लखनऊ: गाजियाबाद से जल निगम के अधिशासी अभियंता विक्रम सिंह ठेका देने के नाम पर 13 लाख रुपये रिश्वत मांग रहे थे. गुरुवार को उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) की मेरठ यूनिट ने अधिशासी अभियंता को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी को शुक्रवार को मेरठ स्थित एंटी करप्शन कोर्ट में पेश किया.
विजिलेंस मेरठ यूनिट के डीएसपी सुधीर सिंह ने बताया कि मुरादनगर से दिल्ली तक जा रही गंगाजल की पाइपलाइन से सिल्ट सफाई के लिए जल निगम ने टेंडर आमंत्रित किए थे. यह ठेका कुल 3.60 करोड़ रुपये का था. ठेका देने के बदले ठेकेदार सतीश से 7% कमीशन मांगा जा रहा था. कमीशन नहीं मिलने पर काम नहीं देने की बात कही जा रही थी. आखिर 21 लाख रुपये में सौदा तय हुआ. सतीश ने इसकी शिकायत विजिलेंस में की. शासकीय अधिकारी पर कार्रवाई के लिए विजिलेंस मेरठ ने 5 अप्रैल को उप्र सरकार से परमिशन ली.
शुक्रवार को अदालत में होगी पेशी
शासन से कार्रवाई की हरी झंडी मिलते ही गुरुवार को विजिलेंस टीम ने गाजियाबाद में अधिशासी अभियंता विक्रम सिंह को 13 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया. उसे तत्काल गाजियाबाद के कविनगर थाने में ले जाया गया. विक्रम सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया है. विजिलेंस डीएसपी ने बताया कि आरोपी को शुक्रवार को मेरठ स्थित अदालत में पेश किया जाएगा.