लखनऊ: यूपी सरकार के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए मुआवजा के लिए कानून को सख्ती से करने की बात कही. विद्युत नियामक आयोग विनियामवली-2019 के अनुसार उपभोक्ताओं को नए कनेक्शन संबंंधी, खराब मीटर बदलवाने, बिल ठीक कराने, आपूर्ति में बाधा दूर करने, अस्थाई कनेक्शन लेने, भार वृद्धि कराने, खराब वोल्टेज मिलने जैसी शिकायतों को दूर करने के लिए समय सीमा निर्धारित कर दी गई है. समयसीमा में उपभोक्ताओं को सेवा न मिलने पर उन्हें क्षतिपूर्ति दिए जाने का प्रावधान किया गया है.
ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने बताया कि वर्तमान में इस व्यवस्था में ऑनलाइन प्रणाली के माध्यम से उपभोक्ताओं को कस्टमर केयर सेंटर के टोल फ्री नंबर 1912 के माध्यम से आवेदन करना और क्षतिपूर्ति प्राप्त करने का प्रावधान किया गया है. इस व्यवस्था के अन्तर्गत किसी भी समस्या व सेवा के लिए उपभोक्ता टोल फ्री नंबर पर अपनी शिकायत पंजीकृत कराएगा.
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि नियत समय सीमा के अन्तर्गत सेवा प्राप्त न होने पर वह फिर से टोल फ्री नंबर पर क्षतिपूर्ति प्राप्त करने के लिए आवेदन करेगा. जिसके बाद उसे एक नंबर आवंटित किया जाएगा. इसके अलावा उसका क्षतिपूर्ति का दावा स्वतः संबंधित अधिशासी अभियंता वितरण खंड के पास ऑनलाइन माध्यम से पहुंच जाएगा. पड़ताल का बाद दावा सही होने पर क्षतिपूर्ति की राशि उपभोक्ता के आगामी बिल में समयोजित कर दी जायेगी. जो अलग से दिखेगी. इसके अलावा दावा किये जाने की तिथि से एक माह तक उपभोक्ता का कोई बकाया होने पर क्षतिपूर्ति की राशि अनुमन्य नहीं होगी. इस नियमावली के लागू हो जाने के बाद तय अवधि में बिजली संबंधी समस्या के दूर न होने पर उपभोक्ता बिजली कम्पनियों से मुआवजा ले सकेंगे.
ऊर्जा मंत्री ने विद्युत निगमों के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिया है कि उपभोक्ताओं की समस्याओं का हल निश्चित समय सीमा के अन्तर्गत सुनिश्चित किया जाए. इसमें किसी भी तरह की लापरवाही पाये जाने पर संबंधित अधिकारी और कर्मचारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी. उपभोक्ता अपनी शिकायत बिजली कम्पनियों के कस्टमर केयर सेंटर में या टोल फ्री नंबर 1912 पर करेगा. अगर तय समय में समस्या दूर नहीं होती है तो उपभोक्ता को टोल फ्री नंबर 1912 के माध्यम से मुआवजे की मांग भी करनी पड़ेगी.
ऊर्जा मंत्री ने बिजली निगम के अधिकारियों को 1912 पर प्राप्त होने वाली शिकायतों के क्रियान्वयन पर लगातार नजर रखने के निर्देश दिये हैं. जिससे शिकायतों के निस्तारण में देरी न हो. बिजली संबंधी किसी भी सेवा में कमी के संबंध में तय मुआवजा अधिकतम 60 दिनों में उपभोक्ता को प्राप्त हो जायेगा. किसी भी उपभोक्ता को उसके द्वारा वित्तीय वर्ष में दी गयी. फिक्स डिमांड चार्ज का अधिकतम 30 प्रतिशत मुआवजा प्राप्त होगा.
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