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नौकरी दिलाने का वादा करने वाला फर्जी IPS अधिकारी गिरफ्तार

फर्जी IPS अधिकारी गिरफ्तार
फर्जी IPS अधिकारी गिरफ्तार
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Published : Apr 7, 2022, 7:58 AM IST

Updated : Apr 7, 2022, 8:51 AM IST

07:48 April 07

पुलिस हो या ATS हर विभाग में नौकरी दिलाने का वादा करता था फर्जी IPS अधिकारी

लखनऊ: यूपी एसटीएफ ने फर्जी आईपीएस, आईएएस व आईबी अधिकारी बनकर युवाओं को नौकरी दिलाने का झांसा देकर करोड़ों की ठगी करने वाले प्रतीक मिश्र को गिरफ्तार किया है. ठग प्रतीक अब तक 250 लोगों को अपना शिकार बना चुका है. प्रतीक के पास से एसटीएफ ने आईपीएस का फर्जी आईडी कार्ड, यूपी पुलिस आरक्षी का नियुक्ति पत्र, ATS स्पॉट का नियुक्ति पत्र और कई सरकारी विभागों का ट्रांसफर लेटर बरामद किया है.

एसटीएफ के मुताबिक, मूल रूप से सिद्धार्थनगर जिले का रहने वाला प्रतीक मिश्रा पिछले 3 सालों से लखनऊ में रह कर फर्जी IPS, IAS, IB अधिकारी, NIC का यूपी हेड और cyber solution information centre का एमडी बनकर युवाओं को नौकरी दिलाने का झांसा देकर करोड़ों की ठगी कर रहा था. इस मामले में लखनऊ के विभूतिखंड थाने में उसके खिकाफ छह मुकदमे दर्ज थे. एसटीएफ ने जब जांच शुरू की तो उन्हें पता चला कि प्रतीक एक बार फिर फर्जी आईपीएस अधिकारी बन कर अपना शिकार ढूंढ रहा है. सूचना मिलने पर विभूतिखंड में ही उसे एसटीएफ ने धर दबोच लिया.

यह भी पढ़ें: यूपी का माफिया राज: मोहब्बत में नाकामी ने कैसे बना दिया कुख्यात हत्यारा, चार राज्यों के लिए बन गया था सिरदर्द?

ATS में नौकरी दिलाने के नाम पर की ठगी

एसटीएफ ने बताया कि दिसम्बर 2021 में प्रतीक ने कुशीनगर के आदर्श राव को खुद को आईपीएस अधिकारी बता कर उसको आतंकवाद निरोधक दस्ता (ATS) में स्पॉट टीम में भर्ती करवाने का झांसा दिया और एडवांस में 22 हजार रुपये ले लिए, लेकिन दोबारा उसने आदर्श से मुलाकात नहीं की. इसी तरह उसने विजय यादव को नगर निगम में नौकरी दिलाने के नाम पर 1.5 लाख, गोरखपुर केे चंद्रजीत से 1.5 लाख, विवेक कुमार से 3 लाख, संत कुमार से 3.5 लाख, मिराज से 1.5 लाख, नीतू सिंह से उसको, उसके भाई व पति को नौकरी दिलाने के नाम पर 6 लाख लिए थे.

यूपी पुलिस में एसआई व कॉन्स्टेबल के पद पर नौकरी दिलाने के नाम पर सत्यम सिंह से 2.5 लाख रुपये की ठगी की थी. 102 एम्बुलेंस में नौकरी दिलाने के नाम पर प्रतीक ने 5 लड़कों से 60 हजार रुपये ऐंठ लिए थे.

कोरोना काल में 200 लड़कों के साथ की ठगी

पूछताछ में प्रतीक ने बताया कि साल 2021 में cyber solution information centre के नाम से उसने एक कंपनी खोली थी. इसके माध्यम से लड़कों को भर्ती करने के लिए NIC में स्टेट हेड बताकर लड़कों के वर्क फ्राम होम के लिए टीएल की सैलरी 20000 रुपये, ऑपरेटर सैलेरी 74000 रुपये, क्लस्टर हेड सैलेरी 60000 रुपये देने का झांसा देकर लगभग 220 लोगों को कोविड के समय में work from home से डाटा इंट्री की नौकरी देने के लिए रजिस्ट्रेशन कराने के लिए हर एक युवक से 6500 से लेकर 25000 रुपये तक लिए और कम्पनी बंद कर फरार हो गया था. अगस्त 2021 में बीमा फ्राड के मुकदमे में थाना गोमती नगर एक्सटेंशन से जेल गया. वहां से वापस आने पर फिर उसने 8 लोगों से प्रधानमंत्री आवास दिलाने के नाम पर 2 लाख रुपये ठग लिए.

ऑनलाइन लोन लेकर कंपनी को लगाया चूना

आरोपी प्रतीक ने पूछताछ में बताया कि वो सिर्फ युवाओं को ही नहीं ठगता था, बल्कि लोन देने वाली कंपनियों को भी आसानी से चूना लगा देता था. उसने बताया कि 28 ऑनलाइन लोन एप से लगभग 3 लाख का लोन ले लिया था. लोन लेने के लिए जब उसके पास वेरीफिकेशन करने के लिए कॉल आती थी, तब वह VOIP CALLING के लिए Magic call app, features data call and voice changer का प्रयोग कर कंपनी को चूना लगा देता था.

पिता की मौत के बाद बना फर्जी IPS अधिकारी

प्रतीक ने एसटीएफ को बताया कि बचपन में उसके पिता की मौत हो जाने के बाद साल 2010 से 2018 तक उसने विभिन्न कम्पनियों में नौकरी की थी, लेकिन साल 2019 में लखनऊ में नौकरी करने आया और यहां आने के बाद अपने जानने वाले लोगों को बताया कि उसका सेलेक्शन IPS में हो गया है. मैं लोगों को नौकरी दिला सकता हूं. इसके बाद उसने लोगों को ठगने का खेल शुरू किया था.

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07:48 April 07

पुलिस हो या ATS हर विभाग में नौकरी दिलाने का वादा करता था फर्जी IPS अधिकारी

लखनऊ: यूपी एसटीएफ ने फर्जी आईपीएस, आईएएस व आईबी अधिकारी बनकर युवाओं को नौकरी दिलाने का झांसा देकर करोड़ों की ठगी करने वाले प्रतीक मिश्र को गिरफ्तार किया है. ठग प्रतीक अब तक 250 लोगों को अपना शिकार बना चुका है. प्रतीक के पास से एसटीएफ ने आईपीएस का फर्जी आईडी कार्ड, यूपी पुलिस आरक्षी का नियुक्ति पत्र, ATS स्पॉट का नियुक्ति पत्र और कई सरकारी विभागों का ट्रांसफर लेटर बरामद किया है.

एसटीएफ के मुताबिक, मूल रूप से सिद्धार्थनगर जिले का रहने वाला प्रतीक मिश्रा पिछले 3 सालों से लखनऊ में रह कर फर्जी IPS, IAS, IB अधिकारी, NIC का यूपी हेड और cyber solution information centre का एमडी बनकर युवाओं को नौकरी दिलाने का झांसा देकर करोड़ों की ठगी कर रहा था. इस मामले में लखनऊ के विभूतिखंड थाने में उसके खिकाफ छह मुकदमे दर्ज थे. एसटीएफ ने जब जांच शुरू की तो उन्हें पता चला कि प्रतीक एक बार फिर फर्जी आईपीएस अधिकारी बन कर अपना शिकार ढूंढ रहा है. सूचना मिलने पर विभूतिखंड में ही उसे एसटीएफ ने धर दबोच लिया.

यह भी पढ़ें: यूपी का माफिया राज: मोहब्बत में नाकामी ने कैसे बना दिया कुख्यात हत्यारा, चार राज्यों के लिए बन गया था सिरदर्द?

ATS में नौकरी दिलाने के नाम पर की ठगी

एसटीएफ ने बताया कि दिसम्बर 2021 में प्रतीक ने कुशीनगर के आदर्श राव को खुद को आईपीएस अधिकारी बता कर उसको आतंकवाद निरोधक दस्ता (ATS) में स्पॉट टीम में भर्ती करवाने का झांसा दिया और एडवांस में 22 हजार रुपये ले लिए, लेकिन दोबारा उसने आदर्श से मुलाकात नहीं की. इसी तरह उसने विजय यादव को नगर निगम में नौकरी दिलाने के नाम पर 1.5 लाख, गोरखपुर केे चंद्रजीत से 1.5 लाख, विवेक कुमार से 3 लाख, संत कुमार से 3.5 लाख, मिराज से 1.5 लाख, नीतू सिंह से उसको, उसके भाई व पति को नौकरी दिलाने के नाम पर 6 लाख लिए थे.

यूपी पुलिस में एसआई व कॉन्स्टेबल के पद पर नौकरी दिलाने के नाम पर सत्यम सिंह से 2.5 लाख रुपये की ठगी की थी. 102 एम्बुलेंस में नौकरी दिलाने के नाम पर प्रतीक ने 5 लड़कों से 60 हजार रुपये ऐंठ लिए थे.

कोरोना काल में 200 लड़कों के साथ की ठगी

पूछताछ में प्रतीक ने बताया कि साल 2021 में cyber solution information centre के नाम से उसने एक कंपनी खोली थी. इसके माध्यम से लड़कों को भर्ती करने के लिए NIC में स्टेट हेड बताकर लड़कों के वर्क फ्राम होम के लिए टीएल की सैलरी 20000 रुपये, ऑपरेटर सैलेरी 74000 रुपये, क्लस्टर हेड सैलेरी 60000 रुपये देने का झांसा देकर लगभग 220 लोगों को कोविड के समय में work from home से डाटा इंट्री की नौकरी देने के लिए रजिस्ट्रेशन कराने के लिए हर एक युवक से 6500 से लेकर 25000 रुपये तक लिए और कम्पनी बंद कर फरार हो गया था. अगस्त 2021 में बीमा फ्राड के मुकदमे में थाना गोमती नगर एक्सटेंशन से जेल गया. वहां से वापस आने पर फिर उसने 8 लोगों से प्रधानमंत्री आवास दिलाने के नाम पर 2 लाख रुपये ठग लिए.

ऑनलाइन लोन लेकर कंपनी को लगाया चूना

आरोपी प्रतीक ने पूछताछ में बताया कि वो सिर्फ युवाओं को ही नहीं ठगता था, बल्कि लोन देने वाली कंपनियों को भी आसानी से चूना लगा देता था. उसने बताया कि 28 ऑनलाइन लोन एप से लगभग 3 लाख का लोन ले लिया था. लोन लेने के लिए जब उसके पास वेरीफिकेशन करने के लिए कॉल आती थी, तब वह VOIP CALLING के लिए Magic call app, features data call and voice changer का प्रयोग कर कंपनी को चूना लगा देता था.

पिता की मौत के बाद बना फर्जी IPS अधिकारी

प्रतीक ने एसटीएफ को बताया कि बचपन में उसके पिता की मौत हो जाने के बाद साल 2010 से 2018 तक उसने विभिन्न कम्पनियों में नौकरी की थी, लेकिन साल 2019 में लखनऊ में नौकरी करने आया और यहां आने के बाद अपने जानने वाले लोगों को बताया कि उसका सेलेक्शन IPS में हो गया है. मैं लोगों को नौकरी दिला सकता हूं. इसके बाद उसने लोगों को ठगने का खेल शुरू किया था.

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Last Updated : Apr 7, 2022, 8:51 AM IST
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