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लखनऊ विश्वविद्यालय कार्यपरिषद की बैठक में फैसला, कॉलेजों पर जुर्माना बरकरार

राजधानी के तीन कॉलेजों पर लगाए गए जुर्माने को लखनऊ विश्वविद्यालय कार्यपरिषद की बैठक में बरकरार रखा गया है. इन तीन कॉलेजों पर विश्वविद्यालय की तरफ से लगाए गए एक लाख रुपये के अर्थदंड को कार्यपरिषद ने बरकरार रखा है.

लखनऊ विश्वविद्यालय कार्यपरिषद की बैठक
लखनऊ विश्वविद्यालय कार्यपरिषद की बैठक
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Published : Oct 1, 2020, 8:33 PM IST

लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय ने कार्य परिषद की बैठक में विश्वविद्यालय से सम्बद्ध तीन कॉलेज मुमताज डिग्री कॉलेज, नगर निगम डिग्री कॉलेज और सरदार भगत सिंह कॉलेज पर लगे अर्थदंड को बरकरार रखा है. विश्वविद्यालय के कुलपति आलोक कुमार राय की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान समाजशास्त्र विभाग के शिक्षक एसके चौधरी के मामले में कमेटी की रिपोर्ट पर कानूनी सलाह लेने को कहा है.

जूलॉजी के डॉक्टर सुधीर पवार के मामले में कोर्ट के आदेशों के अनुपालन में परीक्षण कर अहर्ता तिथि से लाभ देने पर सहमति दी गई. जूलॉजी डिपार्टमेंट के डॉ. एसपी त्रिवेदी को अहर्ता तिथि से वरिष्ठता का लाभ देने पर कार्यपरिषद ने अपनी सहमति दे दी.

इसके अलावा गणित के शिक्षक डॉ. प्रवीण नागर का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है, जबकि शिक्षा शास्त्र विभाग के डॉ. एके शुक्ला के असाधारण अवकाश को अनुमोदित करने के साथ ही उन्हें जॉइन कराने का निर्देश दिया गया है. डॉ. शुक्ला बरेली विश्वविद्यालय के कुलपति रहे हैं. इसके अलावा बैठक में कार्य परिषद में अस्थाई कर्मचारियों को पहले की तरह 11 माह तक रखने का आदेश देते हुए ससमय वेतन भुगतान को कहा गया है.

निर्धारित समय के भीतर स्थाई संबद्धता न ले पाने के आरोप से घिरे मुमताज डिग्री कॉलेज, नगर निगम डिग्री कॉलेज और सरदार भगत सिंह कॉलेज पर विश्वविद्यालय के तरफ से लगाए गए एक लाख रुपये के अर्थदंड को कार्यपरिषद ने बरकरार रखा है. जानकारी के मुताबिक जुलाई में लखनऊ विश्वविद्यालय ने 7 कॉलेजों पर जुर्माना लगाने को कहा था. इसमें से 4 कॉलेजों ने अर्थदंड जमा कर दिया था.

लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय ने कार्य परिषद की बैठक में विश्वविद्यालय से सम्बद्ध तीन कॉलेज मुमताज डिग्री कॉलेज, नगर निगम डिग्री कॉलेज और सरदार भगत सिंह कॉलेज पर लगे अर्थदंड को बरकरार रखा है. विश्वविद्यालय के कुलपति आलोक कुमार राय की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान समाजशास्त्र विभाग के शिक्षक एसके चौधरी के मामले में कमेटी की रिपोर्ट पर कानूनी सलाह लेने को कहा है.

जूलॉजी के डॉक्टर सुधीर पवार के मामले में कोर्ट के आदेशों के अनुपालन में परीक्षण कर अहर्ता तिथि से लाभ देने पर सहमति दी गई. जूलॉजी डिपार्टमेंट के डॉ. एसपी त्रिवेदी को अहर्ता तिथि से वरिष्ठता का लाभ देने पर कार्यपरिषद ने अपनी सहमति दे दी.

इसके अलावा गणित के शिक्षक डॉ. प्रवीण नागर का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है, जबकि शिक्षा शास्त्र विभाग के डॉ. एके शुक्ला के असाधारण अवकाश को अनुमोदित करने के साथ ही उन्हें जॉइन कराने का निर्देश दिया गया है. डॉ. शुक्ला बरेली विश्वविद्यालय के कुलपति रहे हैं. इसके अलावा बैठक में कार्य परिषद में अस्थाई कर्मचारियों को पहले की तरह 11 माह तक रखने का आदेश देते हुए ससमय वेतन भुगतान को कहा गया है.

निर्धारित समय के भीतर स्थाई संबद्धता न ले पाने के आरोप से घिरे मुमताज डिग्री कॉलेज, नगर निगम डिग्री कॉलेज और सरदार भगत सिंह कॉलेज पर विश्वविद्यालय के तरफ से लगाए गए एक लाख रुपये के अर्थदंड को कार्यपरिषद ने बरकरार रखा है. जानकारी के मुताबिक जुलाई में लखनऊ विश्वविद्यालय ने 7 कॉलेजों पर जुर्माना लगाने को कहा था. इसमें से 4 कॉलेजों ने अर्थदंड जमा कर दिया था.

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