लखनऊः पवित्र महीना रमजान के आखिरी अशरे (अन्तिम दस दिन) की विशेषता पर दारूल उलूम फंरगी महल के सरपरस्त और मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने शनिवार को ऑनलाइन खिताब किया. ऑनलाइन संबोधन में उन्होंने कहा कि अल्लाह के इनामों में से एक इनाम रमजानुल मुबारक का महीना है, जिसमें एक नेकी का सत्तर से 700 गुना तक अल्लाहतआला अपने बंदों को सवाब देता है. इससे नेकी की ऐसी फिजा और माहौल बन जाता है कि बंदे के दिल का झुकाव बुराई की तरफ कम और अच्छाई की तरफ ज्यादा से ज्यादा हो.
बेहद सवाबों वाली रात
शनिवार को अपने ऑनलाइन संबोधन में मौलाना खालिद रशीद ने कहा कि इसी मुबारक महीने में रोज़े जैसे अहम्तरीन रुक्न-ए-इस्लाम को फर्ज किया कि इसका दिन रोजे की हालत में गुज़ारा जाएगा. इसमें रोज़ा रखने का बदला अपने लिए खास किया. उन्होंने कहा कि रमजान के आखिरी दिनों में शबे कद्र को रख कर खुदा पाक ने उम्मत पर बड़ा करम फरमाया. इस एक रात को एक हजार महीने से भी ज्यादा फायदा पहुंचाने वाली रात बनाया. इस एक रात में किए जाने वाले नेक काम को हजार महीने की रातों में किए जाने वाले कामों के बराबर करार दिया. यह रात इतनी ज्यादा नूर वाली होती है कि हर चीज मुनव्वर हो जाती है. इस दौरान पूरे विश्व और अपने देश से कोरोना के खात्मे के लिए विशेष दुआ करें.
इसे भी पढ़ेंः केटी ऑक्सीजन विस्फोट मामला : मृतकों के परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप
शब ए कद्र की रातों में खूब इबादत करें
मौलाना ने कहा कि इस माह की बहुत बड़ी बरकत है कि हमने कुछ रातों में कुरान मजीद सुना. हम पर यह जिम्मेदारी है कि कुरान मजीद के अहकाम से वाकिफ हों. उसके हुकमों पर अमल करें. बाकी बचे हुए दिनों में फर्ज, सुन्नत, नवाफिल, तरावीह और तहज्जुद की पाबन्दी करें. शब-ए-कद्र का एहतिमाम करें. अपने माल की जकात निकालें. सदका फित्र अदा करें ताकि गरीब भी ईद की खुशियां हासिल कर सकें.