लखनऊ: बीमारी चाहे जो भी हो उससे बचाव के लिए टीकाकरण जरूरी होता है. इसलिए नवजात से लेकर 18 वर्ष तक की उम्र के बच्चों को अलग-अलग बीमारी से बचाने के लिए टीकाकरण जरूरी है. इसी कड़ी में हर साल 16 मार्च को राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस मनाया जाता है. साल 1995 से इसकी शुरुआत हुई थी. नवजात से 18 वर्ष तक की उम्र के लिए हेपेटाइटिस-बी, हेपेटाइटिस-सी, टिटनेस, चेचक और पोलियो का टीका लगता हैं. सिविल अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. एस देव ने बताया कि टीकाकरण हमेशा से महत्वपूर्ण रहा है. लेकिन जब से कोरोना वायरस आया है तब से इससे बचाव के लिए वैक्सीन तो लोग लगवा रहे हैं लेकिन बच्चों के लिए जो वैक्सीन महत्वपूर्ण है. वह लगवाना भूल रहे हैं. बच्चों की वैक्सीन लगवाने में गिरावट आई है. इस बार नेशनल वैक्सीन डे 2023 की थीम 'वैक्सीन वर्क फॉर ऑल' रखी गई हैं.
लोहिया अस्पताल के पीडियाट्रिक्स डॉ. श्रीकेश का कहना है कि नवजात से लेकर 17 वर्षीय बच्चों के लिए सामान्य टीका अत्यंत आवश्यक है. जिसमें पोलियो, हेपेटाइटिस, हेपेटाइटिस-बी और इम्यूनिटी बूस्टर के लिए टीका लगाया जाता है, ताकि वायरल बीमारियों से बच्चा लड़ सके. शहरीय क्षेत्र में पेरेंट्स बच्चों को टीका लगवाने हर महीने जाते हैं. लेकिन अगर हम बात करें ग्रामीण क्षेत्रों की तो वहां पर लोगों को इसकी जानकारी नहीं होती है. बीते 2 सालों से जब से कोरोना वायरस ने दस्तक दी है. उसके बाद से घर-घर जाकर पोलियो ड्रॉप पिलाने वाली स्कीम भी बदल गई है. अब बच्चों को घर-घर पोलियो ड्रॉप नहीं पिलाया जा रहा है. इसके लिए माता-पिता कोई अपने नजदीकी से अच्छी पर्च में जाकर बच्चों को पोलियो ड्रॉप और हेपेटाइटिस-बी की इंजेक्शन लगवाना चाहिए.
डॉ. श्रीकेश ने कहा कि दो सालों से सिर्फ कुछ ही महीने ही बच्चों के सामान्य टीकाकरण सीएचसी, पीएचसी और सरकारी अस्पतालों में चला है. ऐसा यूपी के एक जिले में नहीं बल्कि सभी जिलों में हुआ है. कोरोना वायरस को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सभी सरकारी अस्पतालों, सीएचसी, पीएससी में चल रही हो ओपीडी और बच्चों के सामान्य टीकाकरण बंद करवा दिए थे. जिसकी वजह से बहुत सारे नवजात बच्चे सामान्य जरूरी टीका से वंचित रह गए हैं, जो उनके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं. उन्होंने कहा कि अभी भी लोगों के पास समय है. इस समय हर सरकारी अस्पतालों में सीएचसी और पीएचसी में बच्चों के सामान्य टीका लगाया जा रहा है. शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के सभी लोग अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर बच्चों को सामान्य जरूरी टीका अवश्य लगवाएं.
सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने कहा कि नियमित टीकाकरण खसरा, काली खांसी, टीबी, पोलियो जैसी जानलेवा बीमारियों से बच्चों की जान बचाती है. पहले खसरे, पोलियो से ग्रसित बहुत बच्चों को आप सभी ने देखा होगा. लेकिन अब पोलियों की बीमारी तो सुनाई भी नहीं देती है. यह सब नियमित टीकाकरण से ही संभव हो पाया है. इसलिए डरें नहीं बल्कि बच्चों को टीका जरूर लगवाएं. जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. एमके सिंह ने बताया कि सोमवार से शुरू हुआ विशेष टीकाकरण पखवारा 24 मार्च तक चलेगा. इस दौरान नियमित टीकाकरण से छूटे शून्य से पांच साल तक की आयु के बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा. जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने बताया कि नियमित टीकाकरण बच्चों को 12 जानलेवा बीमारियों से बचाता है. पांच साल में सात बार टीका लगवाने से 12 जानलेवा बीमारियों जैसेटीबी, पोलियो, काली खांसी, गलघोंटू, खसरा, हेपेटाइटिस बी, जापानी इंसिफेलाइटिस, टिटेनस, वायरल डायरिया, रूबेला और निमोनिया से बच्चों को बचाया जा सकता है.
बच्चों के जरूरी टीके
- जन्म पर: बीसीजी, ओपीवी-0, हेपेटाइटिस-बी
-6 हफ्ते या सवा महीने: ओपीवी-1, रोटा-1, एफआईपीवी-1, पेंटावेलेंट-1
-10 हफ्ते यासवा दो महीने : ओपीवी-2, रोटा-2, पेंटावेलेंट-2
-14 हफ्ते या सवा तीन महीने: ओपीवी-3, रोटा-3, एफआईपीवी-2, पेंटावेलेंट-3
-9 महीने : एमसीवी-1, विटामिन-ए
-16-24 महीने : डीपीटी-बी, ओपीवी-बी, एमसीवी-2, विटामिन-ए
-5-6 साल : डीपीटी-बी 2
-10 साल : टीटी
-16 साल : टीटी-1 व टीटी-2
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