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बाइक बोट घोटाला: आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ का छापा, 178 बाइक बरामद

बाइक बोट घोटाले को लेकर आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ की टीम ने मेरठ जोन के 5 जिलों में छापेमारी की है. आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ की टीम ने 178 बाइक बरामद की हैं.

bike boat scam
ईओडब्ल्यू ने की छापेमारी
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Published : Jun 8, 2020, 6:51 PM IST

लखनऊ: बाइक बोट घोटाले को लेकर आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ की टीम ने मेरठ जोन के 5 जिलों में छापेमारी की. इसमें आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ने 178 बाइक बरामद की हैं. मुजफ्फरनगर से 50, गाजियाबाद से 72, हापुड़ से 22, मेरठ से 21, बागपत से 13 बाइक बरामद की गई हैं. ज्यादातर बाइक गर्वित इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर पंजीकृत हैं.

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ईओडब्ल्यू ने की छापेमारी

बाइक बोट घोटाला उत्तर प्रदेश का एक बड़ा घोटाला है, जिसे नोएडा से शुरू किया गया था. इस घोटाले का मास्टर माइंड संजय भाटी बताया जाता है. घोटाले के उजागर होने के बाद आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ मामले की जांच कर रहा है, तो वहीं दूसरी ओर सीबीआई को इस मामले की जांच दी गई थी.

बीते दिनों सीबीआई ने राजधानी लखनऊ सहित कई स्थानों पर घोटाले से जुड़े हुए लोगों के यहां छापेमारी की थी. वहीं इस घोटाले को लेकर तीन से अधिक फर्मों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है. आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ से मिली जानकारी के अनुसार बाइक बोट घोटाला उत्तर प्रदेश का बड़ा घोटाला है, जिसमें लगभग 1500 करोड़ रुपये की ठगी की गई है.

बाइक बोट घोटाले के तहत एक स्कीम लाई गई थी, जिसके तहत निवेशकों से यह कहा गया है कि वह बाइक खरीदने के लिए कंपनी में बाइक की कीमत का निवेश करें. जिसके बाद कंपनी किस्तों में प्रॉफिट सहित बाइक की कीमत भी निवेशक को वापस करेगी.

बाकायदा इसके लिए कंपनी ने एग्रीमेंट किया और एग्रीमेंट के तौर पर बाइक से दुगनी रकम 14 महीने में निवेशक को वापस करनी थी. कुछ दिन तक निवेशकों को किस्तों का पैसा दिया गया, लेकिन उसके बाद पैसा देना कंपनी ने बंद कर दिया. जिसके बाद निवेशकों ने अपना पैसा पाने के लिए पुलिस से शिकायत की. निवेशकों की शिकायत के बाद यह घोटाला उजागर हुआ.

ये भी पढ़ें- 69000 शिक्षक भर्ती मामला: सरकार की अपील पर हाईकोर्ट ने सुरक्षित किया फैसला

लखनऊ: बाइक बोट घोटाले को लेकर आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ की टीम ने मेरठ जोन के 5 जिलों में छापेमारी की. इसमें आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ने 178 बाइक बरामद की हैं. मुजफ्फरनगर से 50, गाजियाबाद से 72, हापुड़ से 22, मेरठ से 21, बागपत से 13 बाइक बरामद की गई हैं. ज्यादातर बाइक गर्वित इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर पंजीकृत हैं.

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बाइक बोट घोटाला उत्तर प्रदेश का एक बड़ा घोटाला है, जिसे नोएडा से शुरू किया गया था. इस घोटाले का मास्टर माइंड संजय भाटी बताया जाता है. घोटाले के उजागर होने के बाद आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ मामले की जांच कर रहा है, तो वहीं दूसरी ओर सीबीआई को इस मामले की जांच दी गई थी.

बीते दिनों सीबीआई ने राजधानी लखनऊ सहित कई स्थानों पर घोटाले से जुड़े हुए लोगों के यहां छापेमारी की थी. वहीं इस घोटाले को लेकर तीन से अधिक फर्मों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है. आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ से मिली जानकारी के अनुसार बाइक बोट घोटाला उत्तर प्रदेश का बड़ा घोटाला है, जिसमें लगभग 1500 करोड़ रुपये की ठगी की गई है.

बाइक बोट घोटाले के तहत एक स्कीम लाई गई थी, जिसके तहत निवेशकों से यह कहा गया है कि वह बाइक खरीदने के लिए कंपनी में बाइक की कीमत का निवेश करें. जिसके बाद कंपनी किस्तों में प्रॉफिट सहित बाइक की कीमत भी निवेशक को वापस करेगी.

बाकायदा इसके लिए कंपनी ने एग्रीमेंट किया और एग्रीमेंट के तौर पर बाइक से दुगनी रकम 14 महीने में निवेशक को वापस करनी थी. कुछ दिन तक निवेशकों को किस्तों का पैसा दिया गया, लेकिन उसके बाद पैसा देना कंपनी ने बंद कर दिया. जिसके बाद निवेशकों ने अपना पैसा पाने के लिए पुलिस से शिकायत की. निवेशकों की शिकायत के बाद यह घोटाला उजागर हुआ.

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