लखनऊ: ईटीवी भारत से बातचीत में एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा हमारी प्राथमिकता है कि गांव में होने वाले अपराधों पर लगाम लगाई जाए. बड़ी संख्या में प्रवासी गांव में पहुंच रहे हैं. ऐसे में बीट पुलिसिंग व समितियों की मदद से गांव पर नजर रखी जाएगी. प्रभावी कार्रवाई कर आपराधिक घटनाओं से पहले ही माहौल को बेहतर किया जाएगा. गांव में अपराध की रोकथाम के लिए प्लान तैयार किया गया है, जिसके तहत बीट पुलिसिंग, ग्रामीण सुरक्षा समिति, डिजिटल वॉलिंटियर की मदद ली जा रही है. ग्रामीण क्षेत्रों में माहौल को बेहतर बनाने व पुलिसिंग को प्रभावी बनाने के लिए इन सभी को सक्रिय किया गया है.
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा कि उत्तर प्रदेश में हालात ठीक हो रहे हैं. हमारा रिकवरी रेट अच्छा है. शीर्ष नेतृत्व लगातार कोविड-19 संक्रमण को लेकर मॉनिटरिंग कर रहा है. पुलिस विभाग सहित अन्य विभाग सक्रियता से काम कर रहे हैं. ऐसे में सरकार द्वारा बनाए गए प्लान को जमीन पर उतारने में पुलिस विभाग हर संभव प्रयास करेगा.
उन्होंने कहा कि स्थितियां बेहतर हो रही हैं. इसके बावजूद भी इस ओर कार्य किए जाने की आवश्यकता है, जिसके लिए हम तैयार हैं. लंबित विवेचना को लेकर पूछे गए सवाल पर प्रशांत कुमार ने कहा कि लॉकडाउन के शुरुआती दौर में पुलिस की प्राथमिकता लोगों को सुविधा उपलब्ध कराना थी. अब स्थिति सामान्य हो गई है. विवेचना को समय से पूरा करना हमारी प्राथमिकता रहती है.
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लंबित विवेचना को लेकर सफाई देते हुए एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ने कहा कि इस दौरान इस ओर भी ध्यान देने की जरूरत है कि भारी संख्या में अपराधों में गिरावट आई है. ऐसे में यह नहीं कहा जा सकता कि पुलिस ने काम नहीं किया है. स्थिति सामान्य हुई है. अपराधों पर लगाम लगाने के साथ-साथ पुलिस विवेचना पर भी ध्यान देगी.
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ने कहा कि अन्य प्रदेशों की तुलना में उत्तर प्रदेश की स्थिति बेहतर है. शुरुआत से ही हमने पुलिस कर्मचारी की सुरक्षा का खास ख्याल रखा. कई जिले में हैवी वाशिंग मशीन खरीदी गई, जिससे पुलिस ड्यूटी करने के बाद कपड़ों की नियमित धुलाई करें और धुले कपड़े पहने. पुलिस लाइन में सिंगल एंट्री सिस्टम को लागू किया गया. हमारे प्रयासों की देन है कि उत्तर प्रदेश अन्य राज्यों की अपेक्षा बेहतर स्थिति में है.