लखनऊ: राजधानी लखनऊ में बुधवार को किसान आंदोलन के 6 माह पूरे होने पर काला दिवस मनाया गया. नए कृषि कानून को लेकर किसानों का विरोध एक बार फिर तेज होता दिखाई दे रहा है, आज संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर एक बार फिर किसान दिल्ली की सीमा पर एकत्रित हो रहे हैं.
काले झंडे दिखाकर किया प्रदर्शन
लखनऊ के मोहनलालगंज, सरोजनी नगर, बीकेटी, मलिहाबाद, गोसाईगंज इलाके में शांति पूर्वक काले झंडे दिखाकर सरकार का पुतला दहन कर विरोध प्रदर्शन किया गया. जहां किसानों को संभालने के लिए भारी पुलिस भी तैनात की गई थी. लखनऊ जिला अध्यक्ष सरदार गुरमीत सिंह एवं जिला महामंत्री दिलराज सिंह, मीडिया प्रभारी करण गुप्ता के नेतृत्व में किसानों ने हाथ में काले झंडे लेकर विरोध प्रदर्शन किया.
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मुजफ्फरनगर में किसानों ने मनाया काला दिवस
मुजफ्फरनगर: दिल्ली बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन को 26 जून को छह माह पूर्ण होने पर किसानों ने इसे काला दिवस के रूप में मनाया. जिले के किसानों ने भी बुधवार को काला दिवस के रूप में मनाया. जिसके चलते किसानों ने आज-जगह जगह हाथों में काले झंडे लेकर प्रदर्शन करते हुए केंद्र सरकार का पुतला दहन किया. बीकेयू कार्यालय महावीर चौक तक पैदल मार्च निकाला. इस दौरान एक बच्ची ने भी प्रदर्शन किया.
कृषि कानूनों का किसानों ने जमकर किया विरोध
मेरठ में आज किसानों ने केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों के विरोध में काला दिवस मनाया. वहीं जिले में किसानों ने अपने घरों, ट्रैक्टरों पर काले झंडे लगाकर विरोध जताया है. मोदीपुरम क्षेत्र के सिवाया टोल प्लाजा पर जाम लगाकर प्रदर्शन किया है.
बुलंदशहर में किसानों ने मनाया काला दिवस, शहर में रहा अलर्ट
बुलंदशहर में आज भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने काला दिवस मनाया. जिले के काला आम चौराहे पर भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने प्रधानमंत्री का पुतला फूंका और तीनों काले कानूनों के खिलाफ चल रहे धरने के 6 माह पूरे होने पर किसानों ने काला दिवस मनाया. भारतीय किसान यूनियन ने घर, वाहनों पर काले झंडे लगाए और कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए केंद्र सरकार का जगह-जगह पुतला जलाने का ऐलान किया. इसी बीच नगर पुलिस द्वारा भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों से पुतला छीन लिया जिससे गुस्साए भारतीय किसान यूनियन व कांग्रेस के कार्यकर्ता काले आम चौराहे पर ही धरने पर बैठ गए.
बागपत में किसानों ने मनाया काला दिवस
बागपत कृषि कानूनों के विरोध में छह माह से किसान आंदोलन कर रहे हैं. सरकार कृषि कानूनों को वापस लेने को तैयार नहीं है, इसके ही विरोध में बागपत के किसानों ने आज काला दिवस मनाया है. किसानों ने घर, वाहन, सड़कों पर लगी बेरिकेटिंग आदि स्थानों पर काले झंडे बांधकर विरोध दर्ज किया. किसानों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कानूनों को वापस लेने की पुरजोर मांग की है. खाप के नेतृत्व में किसानों ने कारों पर काले झंडे बांधकर बड़ौत शहर में जुलूस भी निकाला.
उन्नाव में किसानों ने काले झंडे लेकर निकाला मार्च, किया विरोध प्रदर्शन
उन्नाव में तीन कृषि कानूनों को काला कानून बताते हुए भारतीय किसान संयुक्त मोर्चा ने काले झंडे लेकर विरोध प्रदर्शन किया. वहीं भारतीय किसान संयुक्त मोर्चा के सदस्यों ने कोरोना को देखते हुए 5 लोगों ने काला झंडा लेकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया. वहीं कलेक्ट्रेट पहुंचकर सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा. राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन में पीएम और कृषि मंत्री से कानून वापस लेने की मांग की.
किसानों ने आज 26 मई को काला दिवस के रूप में मनाया
रामपुर में आज भारतीय किसान यूनियन के जिला कार्यालय पर कई दर्जन किसान इकट्ठा हुए और आज के दिन को किसानों ने काला दिवस के रूप में मनाया. किसान विरोधी कानून को लेकर देश का किसान पिछले 6 महीने से खुले आसमान के नीचे गाज़ीपुर बॉर्डर, सिंधु बॉर्डर पर बैठा है और वह इन तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहा है. इसी को लेकर आज किसानों ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर 26 मई को काला दिवस के रूप में मनाया.
किसानों के लोगों ने आंख पर काली पट्टी बांधकर किया गया विरोध प्रदर्शन
बलिया में 26 मई को बीकाभगत पोखरे पर किसान बिल को लेकर किसानों द्वारा काली पट्टी बांधकर सरकार के विरोध प्रदर्शन किया गया.