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राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ने बताया, 'अनस्किल्ड महिलाओं को कैसे मिलेगा रोजगार' - ग्रामीण आजीविका मिशन के निदेशक सुजीत कुमार

उत्तर प्रदेश के राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के निदेशक सुजीत कुमार ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़े कई अहम मुद्दों पर चर्चा की.

interview of director of upsrlm sanjeev kumar
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के निदेशक सुजीत कुमार.
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Published : May 28, 2020, 3:32 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के निदेशक सुजीत कुमार ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में महिलाओं की स्किल को देखते हुए ट्रेनिंग व रोजगार देने जैसी कई जानकारियां साझा कीं. उन्होंने कहा कि कोरोना संकटकाल में ग्रामीण आजीविका मिशन की लोगों को रोजगार दिलाने में अहम भूमिका निभा रही है. दूसरे राज्यों से आईं महिलाओं को उनके हुनर के आधार पर ट्रेनिंग और रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है.

उत्तर प्रदेश में करीब 3.5 लाख समूह.

38 लाख महिलाएं विभिन्न समूहों से जुड़ीं
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के निदेशक सुजीत कुमार ने बताया कि उत्तर प्रदेश में करीब 3.5 लाख समूह बना चुके हैं. इसके अंतर्गत करीब 38 लाख महिलाएं विभिन्न समूहों से जुड़ी हैं. ये महिलाएं अलग-अलग गतिविधियों में काम करती हैं. महिलाएं सिलाई-कढ़ाई, पशु पालन, अगरबत्ती बनाने जैसे विभिन्न काम कर रही हैं. ये महिलाएं घर के काम के साथ 6-8 हजार रुपये महीने की आमदनी भी कमा लेती हैं.

अनस्किल्ड महिलाओं को ट्रेनिंग.

हुनर के आधार पर हो रही ट्रेनिंग
सुजीत कुमार ने बताया कि समूह बनाने के बाद महिलाओं से पूछा जाता है कि वे किस काम में इच्छुक हैं. वहीं महिलाओं को अलग-अलग विभागों के माध्यम से ट्रेनिंग कराई जाती है ताकि वे किसी एक क्षेत्र में स्किल प्राप्त कर सकें. वहीं दूसरे प्रदेशों से आईं महिलाओं को रोजगार देने का काम किया जा रहा है. साथ ही अनस्किल्ड महिलाओं को ट्रेनिंग देने के बाद रोजगार मुहैया कराया जा रहा है.

उद्यान विभाग के माध्यम से महिलाओं को ट्रेनिंग.

लोकल स्तर पर काम
सुजीत कुमार ने जानकारी दी कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के द्वारा कहा गया है कि विशेष फोकस लोकल चीजों पर रखना है. अभी तक छोटे स्तर पर निर्माण होता है. उदाहरण के तौर पर हम लोग अचार, मुरब्बा बनाने का काम लोकल स्तर पर करते हैं, जिसके बाद ये सभी चीजें लोकल में ही यूज हो जाते हैं. अब कोरोना काल में अचानक बाहर से डिमांड आनी शुरू हो गई है. ऐसे में अब महिलाओं को उद्यान विभाग के माध्यम से अचार, मुरब्बा बनाने की ट्रेनिंग शुरू कर दी गई है. इसी तरह नि:शुल्क स्कूल ड्रेस वितरित कराने के लिए पहले बड़े स्किल से मंगाए जाते थे, लेकिन इस बार हम लोगों ने ये लक्ष्य रखा है कि एक करोड़ स्कूल ड्रेस महिलाओं से सिलवाकर वहीं लोकल स्कूल में वितरित करा देंगे, जिससे कई तरह के फायदे होंगे.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के निदेशक सुजीत कुमार ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में महिलाओं की स्किल को देखते हुए ट्रेनिंग व रोजगार देने जैसी कई जानकारियां साझा कीं. उन्होंने कहा कि कोरोना संकटकाल में ग्रामीण आजीविका मिशन की लोगों को रोजगार दिलाने में अहम भूमिका निभा रही है. दूसरे राज्यों से आईं महिलाओं को उनके हुनर के आधार पर ट्रेनिंग और रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है.

उत्तर प्रदेश में करीब 3.5 लाख समूह.

38 लाख महिलाएं विभिन्न समूहों से जुड़ीं
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के निदेशक सुजीत कुमार ने बताया कि उत्तर प्रदेश में करीब 3.5 लाख समूह बना चुके हैं. इसके अंतर्गत करीब 38 लाख महिलाएं विभिन्न समूहों से जुड़ी हैं. ये महिलाएं अलग-अलग गतिविधियों में काम करती हैं. महिलाएं सिलाई-कढ़ाई, पशु पालन, अगरबत्ती बनाने जैसे विभिन्न काम कर रही हैं. ये महिलाएं घर के काम के साथ 6-8 हजार रुपये महीने की आमदनी भी कमा लेती हैं.

अनस्किल्ड महिलाओं को ट्रेनिंग.

हुनर के आधार पर हो रही ट्रेनिंग
सुजीत कुमार ने बताया कि समूह बनाने के बाद महिलाओं से पूछा जाता है कि वे किस काम में इच्छुक हैं. वहीं महिलाओं को अलग-अलग विभागों के माध्यम से ट्रेनिंग कराई जाती है ताकि वे किसी एक क्षेत्र में स्किल प्राप्त कर सकें. वहीं दूसरे प्रदेशों से आईं महिलाओं को रोजगार देने का काम किया जा रहा है. साथ ही अनस्किल्ड महिलाओं को ट्रेनिंग देने के बाद रोजगार मुहैया कराया जा रहा है.

उद्यान विभाग के माध्यम से महिलाओं को ट्रेनिंग.

लोकल स्तर पर काम
सुजीत कुमार ने जानकारी दी कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के द्वारा कहा गया है कि विशेष फोकस लोकल चीजों पर रखना है. अभी तक छोटे स्तर पर निर्माण होता है. उदाहरण के तौर पर हम लोग अचार, मुरब्बा बनाने का काम लोकल स्तर पर करते हैं, जिसके बाद ये सभी चीजें लोकल में ही यूज हो जाते हैं. अब कोरोना काल में अचानक बाहर से डिमांड आनी शुरू हो गई है. ऐसे में अब महिलाओं को उद्यान विभाग के माध्यम से अचार, मुरब्बा बनाने की ट्रेनिंग शुरू कर दी गई है. इसी तरह नि:शुल्क स्कूल ड्रेस वितरित कराने के लिए पहले बड़े स्किल से मंगाए जाते थे, लेकिन इस बार हम लोगों ने ये लक्ष्य रखा है कि एक करोड़ स्कूल ड्रेस महिलाओं से सिलवाकर वहीं लोकल स्कूल में वितरित करा देंगे, जिससे कई तरह के फायदे होंगे.

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