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लखनऊ: बारिश से किसानों को फायदा, लेकिन खेत में रोकना होगा पानी का ठहराव - benefit from rain to farmers

राजधानी लखनऊ में पूस महीने के आखिरी दिनों में हुई बारिश से किसानों को फायदा हुआ है. गेहूं के खेतों में इन दिनों सिंचाई करने की जरूरत होती है, लेकिन बारिश ऐसे वक्त पर हुई है कि सिंचाई की जरूरत ही नहीं हुई. निदेशक कृषि प्रसार के अनुसार बारिश के चलते किसानों को खेत में पानी न भरने का ध्यान देना होगा.

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बारिश से किसानों को खेती में हो रहा है फायदा.
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Published : Jan 11, 2020, 12:22 PM IST

लखनऊ: जनवरी के पहले सप्ताह में उत्तर प्रदेश में हुई बरसात ने किसानों को अच्छी फसल के संकेत दे दिए हैं. कृषि विशेषज्ञों के अनुसार इस मौसम की बारिश से फसल उत्पादन बढ़ेगा. वहीं किसानों की उत्पादन लागत भी घट जाएगी, लेकिन बारिश से होने वाले पानी के ठहराव को लेकर किसानों को सतर्क रहने की जरूरत है.

बारिश से किसानों को खेती में हो रहा है फायदा.

बारिश से गेहूं के किसानों को फायदा

  • पूस महीने के आखिरी दिनों में हुई बारिश से गेहूं के किसानों के चेहरे खिले हुए हैं.
  • गेहूं के खेतों में इन दिनों किसानों को सिंचाई करने की जरूरत होती है, लेकिन बारिश ऐसे वक्त पर हुई है कि अब उन्हें सिंचाई की जरूरत नहीं है.
  • यह ध्यान देना जरूरी है कि गेहूं के खेत में पानी का ठहराव न होने पाए.
  • पिछले सप्ताह में हुई बारिश का किसानों को फसल उत्पादन के तौर पर फायदा मिलेगा.
  • यह बारिश गेहूं में स्वाभाविक वृद्धि दर्ज करेगी.
  • खेतों में सिंचाई से जितना फसल को फायदा होता है, उससे ज्यादा फायदा प्राकृतिक बरसात से मिलता देखा गया है.

जनवरी माह में हुई बारिश

  • उत्तर प्रदेश में जनवरी माह में अब तक 8:1 मिमी औसत वर्षा दर्ज हुई है, जो सामान्य से 158 प्रतिशत अधिक है.
  • जनवरी को उत्तर प्रदेश में 4.9 मिलीमीटर वर्षा दर्ज हुई है.
  • प्रदेश के 56 जिलों में बरसात हुई है, सबसे ज्यादा बिजनौर जिले में 1 दिन में 29.7 मिलीमीटर वर्षा हुई.

इसे भी पढ़ें-प्रियंका कोटा नहीं गईं, यूपी में कर रही हैं सस्ती और खोखली राजनीतिः हरिश्चंद्र श्रीवास्तव

ऐसे में यह बरसात किसानों के लिए सोना बरसाने वाली है. ठीक वक्त की बरसात के बावजूद किसानों को थोड़ा सतर्क रहने की जरूरत है. खेत में पानी का ठहराव बिल्कुल नहीं होना चाहिए. अगर पानी का ठहराव होगा तो वह गेहूं की फसल के लिए भी नुकसानदायक होगा.
-डॉ. राम शब्द जैसवारा, निदेशक, कृषि प्रसार

लखनऊ: जनवरी के पहले सप्ताह में उत्तर प्रदेश में हुई बरसात ने किसानों को अच्छी फसल के संकेत दे दिए हैं. कृषि विशेषज्ञों के अनुसार इस मौसम की बारिश से फसल उत्पादन बढ़ेगा. वहीं किसानों की उत्पादन लागत भी घट जाएगी, लेकिन बारिश से होने वाले पानी के ठहराव को लेकर किसानों को सतर्क रहने की जरूरत है.

बारिश से किसानों को खेती में हो रहा है फायदा.

बारिश से गेहूं के किसानों को फायदा

  • पूस महीने के आखिरी दिनों में हुई बारिश से गेहूं के किसानों के चेहरे खिले हुए हैं.
  • गेहूं के खेतों में इन दिनों किसानों को सिंचाई करने की जरूरत होती है, लेकिन बारिश ऐसे वक्त पर हुई है कि अब उन्हें सिंचाई की जरूरत नहीं है.
  • यह ध्यान देना जरूरी है कि गेहूं के खेत में पानी का ठहराव न होने पाए.
  • पिछले सप्ताह में हुई बारिश का किसानों को फसल उत्पादन के तौर पर फायदा मिलेगा.
  • यह बारिश गेहूं में स्वाभाविक वृद्धि दर्ज करेगी.
  • खेतों में सिंचाई से जितना फसल को फायदा होता है, उससे ज्यादा फायदा प्राकृतिक बरसात से मिलता देखा गया है.

जनवरी माह में हुई बारिश

  • उत्तर प्रदेश में जनवरी माह में अब तक 8:1 मिमी औसत वर्षा दर्ज हुई है, जो सामान्य से 158 प्रतिशत अधिक है.
  • जनवरी को उत्तर प्रदेश में 4.9 मिलीमीटर वर्षा दर्ज हुई है.
  • प्रदेश के 56 जिलों में बरसात हुई है, सबसे ज्यादा बिजनौर जिले में 1 दिन में 29.7 मिलीमीटर वर्षा हुई.

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ऐसे में यह बरसात किसानों के लिए सोना बरसाने वाली है. ठीक वक्त की बरसात के बावजूद किसानों को थोड़ा सतर्क रहने की जरूरत है. खेत में पानी का ठहराव बिल्कुल नहीं होना चाहिए. अगर पानी का ठहराव होगा तो वह गेहूं की फसल के लिए भी नुकसानदायक होगा.
-डॉ. राम शब्द जैसवारा, निदेशक, कृषि प्रसार

Intro:लखनऊ. जनवरी के पहले सप्ताह में उत्तर प्रदेश में हुई बरसात में किसानों को अच्छी फसल के संकेत दे दिए हैं. कृषि विशेषज्ञों के अनुसार इस मौसम की बारिश से जहां फसल उत्पादन बढ़ेगा वहीं किसानों की उत्पादन लागत भी घट जाएगी लेकिन बारिश से होने वाले पानी के ठहराव को लेकर किसानों को सतर्क रहने की जरूरत है.


Body:पूस महीने के आखिरी दिनों में हुई बारिश से गेहूं के किसानों के चेहरे खिले हुए हैं. इससे गेहूं फसल का उत्पादन बढ़ने की उम्मीद की जा रही है. जाड़े में हुई इस बारिश का वक्त किसानों के लिए बेहद मौके का है. गेहूं के खेतों में इन दिनों किसानों को सिंचाई करने की जरूरत होती है लेकिन बारिश ऐसे वक्त पर हुई है जिससे अब उन्हें सिंचाई की जरूरत नहीं रही । बल्कि यह ध्यान देने की जरूरत है कि गेहूं के खेत में पानी का ठहराव ना होने पाए. कृषि विभाग के निदेशक डॉ राम शब्द जैसवारा ने बताया कि पिछले सप्ताह में हुई बारिश का किसानों को फसल उत्पादन के तौर पर फायदा मिलने जा रहा है क्योंकि यह बारिश गेहूं में स्वाभाविक वृद्धि दर्ज करेगी । उन्होंने कहा कि खेतों में सिंचाई से जितना फसल को फायदा होता है उससे ज्यादा फायदा प्राकृतिक बरसात से मिलता देखा गया है । ऐसे में यह बरसात किसानों के लिए सोना बरसाने वाली है. ठीक वक्त की बरसात के बावजूद किसानों को थोड़ा सतर्क रहने की जरूरत है खेत में पानी का ठहराव बिल्कुल नहीं होना चाहिए अगर पानी का ठहराव होगा तो वह गेहूं की फसल के लिए भी नुकसानदायक होगा उन्होंने बताया कि इससे केवल सरसों के खेतों को नुकसान होगा जिनमें बुवाई देर से हुई है और अब फूल आए हुए हैं ।इसके अलावाव आलू के किसान को भी यह ध्यान देने की जरूरत है कि खेत में पानी ठहरने न पाए. उन्होंने बताया कि अगर किसानों ने खेत में पानी के ठहराव की समस्या पर नियंत्रण पा लिया तो फसल का उत्पादन बहुत अच्छा मिलने की उम्मीद है.

बाइट/ डॉक्टर राम शब्द जैसवारा, निदेशक, कृषि प्रसार

जनवरी माह में हुई बारिश

उत्तर प्रदेश में जनवरी माह में अब तक 8:1 मिमी औसत वर्षा दर्ज हुई है जो सामान्य से 158 प्रतिशत अधिक है ।
9 जनवरी को उत्तर प्रदेश में 4.9 मिलीमीटर वर्षा दर्ज हुई है ।प्रदेश के 56 जिलों में बरसात हुई है सबसे ज्यादा बिजनौर जिले में 1 दिन में 29.7 मिलीमीटर वर्षा हुई है।




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