लखनऊ: राजधानी लखनऊ के अंतर्गत आने वाले बख्शी का तालाब विधानसभा क्षेत्र में प्राचीन रेठ नदी विलुप्त होने के कगार पर पहुंच गई है. नदी का जलस्तर पूरी तरह से खत्म होता जा रहा है. जिससे किसानों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. किसानों के मुताबिक नदी का जलस्तर कम होने की वजह से उन्हें खेतों में सिंचाई करने में काफी समस्या होती है. हालांकि इस विषय में क्षेत्रीय विधायक अविनाश त्रिवेदी ने किसानों को आश्वासन दिया कि, जल्द ही उनकी समस्याओं को दूर किया जाएगा.
नदी का जल्द होगा जीर्णोंद्धार
क्षेत्रीय विधायक अवनीश त्रिवेदी के मीडिया प्रभारी अनुराग भदौरिया ने बताया कि बख्शी का तालाब क्षेत्र में प्राचीन रेठ नदी कुनौरा-शाहपुर से निकलकर इंदारा, कुम्हरावां, पिलेहटी, अमरसण्डा व बबुरी गांव होते हुए बाराबंकी जिले में गोमती नदी से मिल जाती है, इसकी कुल लम्बाई 35 किमी है. जिसमें से करीब 8 किमी क्षेत्र विकास खण्ड बीकेटी में आता है, इसके ज्यादातर हिस्से पर अवैध कब्जा है, लोगों ने नदी के किनारों को पाट दिया है. जिसकी वजह से नदी छोटे नाले के रूप में सिमट गयी है और सूखती जा रही है.
नदी के पुनजीर्वित होने से किसानों को होगा फायदा
नदी के पुनजीर्वित होने से वर्षाजल भी सरंक्षित होगा एवं सैकड़ों किसानों को सिंचाई के लिए पानी भी उपलब्ध हो सकेगा. अनुराग सिंह ने बताया कि क्षेत्रीय विधायक अविनाश त्रिवेदी के अथक प्रयास के बाद शासन ने विकास खण्ड बीकेटी को नदी का जीर्णोंद्धार कराने की जिम्मेदारी दी है. इसके लिए मनरेगा योजना के तहत मजदूरों से काम कराया जाएगा.
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