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लखनऊ: 'प्रकृति रत्न सम्मान' से नवाजे गए पर्यावरण प्रेमी - प्रकृति रत्न सम्मान

राजधानी लखनऊ में चैतन्य वेलफेयर फाउंडेशन ने सेव बर्ड्स अभियान के तहत देश-विदेश से 55 पर्यावरण और पंछी प्रेमियों को 'प्रकृति रत्न सम्मान' से सम्मानित किया.

लखनऊ में 'प्रकृति रत्न सम्मान' कार्यक्रम का आयोजन.
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Published : Jul 8, 2019, 10:34 AM IST

लखनऊ: चैतन्य वेलफेयर फाउंडेशन ने शनिवार को जल, पक्षी और प्रकृति संरक्षण गोष्ठी और 'प्रकृति रत्न सम्मान' कार्यक्रम का आयोजन किया. यह आयोजन कैफी आजमी सभागार में किया गया. आयोजन में 55 पर्यावरण और पंछी प्रेमियों को 'प्रकृति रत्न सम्मान' से सम्मानित किया गया. आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में महापौर संयुक्ता भाटिया, विशिष्ट अतिथि के रूप में पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह, डीजी विशेष जांच महेंद्र मोदी और राज्य सूचना आयुक्त सुभाष चंद्र सिंह मौजूद रहे.

लखनऊ में 'प्रकृति रत्न सम्मान' कार्यक्रम का आयोजन.

जानिए कार्यक्रम में क्या बोले पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह

  • धीरे-धीरे पृथ्वी से हरे-भरे पेड़ों का अस्तित्व कम होता जा रहा है.
  • मनुष्य अपने स्वार्थ के लिए पेड़ों की कटाई करके पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं.
  • जितना जरूरी हमारा सांस लेना है उतना ही जरूरी वृक्षारोपण भी है.
  • जो हम पौधे लगाएंगे वह आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ पर्यावरण और स्वच्छ जलवायु भी देंगे.
  • पर्यावरण संरक्षण के प्रति काम करने से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है.

जल गुरू के रूप में प्रसिद्ध डीजी विशेष जांच महेंद्र मोदी कहते हैं कि बारिश के पानी को बचाने और पानी की किल्लत को खत्म करने के प्रति हमें आज जानने और समझने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि साथ ही हमें यह समझना होगा कि संरक्षण के लिए हम किस तकनीक का प्रयोग कर रहे हैं.

इस कार्यक्रम का लक्ष्य जनमानस को संदेश देना था. इस आयोजन में सेव बर्ड्स अभियान में दिए गए चैलेंज के तहत देश-विदेश से कुल 498 तस्वीरें मिली थीं. इनमें से 55 पर्यावरण और पंछी प्रेमियों को चयनित कर 'प्रकृति रत्न सम्मान 'से सम्मानित किया गया.
-ओम सिंह, चैतन्य वेलफेयर फाउंडेशन अध्यक्ष

लखनऊ: चैतन्य वेलफेयर फाउंडेशन ने शनिवार को जल, पक्षी और प्रकृति संरक्षण गोष्ठी और 'प्रकृति रत्न सम्मान' कार्यक्रम का आयोजन किया. यह आयोजन कैफी आजमी सभागार में किया गया. आयोजन में 55 पर्यावरण और पंछी प्रेमियों को 'प्रकृति रत्न सम्मान' से सम्मानित किया गया. आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में महापौर संयुक्ता भाटिया, विशिष्ट अतिथि के रूप में पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह, डीजी विशेष जांच महेंद्र मोदी और राज्य सूचना आयुक्त सुभाष चंद्र सिंह मौजूद रहे.

लखनऊ में 'प्रकृति रत्न सम्मान' कार्यक्रम का आयोजन.

जानिए कार्यक्रम में क्या बोले पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह

  • धीरे-धीरे पृथ्वी से हरे-भरे पेड़ों का अस्तित्व कम होता जा रहा है.
  • मनुष्य अपने स्वार्थ के लिए पेड़ों की कटाई करके पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं.
  • जितना जरूरी हमारा सांस लेना है उतना ही जरूरी वृक्षारोपण भी है.
  • जो हम पौधे लगाएंगे वह आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ पर्यावरण और स्वच्छ जलवायु भी देंगे.
  • पर्यावरण संरक्षण के प्रति काम करने से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है.

जल गुरू के रूप में प्रसिद्ध डीजी विशेष जांच महेंद्र मोदी कहते हैं कि बारिश के पानी को बचाने और पानी की किल्लत को खत्म करने के प्रति हमें आज जानने और समझने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि साथ ही हमें यह समझना होगा कि संरक्षण के लिए हम किस तकनीक का प्रयोग कर रहे हैं.

इस कार्यक्रम का लक्ष्य जनमानस को संदेश देना था. इस आयोजन में सेव बर्ड्स अभियान में दिए गए चैलेंज के तहत देश-विदेश से कुल 498 तस्वीरें मिली थीं. इनमें से 55 पर्यावरण और पंछी प्रेमियों को चयनित कर 'प्रकृति रत्न सम्मान 'से सम्मानित किया गया.
-ओम सिंह, चैतन्य वेलफेयर फाउंडेशन अध्यक्ष

Intro:लखनऊ। चैतन्य वेलफेयर फाउंडेशन ने आज जल, पक्षी और प्रकृति संरक्षण गोष्ठी और प्रकृति रत्न सम्मान 2019 कार्यक्रम का आयोजन किया। यह आयोजन कैफी आज़मी सभागार लखनऊ में किया गया। आयोजन में मुख्य अतिथि के रुप में महापौर संयुक्ता भाटिया, विशिष्ट अतिथि के रूप में पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह, डीजी विशेष जांच महेंद्र मोदी और राज्य सूचना आयुक्त सुभाष चंद्र सिंह आदि मौजूद रहे।


Body:वीओ1 इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रुप में पधारे उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह ने कहां की धीरे धीरे पृथ्वी से हरे भरे पेड़ों का अस्तित्व कम होता जा रहा है। मनुष्य अपने स्वार्थ के लिए पेड़ों की कटाई करके पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं। ऐसे में जितना जरूरी हमारा सांस कहना है। उतना ही जरूरी वृक्षारोपण भी है। हम जो आज पौधे लगाएंगे वह हमारी आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ पर्यावरण और स्वच्छ जल वायु के साथ स्वस्थ वातावरण भी देंगे। साथ ही ऐसे सम्मान मिलने से भी लोगों का प्रोत्साहन मिलता है और बाकी लोगों को भी पर्यावरण संरक्षण के प्रति काम करने की सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। जल गुरु के रूप में प्रसिद्ध विशेष जांच डीजे उत्तर प्रदेश महेंद्र मोदी कहते हैं कि बारिश के पानी को बचाने और पानी की किल्लत को खत्म करने के प्रति हमें आज जानने और समझने की जरूरत है। साथ ही हमें यह समझना होगा कि संरक्षण के लिए हम किस तकनीक का प्रयोग कर रहे हैं। आजकल ज्यादातर लोग बोरिंग का इस्तेमाल कर रहे हैं और इस को बढ़ावा देने में कुछ एनजीओस भी आ गया रहे हैं यह सही सही नहीं है।


Conclusion:चैतन्य वेलफेयर फाउंडेशन के अध्यक्ष ओम सिंह ने बताया कि इस कार्यक्रम का लक्ष्य जनमानस को संदेश देना था कि प्रकृति को सुंदर और रचनात्मक मनुष्य का काम है और इसमें सभी का संरक्षण भी जरूरी है। इस आयोजन में सेव बर्ड्स अभियान में दिए गए चैलेंज के तहत देश विदेश से कुल 498 तस्वीरें मिली थी। इनमें से 55 पर्यावरण और पंछी प्रेमियों को चयनित कर रखते रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया। बाइट- ओम सिंह, चेतन वेलफेयर फाउंडेशन अध्यक्ष बाइट- सुलखान सिंह पूर्व डीजीपी उत्तर प्रदेश बाइट- महेंद्र मोदी, विशेष जांच, डीजी उत्तर प्रदेश रामांशी मिश्रा
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