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केजीएमयू की नर्सिंग भर्ती परीक्षा के लिए यूपी के बाहर नहीं बनाएं जाएंगे परीक्षा केंद्र - केजीएमयू नर्सिंग भर्ती परीक्षा केंद्र

केजीएमयू की नर्सिंग भर्ती परीक्षा (KGMU Nursing Recruitment Exam) के लिए दूसरों राज्यों में सेंटर नहीं बनाए जाएंगे. परीक्षा में ज्यादातर यूपी के ही अभ्यर्थी है, इसलिए सेंटर प्रदेश में ही बनाए जाएंगे.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 22, 2023, 10:31 AM IST

लखनऊ: केजीएमयू की नर्सिंग भर्ती परीक्षा यूपी में ही है. यूपी के बाहर परीक्षा केंद्र नहीं बनाए जाएंगे. संस्थान प्रशासन का कहना है कि ज्यादातर अभ्यर्थी यूपी के हैं. लिहाजा, प्रदेश में ही सेंटर बनाए जाएंगे. इससे अभ्यर्थियों को परीक्षा के लिए दूसरों राज्यों तक दौड़ नहीं लगानी होगी. वहीं, परीक्षा केंद्रों की निगरानी आसानी से हो सकेगी.

केजीएमयू में नर्सिंग ऑफिसर के 1291 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया चल रही है. पहले ऑनलाइन परीक्षा कराए जाने का फैसला हुआ था. इसी आधार पर आवेदन मांगे गए थे. करीब 60 हजार अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है. अभी केजीएमयू प्रशासन ने ऑफलाइन परीक्षा कराने का फैसला किया. कार्यपरिषद ने फैसले पर मुहर लगा दी है. नतीजतन सात दिनों के लिए नए अभ्यर्थियों से आवेदन मांगे गए हैं. इसके साथ ही कार्यपरिषद ने यूपी में ही परीक्षा कराने का फैसला किया है. यूपी के पांच जिले निर्धारित किए गए हैं. इसमें लखनऊ, आगरा, गौतमबुद्ध नगर, प्रयागराज, गोरखपुर शामिल हैं. जो छात्र पहले ही आवेदन कर चुके हैं. अब वह परीक्षा केंद्रों के विकल्प में संशोधन भी कर सकेंगे.

पीजीआई में शुरू होगी 200 बेड़ की चिल्डेन बॉर्न डिजीज यूनिट

पीजीआई में शुरू हुए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर चिल्डेन बॉर्न डिजीज यूनिट 200 बेड की होगी. पहले चरण में कुछ ही बेड पर बच्चों की भर्ती शुरू हुई है. संस्थान प्रशासन का कहना है कि यूनिट विस्तार के लिए परिसर में नई जगह तलाशी गई है. जहां पर बि​ल्डिंग का निर्माण होना है. इसके अलावा डॉक्टर व स्टॉफ की मांग शासन को भेजी गई है.

पीजीआई में बच्चों के दिल की बीमारी के इलाज के लिए यूपी का पहला केंद्र सलोनी ऑफ एक्सीलेंस फॉर चिल्डेन बॉर्न डिजीज यूनिट शुरू हुई है. 30 बेड की क्षमता वाली यूनिट में अभी 20 बच्चों को भर्ती किया गया है. इसमें छह बेड आईसीयू के हैं. अभी सीवीटीएस विभाग के जरिए इस यूनिट को संचालित किया जा रहा है. दो साल तक सीवीटीएस विभाग इसको संचालित करेगा. संस्थान निदेशक प्रो. आरके धीमन ने बताया कि इस यू​निट का तीन चरणों मे विस्तार होगा. अभी फेस एक में 30 बेड संग छह बेड का आईसीयू हैं. दूसरे चरण में 50 बेड बढ़ाए जाएंगे, जबकि तीसरे चरण में 200 बेड की क्षमता होगी. बताया दस दिन के बच्चे भी दिल की बीमारी से ग्रस्त हैं. इन्हें मुकम्मल इलाज के लिए यूपी से बाहर जाना पड़ता था. अब संस्थान में इसकी सुविधा मिल रही है.

यह भी पढ़ें: CAT में सफलता के लिए लॉजिकल रीजनिंग का रोल अहम, एक्सपर्ट से जानिए किस चीज पर करना होगा अधिक फोकस

लखनऊ: केजीएमयू की नर्सिंग भर्ती परीक्षा यूपी में ही है. यूपी के बाहर परीक्षा केंद्र नहीं बनाए जाएंगे. संस्थान प्रशासन का कहना है कि ज्यादातर अभ्यर्थी यूपी के हैं. लिहाजा, प्रदेश में ही सेंटर बनाए जाएंगे. इससे अभ्यर्थियों को परीक्षा के लिए दूसरों राज्यों तक दौड़ नहीं लगानी होगी. वहीं, परीक्षा केंद्रों की निगरानी आसानी से हो सकेगी.

केजीएमयू में नर्सिंग ऑफिसर के 1291 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया चल रही है. पहले ऑनलाइन परीक्षा कराए जाने का फैसला हुआ था. इसी आधार पर आवेदन मांगे गए थे. करीब 60 हजार अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है. अभी केजीएमयू प्रशासन ने ऑफलाइन परीक्षा कराने का फैसला किया. कार्यपरिषद ने फैसले पर मुहर लगा दी है. नतीजतन सात दिनों के लिए नए अभ्यर्थियों से आवेदन मांगे गए हैं. इसके साथ ही कार्यपरिषद ने यूपी में ही परीक्षा कराने का फैसला किया है. यूपी के पांच जिले निर्धारित किए गए हैं. इसमें लखनऊ, आगरा, गौतमबुद्ध नगर, प्रयागराज, गोरखपुर शामिल हैं. जो छात्र पहले ही आवेदन कर चुके हैं. अब वह परीक्षा केंद्रों के विकल्प में संशोधन भी कर सकेंगे.

पीजीआई में शुरू होगी 200 बेड़ की चिल्डेन बॉर्न डिजीज यूनिट

पीजीआई में शुरू हुए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर चिल्डेन बॉर्न डिजीज यूनिट 200 बेड की होगी. पहले चरण में कुछ ही बेड पर बच्चों की भर्ती शुरू हुई है. संस्थान प्रशासन का कहना है कि यूनिट विस्तार के लिए परिसर में नई जगह तलाशी गई है. जहां पर बि​ल्डिंग का निर्माण होना है. इसके अलावा डॉक्टर व स्टॉफ की मांग शासन को भेजी गई है.

पीजीआई में बच्चों के दिल की बीमारी के इलाज के लिए यूपी का पहला केंद्र सलोनी ऑफ एक्सीलेंस फॉर चिल्डेन बॉर्न डिजीज यूनिट शुरू हुई है. 30 बेड की क्षमता वाली यूनिट में अभी 20 बच्चों को भर्ती किया गया है. इसमें छह बेड आईसीयू के हैं. अभी सीवीटीएस विभाग के जरिए इस यूनिट को संचालित किया जा रहा है. दो साल तक सीवीटीएस विभाग इसको संचालित करेगा. संस्थान निदेशक प्रो. आरके धीमन ने बताया कि इस यू​निट का तीन चरणों मे विस्तार होगा. अभी फेस एक में 30 बेड संग छह बेड का आईसीयू हैं. दूसरे चरण में 50 बेड बढ़ाए जाएंगे, जबकि तीसरे चरण में 200 बेड की क्षमता होगी. बताया दस दिन के बच्चे भी दिल की बीमारी से ग्रस्त हैं. इन्हें मुकम्मल इलाज के लिए यूपी से बाहर जाना पड़ता था. अब संस्थान में इसकी सुविधा मिल रही है.

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