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गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज होगा यूपी का नाम: प्रधान मुख्य वन संरक्षक

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Published : Jun 25, 2020, 11:07 PM IST

Updated : Jun 26, 2020, 5:30 AM IST

प्रदेश की योगी सरकार प्रदेश भर में एक दिन में 25 करोड़ पौधों को लगाकर रिकॉर्ड बनाने की तैयारियों में लगी है. इस अभियान के लिए अभी से ही सारे विभाग पौधरोपण की तैयारियों में लगे हैं. इसको लेकर ईटीवी भारत ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ. राजीव कुमार गर्ग से खास बातचीत की.

प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ. राजीव कुमार गर्ग से खास बातचीत
प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ. राजीव कुमार गर्ग से खास बातचीत

लखनऊ: प्रदेश में 25 करोड़ पौधारोपण करने के महाअभियान की तैयारियों को लेकर ईटीवी भारत ने उत्तर प्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ. राजीव कुमार गर्ग से खास बातचीत की. इस अभियान को लेकर डॉ. गर्ग ने विस्तार से जानकारी दी.

1 से 7 जुलाई तक चलाया जाएगा पौधरोपण अभियान
डॉ. राजीव कुमार गर्ग ने बताया कि इस वर्ष प्रदेश सरकार ने 1 से 7 जुलाई के बीच यह अभियान चलाया जाएगा. इस अभियान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ से कोई एक दिन निर्धारित किया जाएगा. उस दिन प्रदेश में एक साथ 25 करोड़ पौधों का रोपण किया जाएगा.

प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ. राजीव कुमार गर्ग से खास बातचीत.

जुलाई में 30 करोड़ पौधे किए जाएंगे रोपित
इसके साथ ही यह भी निर्देश दिए गए हैं कि जुलाई माह के अंदर 30 करोड़ पौधे उत्तर प्रदेश में रोपित किए जाएंगे. इसके लिए 59,000 ग्राम सभाएं और लोकल बॉडीज चुनी गई हैं. उनको मिलाकर एक माइक्रो प्लानिंग तैयार की गई है. माइक्रो प्लानिंग में वृक्षारोपण की जगह और वृक्षारोपण करने वाले लोगों के बारे में विचार करके निर्णय लिया गया है. इसके साथ ही किन प्रजातियों के पौधों को लगाना है और यह पौधे कहां से आएंगे, इसको लेकर प्लानिंग की गई है.

44 करोड़ पौधे किए गए तैयार
डॉ. राजीव कुमार गर्ग ने बताया कि इसके लिए 44 करोड़ पौधे तैयार कराए गए हैं. हमें जिन अलग अलग प्रजातियों के पौधे लगाने हैं उसको लेकर हमने नर्सरी में उन पौधों को तैयार करने का भी काम किया है. विभाग के पास में 1,760 पौधशालाएं हैं, जिसमें 44 करोड़ पौधे तैयार किए गए हैं. इस साल पौधरोपण के लिए हमारे पास 30 करोड़ से अधिक पौधे उपलब्ध हो चुके हैं. 25 करोड़ पौधारोपण में से 10 करोड़ पौधरोपण वन विभाग की तरफ से कराया जाना है बाकी 15 करोड़ पौधरोपण का काम अन्य विभागों के सहयोग से कराया जाना है.

कई विभागों को करने हैं पौधरोपण
इन मुख्य विभागों में मुख्य रूप से ग्रामीण विकास विभाग, पंचायती राज, राजस्व विभाग, सिंचाई विभाग, पी डब्ल्यू विभाग, रेशम विभाग, उद्यान विभाग और कृषि विभाग ऐसे तमाम अन्य विभाग हैं जिनके माध्यम से पौधरोपण का काम कराया जाना है.

गड्ढा खुदाई और नर्सरी से रोपण स्थल तक पहुंचाए जा रहे हैं पौधे
वन विभाग द्वारा मृदा कार्य और गड्ढा खुदाई का काम 31 मार्च तक पूरा किया जा चुका है. अन्य विभागों द्वारा भी गड्ढा खुदाई का काम काम किया जा रहा है. 30 जून तक हर हाल में इसे पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. अभी तक करीब 70 लाख पौधों को रोपण स्थल तक पहुंचाने का काम किया जा चुका है . इसके साथ ही पौधारोपण स्थल तक सभी पौधों को पहुंचाने का काम तेजी से कराया जा रहा हैं.

200 से अधिक प्रजातियों के पौधे रोपे जाने हैं
वन विभाग के प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं विभागाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार गर्ग ने बताया कि प्रदेश भर में 201 प्रजातियों या उससे अधिक संख्या में विविध प्रकार के प्रजातियों का रोपण किया जाएगा.

गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज होगा प्रदेश का नाम
इसके लिए घास की प्रजातियां, औषधि प्रजातियां और अन्य फलदार वृक्षों की प्रजातियों का चयन किया गया हैं. हमारा उद्देश्य है कि पौधारोपण में विविधता रहे. अगर हम 201 या उससे अधिक प्रजातियों के पौधे रोपित करने में सफल रहते हैं तो गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी प्रदेश का नाम दर्ज कराने में सफलता हासिल कर सकते हैं.

300 से 350 करोड़ रुपये का आएगा खर्च
25 करोड़ पौधरोपण अभियान में धनराशि के खर्च को लेकर प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ. राजीव कुमार गर्ग ने बताया कि इस वर्ष इस कार्यक्रम के बजट का जो प्रावधान निर्धारित किया गया है, इसमें 215 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. पौधरोपण के लिए 2 मॉडल निर्धारित किए गए हैं. इसमें एक वह मॉडल है जिसमें राशि खर्च करके पौधरोपण कराया जाना है और दूसरा मॉडल के अंतर्गत लोग श्रमदान के माध्यम से वृक्षारोपण करेंगे. इस तरह के मॉडल में स्कूल कॉलेज या अन्य संस्थाओं की तरफ से पौधरोपण कराया जाएगा. अनुमान के मुताबिक 25 करोड़ पौधों के रोपण में करीब 300 से 350 करोड़ रुपये का खर्च आएगा.

ईटीवी भारत के माध्यम से सबसे अपील, पौधरोपण में हर कोई करे जन सहभागिता
प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ. राजीव कुमार गर्ग ने ईटीवी भारत के माध्यम से लोगों से अपील करते हुए कहा कि पौधरोपण महाकुंभ में आप सब हमें अपना सहयोग प्रदान करें. जन सहभागिता के आधार पर ही इस पौधरोपण कार्यक्रम को सफल बनाया जा सकता है. वहीं उन्होंने यह भी कह कि पर्यावरण को लेकर जिस तरह से समस्याएं बढ़ रही हैं, इन परिस्थितियों में वृक्षारोपण और भी ज्यादा प्रासंगिक होता जा रहा है.

लखनऊ: प्रदेश में 25 करोड़ पौधारोपण करने के महाअभियान की तैयारियों को लेकर ईटीवी भारत ने उत्तर प्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ. राजीव कुमार गर्ग से खास बातचीत की. इस अभियान को लेकर डॉ. गर्ग ने विस्तार से जानकारी दी.

1 से 7 जुलाई तक चलाया जाएगा पौधरोपण अभियान
डॉ. राजीव कुमार गर्ग ने बताया कि इस वर्ष प्रदेश सरकार ने 1 से 7 जुलाई के बीच यह अभियान चलाया जाएगा. इस अभियान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ से कोई एक दिन निर्धारित किया जाएगा. उस दिन प्रदेश में एक साथ 25 करोड़ पौधों का रोपण किया जाएगा.

प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ. राजीव कुमार गर्ग से खास बातचीत.

जुलाई में 30 करोड़ पौधे किए जाएंगे रोपित
इसके साथ ही यह भी निर्देश दिए गए हैं कि जुलाई माह के अंदर 30 करोड़ पौधे उत्तर प्रदेश में रोपित किए जाएंगे. इसके लिए 59,000 ग्राम सभाएं और लोकल बॉडीज चुनी गई हैं. उनको मिलाकर एक माइक्रो प्लानिंग तैयार की गई है. माइक्रो प्लानिंग में वृक्षारोपण की जगह और वृक्षारोपण करने वाले लोगों के बारे में विचार करके निर्णय लिया गया है. इसके साथ ही किन प्रजातियों के पौधों को लगाना है और यह पौधे कहां से आएंगे, इसको लेकर प्लानिंग की गई है.

44 करोड़ पौधे किए गए तैयार
डॉ. राजीव कुमार गर्ग ने बताया कि इसके लिए 44 करोड़ पौधे तैयार कराए गए हैं. हमें जिन अलग अलग प्रजातियों के पौधे लगाने हैं उसको लेकर हमने नर्सरी में उन पौधों को तैयार करने का भी काम किया है. विभाग के पास में 1,760 पौधशालाएं हैं, जिसमें 44 करोड़ पौधे तैयार किए गए हैं. इस साल पौधरोपण के लिए हमारे पास 30 करोड़ से अधिक पौधे उपलब्ध हो चुके हैं. 25 करोड़ पौधारोपण में से 10 करोड़ पौधरोपण वन विभाग की तरफ से कराया जाना है बाकी 15 करोड़ पौधरोपण का काम अन्य विभागों के सहयोग से कराया जाना है.

कई विभागों को करने हैं पौधरोपण
इन मुख्य विभागों में मुख्य रूप से ग्रामीण विकास विभाग, पंचायती राज, राजस्व विभाग, सिंचाई विभाग, पी डब्ल्यू विभाग, रेशम विभाग, उद्यान विभाग और कृषि विभाग ऐसे तमाम अन्य विभाग हैं जिनके माध्यम से पौधरोपण का काम कराया जाना है.

गड्ढा खुदाई और नर्सरी से रोपण स्थल तक पहुंचाए जा रहे हैं पौधे
वन विभाग द्वारा मृदा कार्य और गड्ढा खुदाई का काम 31 मार्च तक पूरा किया जा चुका है. अन्य विभागों द्वारा भी गड्ढा खुदाई का काम काम किया जा रहा है. 30 जून तक हर हाल में इसे पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. अभी तक करीब 70 लाख पौधों को रोपण स्थल तक पहुंचाने का काम किया जा चुका है . इसके साथ ही पौधारोपण स्थल तक सभी पौधों को पहुंचाने का काम तेजी से कराया जा रहा हैं.

200 से अधिक प्रजातियों के पौधे रोपे जाने हैं
वन विभाग के प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं विभागाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार गर्ग ने बताया कि प्रदेश भर में 201 प्रजातियों या उससे अधिक संख्या में विविध प्रकार के प्रजातियों का रोपण किया जाएगा.

गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज होगा प्रदेश का नाम
इसके लिए घास की प्रजातियां, औषधि प्रजातियां और अन्य फलदार वृक्षों की प्रजातियों का चयन किया गया हैं. हमारा उद्देश्य है कि पौधारोपण में विविधता रहे. अगर हम 201 या उससे अधिक प्रजातियों के पौधे रोपित करने में सफल रहते हैं तो गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी प्रदेश का नाम दर्ज कराने में सफलता हासिल कर सकते हैं.

300 से 350 करोड़ रुपये का आएगा खर्च
25 करोड़ पौधरोपण अभियान में धनराशि के खर्च को लेकर प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ. राजीव कुमार गर्ग ने बताया कि इस वर्ष इस कार्यक्रम के बजट का जो प्रावधान निर्धारित किया गया है, इसमें 215 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. पौधरोपण के लिए 2 मॉडल निर्धारित किए गए हैं. इसमें एक वह मॉडल है जिसमें राशि खर्च करके पौधरोपण कराया जाना है और दूसरा मॉडल के अंतर्गत लोग श्रमदान के माध्यम से वृक्षारोपण करेंगे. इस तरह के मॉडल में स्कूल कॉलेज या अन्य संस्थाओं की तरफ से पौधरोपण कराया जाएगा. अनुमान के मुताबिक 25 करोड़ पौधों के रोपण में करीब 300 से 350 करोड़ रुपये का खर्च आएगा.

ईटीवी भारत के माध्यम से सबसे अपील, पौधरोपण में हर कोई करे जन सहभागिता
प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ. राजीव कुमार गर्ग ने ईटीवी भारत के माध्यम से लोगों से अपील करते हुए कहा कि पौधरोपण महाकुंभ में आप सब हमें अपना सहयोग प्रदान करें. जन सहभागिता के आधार पर ही इस पौधरोपण कार्यक्रम को सफल बनाया जा सकता है. वहीं उन्होंने यह भी कह कि पर्यावरण को लेकर जिस तरह से समस्याएं बढ़ रही हैं, इन परिस्थितियों में वृक्षारोपण और भी ज्यादा प्रासंगिक होता जा रहा है.

Last Updated : Jun 26, 2020, 5:30 AM IST
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