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लखनऊ विश्वविद्यालय में एग्जाम्टेड पेपर का चैप्टर बंद, अब देना होगा सिर्फ इम्प्रूवमेंट एग्जाम - Lucknow News

लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) में अब हर पेपर के लिए अलग-अलग इम्प्रूवमेंट फीस भरनी पड़ेगी. सीजीपीए के आधार पर छात्रों को अगले सेमेस्टर में प्रमोट किया जाएगा.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 20, 2023, 1:35 PM IST


लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) प्रशासन ने छात्रों के लिए झटका दिया है. शासनादेश को दरकिनार कर सबसे अधिक परीक्षा शुल्क ले रहे विश्वविद्यालय प्रशासन ने नई व्यवस्था के तहत एग्जाम्टेड पेपर की व्यवस्था को ही खत्म कर दिया है. विश्वविद्यालय की तरफ से इस बाबत काॅलेजों को निर्देश भी जारी कर दिया गया है. निर्देश के तहत अब छात्रों को इम्प्रूवमेंट ही भरना होगा. विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि बैक पेपर की वजह से छात्रों का कॅरियर अब खराब नहीं होगा. उन्हें प्रमोट किया जाएगा जिनका सीजीपीए (कम्युनिटी ग्रेड प्वाइंट एवरेज) 5 या उससे ऊपर होगा.

लखनऊ विश्वविद्यालय की नई व्यवस्था.
लखनऊ विश्वविद्यालय की नई व्यवस्था.

भुगतना होगा नई व्यवस्था का खामियाजा : विश्वविद्यालय स्तर पर लागू नई व्यवस्था का खामियाजा छात्रों के अभिभावकों को उठाना पड़ेगा. अभी तक किसी कारणवश परीक्षा छूटने के एवज में छात्र केवल परीक्षा शुल्क देकर एग्जाम्टेड फार्म भर कर परीक्षा दे देते थे. नई व्यवस्था के तहत अब छात्रों को प्रति पेपर इम्प्रूवमेंट की फीस देनी होगी. बता दें कि यूनिवर्सिटी ने वर्तमान में स्नातक के सभी कोर्स में एनईपी लागू कर दिया है. जिसके तहत यह नई व्यवस्था भी लागू हो गई है. इस बावत विश्वविद्यालय के अधिकारियों का तर्क है कि एनईपी से पहले एक सेमेस्टर में दो अथवा एक साल में चार से ज्यादा विषयों में बैक होने पर स्टूडेंट्स प्रमोट नहीं होते थे. अब इसमें बदलाव कर दिया गया है. विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है की नई व्यवस्था के तहत परीक्षा विभाग की तरफ से हर साल छात्रों से परीक्षा फॉर्म भरवाते समय उनसे रेगुलर, बैक व एक्सेम्प्टेड कैटिगरी के आधार पर फॉर्म लेता था. अभी तक के नियमानुसार अगर कोई छात्र किसी कारणवश किसी सेमेस्टर के सभी विषय में फेल हो जाता था या किसी कारणवश वह सभी परीक्षाएं छोड़ देता था. ऐसे छात्र एक्सेम्प्टेड फॉर्म भर परीक्षा फीस जमा करके पूरी परीक्षा दे सकते थे.



गौरतलब है कि ऐसे में छात्रों का एक साल खराब होता था. छात्रों को बिना रेगुलर रहते हुए पहले अपने विषय निकालने होते थे. वहीं अब प्रमोट होने के लिए एनईपी के तहत स्टूडेंट्स को प्रति सेमेस्टर अपना सीजीपीए 5 से ऊपर रखना होगा. दोनों सेमेस्टर मिलाकर 6 विषयों में फेल और 5 सीजीपीए वाले स्टूडेंट्स को अगले सेमेस्टर में पढ़ने का अवसर मिलेगा. किसी विषय में फेल होने की वजह से छात्रों का भविष्य अब खतरे में नहीं आएगा और न ही उनका एक साल खराब होगा. एनईपी के तहत रीएडमिशन की व्यवस्था दी गई है. इसमें भी छात्रों जिन विषयों को पहले पास कर चुका होगा उसे उन विषयों को छोड़ने की अनुमति मिलेगी.

यह भी पढ़ें : Lucknow University के कई विभाग डिग्री कॉलेजों के शिक्षकों की पीएचडी में डाल रहे व्यवधान, नहीं सूझ रहा समाधान

लखनऊ विश्वविद्यालय में सीए ट्रेनिंग के लिए लगा रहे चक्कर छात्र, 45 दिन की ट्रेनिंग हुई अनिवार्य


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लखनऊ विश्वविद्यालय की नई व्यवस्था.
लखनऊ विश्वविद्यालय की नई व्यवस्था.

भुगतना होगा नई व्यवस्था का खामियाजा : विश्वविद्यालय स्तर पर लागू नई व्यवस्था का खामियाजा छात्रों के अभिभावकों को उठाना पड़ेगा. अभी तक किसी कारणवश परीक्षा छूटने के एवज में छात्र केवल परीक्षा शुल्क देकर एग्जाम्टेड फार्म भर कर परीक्षा दे देते थे. नई व्यवस्था के तहत अब छात्रों को प्रति पेपर इम्प्रूवमेंट की फीस देनी होगी. बता दें कि यूनिवर्सिटी ने वर्तमान में स्नातक के सभी कोर्स में एनईपी लागू कर दिया है. जिसके तहत यह नई व्यवस्था भी लागू हो गई है. इस बावत विश्वविद्यालय के अधिकारियों का तर्क है कि एनईपी से पहले एक सेमेस्टर में दो अथवा एक साल में चार से ज्यादा विषयों में बैक होने पर स्टूडेंट्स प्रमोट नहीं होते थे. अब इसमें बदलाव कर दिया गया है. विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है की नई व्यवस्था के तहत परीक्षा विभाग की तरफ से हर साल छात्रों से परीक्षा फॉर्म भरवाते समय उनसे रेगुलर, बैक व एक्सेम्प्टेड कैटिगरी के आधार पर फॉर्म लेता था. अभी तक के नियमानुसार अगर कोई छात्र किसी कारणवश किसी सेमेस्टर के सभी विषय में फेल हो जाता था या किसी कारणवश वह सभी परीक्षाएं छोड़ देता था. ऐसे छात्र एक्सेम्प्टेड फॉर्म भर परीक्षा फीस जमा करके पूरी परीक्षा दे सकते थे.



गौरतलब है कि ऐसे में छात्रों का एक साल खराब होता था. छात्रों को बिना रेगुलर रहते हुए पहले अपने विषय निकालने होते थे. वहीं अब प्रमोट होने के लिए एनईपी के तहत स्टूडेंट्स को प्रति सेमेस्टर अपना सीजीपीए 5 से ऊपर रखना होगा. दोनों सेमेस्टर मिलाकर 6 विषयों में फेल और 5 सीजीपीए वाले स्टूडेंट्स को अगले सेमेस्टर में पढ़ने का अवसर मिलेगा. किसी विषय में फेल होने की वजह से छात्रों का भविष्य अब खतरे में नहीं आएगा और न ही उनका एक साल खराब होगा. एनईपी के तहत रीएडमिशन की व्यवस्था दी गई है. इसमें भी छात्रों जिन विषयों को पहले पास कर चुका होगा उसे उन विषयों को छोड़ने की अनुमति मिलेगी.

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