लखनऊ: प्रदेश के कई जिलों में बारिश व तेज हवाओं से अन्नदाता परेशान हैं. तेज हवा से धान की फसल गिर गयी है. धान पककर तैयार है, जिससे अधिक नुकसान होने की संभावना है. किसानों को चिंता है कि अगर ऐसे ही निरंतर बारिश होती रही तो और धूप नहीं निकलती है, तो धान मे 60 से 70 प्रतिशत तक नुकसान होने की संभावना है. चंद्रभानु गुप्त कृषि महाविद्यालय के अवैतनिक फार्म प्रभारी अरुण कुमार सिंह ने बताया कि अधिक बरसात और तेज हवा के कारण सफेद तिल, उड़द एवं धान की फसल प्रभावित हुई है.
चंद्रभानु गुप्त कृषि महाविद्यालय बक्शी तालाब लखनऊ के सह आचार्य डॉ. सत्येंद्र कुमार सिंह ने किसानों को सलाह दी कि जिन किसान भाइयों ने प्याज और टमाटर की नर्सरी डाल रखी है उसको अच्छी तरह से पॉलिथीन से ऊंचा आधार बनाकर ढक दें. प्रमुख रूप से पपीता किसानों को सलाह दी जाती है कि हर स्थिति में खेत से जल निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित कर लें. जिन किसानों ने धनिया, पालक, मेथी तथा सोया की बुवाई की है, जल निकास का अच्छा प्रबंध करें. सरसों, आलू एवं मटर के किसान 25 अक्टूबर तक अपनी फसल की बिजाई का कार्य करते हैं उनके लिए या बरसात लाभदायक होगी.
टिकरी गांव के प्रगतिशील कुलदीप सिंह, शिव कुमार सिंह, हवलदार सिंह रामप्रकाश यादव, रामेश्वर प्रसाद आदि किसानों का पका धान खेतों में गिर गया है. जिससे उन्हें काफी नुकसान हुआ है. इसके अलावा करीमनगर, अरिगवां, दरौना, इन्दारा, कुम्हरावां, नरोसा, रेवामऊ, महिगवां आदि गांवों के किसानों की अगेती धान की फसल कट गयी थी लेकिन बरसात हो जाने से नुकसान हो जाएगा.
चंद्रभानु गुप्त कृषि महाविद्यालय के निदेशक डॉ. वाई के शर्मा एवं प्राचार्य गजेन्द्र सिंह ने बताया कि तेज बरसात से धान किसानों का नुकसान होगा. जिससे आमजन के ऊपर भी प्रभाव पड़ेगा क्योंकि सब्जियां महंगी होंगी.
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