नई दिल्ली : कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन के बीच मंगलवार को गाजीपुर बॉर्डर पर बैसाखी पर्व मनाया गया, जहां जलियांवाला बाग के शहीदों को याद कर खालसा साजना दिवस मनाया गया.
वहीं धार्मिक जत्थों ने कथा कीर्तन कर इतिहास पर प्रकाश डाला एवं गतका टीम ने भी जौहर दिखाए. वहीं इंटरनेशनल गोल्ड मेडलिस्ट जथेदार गुरचरन सिंह के रणजीत अखाड़ा की गतका टीम ने कई करतब दिखाते हुए युद्ध कला का प्रदर्शन किया.
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इस दौरान भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रावक्ता और किसान नेता राकेश टिकैत ने जत्थों को किसानी सरोपा देकर सम्मानित किया. मंच पर बाबा मोहन सिंह, बाबा प्रताप सिंह, बाबा जग्गा सिंह, बाबा गोरखा और कार सेवा दिल्ली आदि संत मौजूद रहे.
इस मौके पर गाजीपुर किसान मोर्चा के प्रवक्ता जगतार सिंह बाजवा ने बताया आज ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर बैसाखी का पर्व मनाया गया जहां उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के विभिन्न जिलों के किसान मौजूद रहे.
उन्होंने बताया कि हर साल बैसाखी का पर्व किसान गांवों में अपने परिवार के साथ हर्षोल्लास के साथ मनाते थे लेकिन सरकार की तानाशाही के चलते आज त्योहारों को सड़कों पर मनाने पर मजबूर हैं.
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वहीं बाजवा ने बताया कि 14 अप्रैल को संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के जन्म दिवस पर गाजीपुर बॉर्डर पर संविधान बचाओ किसान बहुजन एकता दिवस के रूप में मनाया जाएगा.