लखीमपुर खीरीः प्रदेश भर में बीते दिनों हुई तेज बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसलें बर्बाद हो गईं थी. जिले में किसानों की मदद के लिए एक टोल फ्री नंबर की शुरुआत की गई है, जिसमें किसान 72 घंटे में टोल फ्री नंबर पर फोन कर अपने नुकसान की शिकायत दर्ज कराएंगे. उप निदेशक कृषि टीएम त्रिपाठी ने बताया कि ओलावृष्टि से हुए नुकसान का सर्वे कराकर किसानों को बीमा कंपनी मुआवजा देगी. वहीं राजस्व विभाग से भी सर्वे कराया जा रहा है. इसके लिए किसान जल्द ही टोल फ्री नम्बर पर फोन कर कम्पनी प्रतिनिधि को सूचित जरूर कर दें.
किसानों को जागरूक करने के लिए एक अभियानतेज बारिश और हवाओं के साथ मितौली और आस-पास की तहसीलों में कई जगह ओलावृष्टि हुई. इसको लेकर डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह पहले ही राजस्व विभाग के कर्मचारियों को सर्वे के लिए निर्देशित कर चुके हैं. प्रकृति विभाग ने किसानों के हुए नुकसान को देखते हुए किसानों को जागरूक करने के लिए एक अभियान चलाया है.
किसानों का ओलावृष्टि से नुकसान : डिप्टी डायरेक्टर एग्रीकल्चर टीएम त्रिपाठी का कहना है कि जिन किसानों का ओलावृष्टि से नुकसान हुआ है, वे किसान एक टोल फ्री नंबर पर फोन जरूर कर दें, जिससे बीमा कंपनी सर्वे कराकर क्रॉप कटिंग के आधार पर मुआवजा दे सकेगी. अब तक की कितनी लागत किसान की लगी है, उसके आधार पर सर्वे के बाद कंपनी निर्णय लेगी.
सर्वे कराकर मुआवजे की कार्रवाई : डीडी एग्रीकल्चर श्री त्रिपाठी ने कहा कि किसानों को चाहिए कि अगर वह फोन नहीं कर सकते हैं, तो लिखित सूचना अपने नजदीक के कृषि विभाग के बीज भंडार पर जरूर दे. इससे पता चल सकेगा कि किसान ने कौन सी फसल बोई थी और कितना नुकसान हुआ है, जिससे किसानों का सर्वे कराकर उनके मुआवजे की कार्रवाई की जा सके.
डीडी एग्रीकल्चर ने बताया कि जिन किसानों का केसीसी यानी किसान क्रेडिट कार्ड पहले से बना है, वह किसान पहले से ही बीमित हैं. केसीसी वाले किसानों का पैसा केसीसी से ही बीमा के लिए कट जाता है.