लखनऊः किसान अब पारंपरिक खेती छोड़कर नकदी फसल की ओर रुख करने लगे है. जिससे किसानों की आय बढ़ रही है. ऐसे ही लखनऊ के मड़ियाव थाना में एक किसान बैगन की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. राजधानी के कमलापुर गांव के ग्रामीण क्षेत्र में किसान लंबे समय से बैगन की खेती कर रहे हैं. जिससे अच्छा मुनाफा भी मिल रहा है. किसान एक बीघे में दस हजार की लागत लगाकर करीब एक लाख रुपये तक की आमदनी कर रहे हैं.
बैगन की खेती की शुरुआत जून-जुलाई माह में की जाती है. इसके लिए पहले नर्सरी तैयार की जाती है. इसके बाद खेत में भुरभुरी मिट्टी के बीच पौधे का रोपण किया जाता है. इसके साथ ही पौधे में उर्वरा शक्ति को मजबूत करने के लिए खाद का भी प्रयोग किया जाता है. इसके बाद बैगन करीब एक से डेढ़ माह बाद पूरी तरह से तैयार हो जाता है और अगस्त से बैगन की पैदावार होने लगती है, जो मार्च तक जारी रहती है. वहीं 10 दिन से लेकर 15 दिन के बीच सिंचाई करना आवश्यक होता है.
खेती के लिए ये मिट्टी उपयोगी
बैगन एक लंबे समय की फसल है, इसलिए अच्छे जल निकास वाली उपजाऊ रेतीले दोमट मिट्टी उचित होती है. अगेती फसल के लिए हल्की मिट्टी और अधिक पैदावार के लिए चिकनी और नमी या गारे वाली मिट्टी उचित होती है.
बैगन में लगने वाले कीड़ों से इस तरह करें बचाव
पौधे में जब बैगन लगने लगते हैं तो तना छेदक और फली छेदक जैसी बीमारियां लगती है. जिसको लेकर किसानों को विशेष ध्यान रखना होता है. रोग लगने पर किसान 300 से 400 मिली मैलाथियान 50 ईसी को 250 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ की दर से 15 दिन के अंतर पर छिड़काव करना चाहिए. वहीं, फसल के शुरू होने पर समय समय पर 80 मिली फैनवलरेट 20 ईसी को 500 ग्राम व साथ ही 500 ग्राम काबोरिल 50 डब्ल्यूपी का रोपाई के 35 से 40 दिन बाद 200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ छिड़काव करने से कीड़े से फसल को बचाया जा सकता है.
बैगन की खेती फायदे का सौदा
कमलापुर गांव के किसान प्रमोद कुमार ने बताया कि बैगन की खेती करते समय सिंचाई का विशेष ध्यान रखना होता है. साथ ही इसमें लगने वाले कीड़े से बचाव के लिए समय-समय पर दवाओं का छिड़काव भी करना होता है. प्रमोद ने बताया कि खेती सबसे लंबी अवधि की होती है, जिसमें ज्यादा से ज्यादा उत्पादन होता है. अधिक उत्पादन होने से कम लागत लगाकर अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है. किसान ने बताया कि एक बीघे में दस हजार की लागत लगाकर करीब एक लाख का मुनाफा हो जाता है.