरी के वार्ड नंबर 13 से बसपा समर्थित उम्मीदवार कुमुद सिंह और नीतू रावत चुनावी मैदान में हैं. इनका प्रमुख उद्देश्य महिलाओं के अधिकारों, उत्पीड़न, आत्मरक्षा और समाज में महिलाओं की स्थिति को सुदृढ़ बनाना है.
दोनों बहनें मांग रहीं एक-दूसरे के लिए वोट
खास बात यह है कि किसी ग्राम सभा में बड़ी बहन छोटी बहन के लिए वोट मांगती दिख रही है, तो वहीं छोटी बहन बड़ी बहन के लिए वोट मांगती दिखाई दे रही है.
कुमुद सिंह पूर्व में भी रह चुकी काकोरी ब्लॉक प्रमुख
यह जेठानी और देवरानी राजनीतिक मैदान में नई नहीं हैं. इन दोनों के परिवारों का राजनीतिक इतिहास बहुत लंबा रहा है. कुमुद सिंह पूर्व में काकोरी ब्लॉक प्रमुख भी रह चुकी हैं और अपने गांव कुशमौरा हलवापुर की प्रधान और बीडीसी भी रह चुकी हैं. वहीं, नीतू रावत के पति जितेंद्र रावत (टेनी) निवर्तमान जिला पंचायत सदस्य हैं.
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