लखनऊ: उत्तर प्रदेश में लगातार कोरोना महामारी का कहर जारी है. ऐसे में प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं बेपटरी हो चुकी हैं. गम्भीर संक्रमित मरीजों को अस्पतालों में बेड नहीं मिल पा रहे हैं. संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा होने के कारण लोग अपने घरों में ही आइसोलेट हैं. साथ ही प्रदेश भर में ऑक्सीजन की कमी ने लोगों के सामने संकट खड़ा कर दिया है, जहां एक तरफ प्रदेश सरकार ने अस्पतालों में पर्याप्त ऑक्सीजन होने की बात कही है, वहीं दूसरी तरफ अगर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की बात जाये तो ऑक्सीजन प्लांट में लगी लंबी लाइनें सरकार के दावों की जमीनी हकीकत बयां कर रही है. अन्य प्रदेशों और विदेशों से आ रही ऑक्सीजन भी शायद कम पड़ती दिख रही है.
ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए मारामारी
उत्तर प्रदेश राजधानी की बात की जाए तो घरों में आइसोलेट लोगों को भी भारी मात्रा में ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है. ऐसे में अलग-अलग ऑक्सीजन प्लांटों में मरीजों के परिजन लंबी-लंबी लाइनों में घंटों ऑक्सीजन के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं. परिजनों का कहना है कि इन प्लांटों में ऑक्सीजन की वितरण प्रणाली ठीक ना होने के कारण उन्हें घंटों बाद भी ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है. साथ ही निजी अस्पतालों के लिए पहले ऑक्सीजन गाड़ियों में भरकर दी जा रही है, जिस वजह से ऑक्सीजन जल्द खत्म हो जाती है और लाइन में लगे लोगों को नहीं मिल पा रही है.
लोगों का आरोप यह भी है कि निजी अस्पताल ऑक्सीजन के बदले मोटी रकम इन प्लांटों में दे रहे हैं, जिस वजह से प्लांट मालिकों की प्राथमिकता पहले अस्पतालों को ऑक्सीजन मुहैया कराने में है. हालांकि इस बात को लेकर प्लांट मालिकों से बात करने की कोशिश की गई लेकिन कैमरे के सामने कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हुए. कहीं ना कहीं ऑक्सीजन की मारामारी प्लांटों की वितरण प्रणाली पर प्रश्न चिन्ह जरूर लगा रहा है. साथ ही सरकार द्वारा किए गए दावों को भी झुठला रहा है.