लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश की भू-संपत्तियों की कीमत और उनकी रजिस्ट्री कराने से पूर्व उसके सर्किल रेट की जानकारी के लिए फीस का निर्धारण कर दिया है. प्रदेश के स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविंद्र जायसवाल ने बताया कि अब कोई भी क्रेता-विक्रेता जिसको अपनी प्रापर्टी की रजिस्ट्री से पूर्व अपने सर्किल रेट की जानकारी करनी है, वह 100 रुपये की फीस जमा कर जिलाधिकारी से पूरी जानकारी ले सकता है.
मंत्री रविंद्र जायसवाल ने बताया कि ऐसा करने से भविष्य में उसके ऊपर स्टाम्प चोरी का कोई केस दायर नहीं हो पाएगा, क्योंकि वह अधिकृत प्राधिकारी से स्पष्ट हो चुका होता है. उन्होंने बताया कि यह व्यवस्था पूर्णतः स्वैच्छिक है. यह व्यवस्था पूर्व में भी थी, लेकिन फीस निर्धारित नहीं थी. अब फीस निर्धारित हुई है. स्टाम्प मंत्री ने बताया कि इस व्यवस्था के लागू होने से भविष्य में स्टाम्प वादों में भारी कमी आएगी और व्यवस्था पारदर्शी बन सकेगी.
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ मंत्री परिषद ने सर्किल रेट स्टाम्प ड्यूटी को लेकर एक दिन पहले ही प्रस्ताव पास किया था. इसके तहत जिलाधिकारी सर्किल रेट और जमीनों का निर्धारण अपने स्तर पर कर सकेंगे. स्टाम्प एवं पंजीयन मंत्री रविंद्र जायसवाल की तरफ से सर्किल रेट के लिए फीस निर्धारित करने की बात कही गई है. सरकार ने प्रॉपर्टी खरीदने को लेकर नए नियम निर्धारित किए थे और उसके लिए सर्किल रेट आदि के निर्धारण के लिए जिलाधिकारी को जिम्मेदारी दी गई है.
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