लखनऊ : उत्तर प्रदेश में बीते छह साल में एक भी किसान आत्महत्या के लिए मजबूर नहीं हुआ है. जरा याद कीजिए वो समय जब प्रदेश के गन्ना किसान खेतों में ही अपनी फसल को जलाने के लिए मजबूर था. उसे ना समय से सिंचाई के लिए पानी मिलता था ना बिजली उपलब्ध कराई जाती थी और तो और समय से उनकी बकाया धनराशि का भुगतान भी नहीं किया जाता था. आज का दिन गन्ना किसानों के लिए ऐतिहासिक होने जा रहा है, जब होली की पूर्व संध्या पर सोमवार को दो लाख करोड़ की धनराशि किसानों के बैंक खातों में सीधे डीबीटी के माध्यम से भेजी गई. हमने गन्ना किसानों को दलालों के चंगुल से मुक्त कराया है. आज किसानों को पर्ची के लिए इधर उधर भटकना नहीं पड़ता और उनकी पर्ची उनके स्मार्टफोन में आ जाती है.
यह बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को सहकारी गन्ना एंव चीनी मिल समितियों में स्थापित फार्म मशीनरी बैंकों के लिए 77 ट्रैक्टरों को हरी झंडी दिखाकर रवाना करने से पूर्व कहीं. कहा कि आज प्रदेश की 77 गन्ना समितियों को ट्रैक्टर और मशीनरी उपलब्ध कराई जा रही है. मुख्यमंत्री ने बताया कि आज प्रदेश में 2.60 करोड़ किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की सुविधा का लाभ ले रहे हैं. हमने पिछले साढ़े तीन वर्ष के अंदर 51 हजार करोड़ की राशि उनके खाते में पहुंचाने का काम किया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज यूपी देश में नया रिकॉर्ड बनाने जा रहा है. पहली बार दो लाख करोड़ से अधिक की राशि का गन्ना भुगतान किसानों के बैंक खातों में पहुंच रही है. देश के कई राज्य ऐसे हैं जिनका वार्षिक बजट भी दो लाख करोड़ नहीं है. हमारे गन्ना किसानों का ये पुरुषार्थ ही है कि वह प्रति हेक्टयर अतिरिक्त 10 टन गन्ना का उत्पादन कर रहा है. इसके अलावा प्रदेश में आज 8 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि पर गन्ना का दायरा बढ़ा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा अन्नदाता आत्महत्या के लिए मजबूर था. आज 6 साल में यूपी में किसी किसान के सामने आत्महत्या करने की नौबत नहीं आई.
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के पुरुषार्थ का ही परिणाम है कि देश के अंदर सर्वाधिक ग्रीन एथनॉल हमारे गन्ना किसानों के माध्यम से उत्पादित हो रहा है. पहले हमारा ही पैसा पेट्रो डालॅर के नाम पर बाहर जाता था और हमारे ही खिलाफ आतंकवाद के रूप में खर्च होता था. अब एथनॉल किसानों के खेत में गन्ना के रूप में पैदा हो रहा है और जल्द यही डीजल और पेट्रोल के रूप में उपयोग में आता दिखाई देगा. यूपी में आज सर्वाधिक एथनॉल उत्पादन होता है. आज मैकेनाइज फार्मिंग कर के हमारे किसान आगे बढ़ रहे हैं. इसके अलावा सह-फार्मिंग का उपयोग एफपीओ के माध्यम से हो रहा है.
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश की 119 मिलों में से 105 ऐसी हैं जो 10 दिन में गन्ना मूल्य का भुगतान कर रही हैं. बाकि के 14-15 पर भी हमने दबाव बनाया है. आज पर्ची की मारा मारी नहीं है. जहां पहले दलाल सक्रिय थे, वहां आज किसान के स्मार्टफोन पर ही उसकी पर्ची आ जाती है, जो किसानों के नाम पर शोषण और दलाली करते थे उनकी दुकान बंद हो गई है. 120 वर्ष की गन्ना चीनी मिलों की यात्रा कुछ सौ क्विंटल की पेराई से शुरू हुई थी जो आज लाखों टन पेराई तक पहुंच चुकी है. गन्ना से केवल चीनी ही नहीं, बल्कि बिजली और इथनॉल भी मिल रही है. पिपराइच चीनी मिल फाइन शुगर दे रही है, जिसकी दुनिया में बहुत मांग है. इसके अलावा डिस्टलरी लग रही है, जिसके बगैर फार्मा उद्योग चल ही नहीं सकता. यह सब आज एक कॉम्प्लेक्स के रूप में काम कर रही है. मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण, राज्य मंत्री संजय सिंह गंगवार, मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र, कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज सिंह, अपर मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद मौजूद रहे.