लखनऊ: चैतन्य वेलफेयर फाउंडेशन ने शनिवार को जल, पक्षी और प्रकृति संरक्षण गोष्ठी और 'प्रकृति रत्न सम्मान' कार्यक्रम का आयोजन किया. यह आयोजन कैफी आजमी सभागार में किया गया. आयोजन में 55 पर्यावरण और पंछी प्रेमियों को 'प्रकृति रत्न सम्मान' से सम्मानित किया गया. आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में महापौर संयुक्ता भाटिया, विशिष्ट अतिथि के रूप में पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह, डीजी विशेष जांच महेंद्र मोदी और राज्य सूचना आयुक्त सुभाष चंद्र सिंह मौजूद रहे.
जानिए कार्यक्रम में क्या बोले पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह
- धीरे-धीरे पृथ्वी से हरे-भरे पेड़ों का अस्तित्व कम होता जा रहा है.
- मनुष्य अपने स्वार्थ के लिए पेड़ों की कटाई करके पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं.
- जितना जरूरी हमारा सांस लेना है उतना ही जरूरी वृक्षारोपण भी है.
- जो हम पौधे लगाएंगे वह आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ पर्यावरण और स्वच्छ जलवायु भी देंगे.
- पर्यावरण संरक्षण के प्रति काम करने से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है.
जल गुरू के रूप में प्रसिद्ध डीजी विशेष जांच महेंद्र मोदी कहते हैं कि बारिश के पानी को बचाने और पानी की किल्लत को खत्म करने के प्रति हमें आज जानने और समझने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि साथ ही हमें यह समझना होगा कि संरक्षण के लिए हम किस तकनीक का प्रयोग कर रहे हैं.
इस कार्यक्रम का लक्ष्य जनमानस को संदेश देना था. इस आयोजन में सेव बर्ड्स अभियान में दिए गए चैलेंज के तहत देश-विदेश से कुल 498 तस्वीरें मिली थीं. इनमें से 55 पर्यावरण और पंछी प्रेमियों को चयनित कर 'प्रकृति रत्न सम्मान 'से सम्मानित किया गया.
-ओम सिंह, चैतन्य वेलफेयर फाउंडेशन अध्यक्ष