लखनऊ: राजधानी लखनऊ में कोरोना के कारण हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. वायरस हर एक पर कहर बनकर टूट रहा है. अस्पताल में बेड न मिलने से लोग असमय मौत का शिकार हो रहे हैं. राजधानी में स्थिति यह है कि हर गली-मोहल्ले में मातम छाया हुआ है. आलम यह है कि एक ही परिवार के कई सदस्यों के कोरोना संक्रमित हो जाने की दशा में किसी को भी अस्पताल में बेड नहीं मिल पा रहा है. वहीं परिवार के किसी सदस्य की मौत हो जाने पर मृतक के शव का अंतिम संस्कार में भी दिक्कत आ रही है.
पत्नी बेसुध, दाह संस्कार फंसा
ऐसा ही हाल विजय नगर निवासी राहुल का भी है. वह कोरोना से संक्रमित हो गए. जिसके बाद उन्हें निजी अस्पताल में आईसीयू में भर्ती कराया गया.वहीं रविवार दोपहर बाद उनके पिता पद्मकान्त की सांस फूलने लगी. इसके बाद घर पर ही उनकी मौत हो गई. इतना ही नहीं राहुल की मम्मी भी बीमार हैं और 24 घण्टे से पिता का शव घर पर ही है. उनका दाह संस्कार नहीं हो पा रहा है. इस पूरे मामले में सीएमओ कार्यालय और नगर निगम एक-दुसरे पर पल्ला झाड़ रहे हैं.
बेड नहीं मिला, पति-पत्नी की उखड़ी सांस
त्रिवेणी नगर के लखन गुप्ता व्यवसायी हैं. पत्नी, बेटा समेत वह तीनों लोग वायरस की चपेट में आ गए. कई दिनों तक सीएमओ कार्यालय-कमांड सेंटर में फोन कर बेड की गुहार लगाते रहे. इसके बावजूद कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई. आखिर में घर पर ही ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर ऑक्सीजन के सहारे रहे, लेकिन समय पर इलाज न मिलने के कारण लखन गुप्ता और उनकी पत्नी की कोरोना से मौत हो गई. उनका बेटा अभी घर पर ही ऑक्सीजन सपोर्ट पर है.
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लखनऊ में कोरोना का हाल
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत कई जिलों में कोरोना वायरस के संक्रमित मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. अकेले लखनऊ में सोमवार सुबह 2,200 नये संक्रमित पाए गए है. राजधानी में एक ओर जहां कोरोना मरीजों को अस्पताल में बेड नहीं मिल पा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं. दो से तीन गुना कीमत देने के बाद मरीजों को ऑक्सीजन सिलेंडर मिल रहा है.