लखनऊ : 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले दूसरे दलों के नेताओं में भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की होड़ सी लगी है. इनमें कुछ ऐसे हैं जो विवादित रहे हैं. इनके पार्टी में आते ही नया बखेड़ा खड़ा हो जा रहा है. इसी क्रम में पिछले दिनों अयोध्या की बीकापुर विधानसभा क्षेत्र से बसपा के पूर्व विधायक जितेंद्र सिंह बबलू का भी मामला सामने आया जिनके भाजपा में शामिल होते ही बवाल मच गया.
जितेंद्र सिंह बबलू पर भाजपा की वरिष्ठ नेता प्रयागराज से सांसद रीता बहुगुणा जोशी का घर जलाने का आरोप था. खुद रीता जोशी ने जितेंद्र सिंह बबलू के बीजेपी में शामिल होने को लेकर नाराजगी जताई और उनकी सदस्यता निरस्त करने की मांग की.
इसके बाद पार्टी में विरोध और नाराजगी के और स्वर सुनाई देने लगे थे. काफी फजीहत के बाद आखिरकार भाजपा ने दागी छवि के जितेंद्र सिंह उर्फ बबलू बाहर का रास्ता दिखा दिया.
कुंडली खंगालने के बाद भाजपा में दूसरे दलों के नेता हो सकेंगे शामिल
भाजपा नेतृत्व ने अब तय किया है कि दूसरे दलों के नेताओं को भाजपा में शामिल कराने से पहले उनकी पूरी कुंडली खंगाली जाएगी. उनके बारे में पूरा फीडबैक क्षेत्र स्तर व जिला स्तर पर लेने के बाद ही उन्हें पार्टी में शामिल करने का फैसला किया जाएगा.
ऐसा करके भारतीय जनता पार्टी दागी और आपराधिक छवि के नेताओं की सीधे एंट्री करके किसी भी फजीहत और पार्टी में नाराजगी से बचने की कोशिश करेगी.
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नेताओं की जांच के लिए बनाई जाएगी स्क्रीनिंग कमेटी
बीजेपी नेतृत्व ने दूसरी तरफ से आने वाले नेताओं को पार्टी में शामिल कराने से पहले उनकी स्क्रीनिंग कराने को लेकर स्क्रीनिंग कमेटी बनाने का फैसला किया है. इस कमेटी में 5 नेताओं को शामिल किया जाएगा.
यह कमेटी जनता से भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं के बारे में क्षेत्रीय स्तर पर और जिला स्तर पर पार्टी से जुड़े नेताओं से बात करेगी. इनमें जिला अध्यक्ष व क्षेत्रीय अध्यक्ष से रिपोर्ट ली जाएगी.
रिपोर्ट पॉजिटिव होने के बाद प्रदेश नेतृत्व की तरफ से संबंधित दूसरे दल से आने वाले नेता को भाजपा में शामिल करने का फैसला किया जाएगा.
विधानसभा चुनाव से पहले किसी भी विवाद से बचने की रणनीति
दरअसल, भारतीय जनता पार्टी विधानसभा चुनाव से पहले दूसरे दलों के विवादित छवि वाले नेताओं को पार्टी में शामिल करके किसी भी विवाद और नाराजगी से बचने की रणनीति बना रही है.
चुनाव से पहले दूसरे दलों के तमाम नेता अपना ठिकाना बदलने की कोशिश में लगे हुए हैं. चुनाव में भाजपा से टिकट लेने को लेकर वह लोग बीजेपी में शामिल होने को लेकर जुगाड़ लगा रहे हैं.
ऐसे में तमाम दागी छवि व आपराधिक छवि के लोगों के बीजेपी में शामिल करके अनावश्यक फजीहत और विवाद से बचने के लिए ही भारतीय जनता पार्टी ने यह रणनीति बनाई है ताकि चुनाव से पहले किसी भी विवाद से बचा जा सके.
क्या कहते हैं भाजपा प्रवक्ता
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने बताया कि पार्टी ने एक स्क्रीनिंग कमेटी बनाने का निर्णय किया है. इसके तहत जो दूसरे दलों से आने वाले नेता हैं, उनके बारे में जांच पड़ताल करके उन्हें पार्टी में शामिल कराने का फैसला किया जाएगा.
उनकी जांच कराकर उनके गुणदोष के आधार पर कमेटी जांच पड़ताल करेगी. स्क्रीनिंग कमेटी रिपोर्ट के आधार पर उन्हें भाजपा में शामिल कराने का फैसला होगा.