नई दिल्ली/देहरादूनः उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी के बेटे रोहित शेखर तिवारी की मंगलवार को हार्ट अटैक से मौत हो गई. घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए एम्स अस्पताल के शवगृह में रखवा दिया है. पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम होने के बाद ही मौत के कारण का स्पष्ट पता चल पाएगा.
पुलिस के अनुसार रोहित शेखर परिवार सहित दक्षिण दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी में रहता था. कुछ ही समय पहले उसका विवाह हुआ था. हाल ही में उसने लोकसभा चुनाव में अपना मतदान भी किया था. मंगलवार दोपहर परिवार के सदस्य उन्हें बेहोशी की हालत में साकेत स्थित मैक्स अस्पताल में लेकर पहुंचे, जहां जांच करने के बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. अस्पताल से ही घटना की जानकारी पुलिस को दी गई. सूचना मिलते ही पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए शवगृह में भिजवा दिया.
घर पर छानबीन करने पहुंची पुलिस टीम
डिफेंस कॉलोनी थाने की पुलिस फिलहाल रोहित शेखर के घर पर छानबीन कर रही है. उसके परिवार के सदस्यों से भी घटना को लेकर पूछताछ की जा रही है. रोहित शेखर लगभग 33 वर्ष के थे. ऐसे में उसकी अचानक मौत होने को पुलिस संदिग्ध मान रही है. पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम के बाद ही मौत के कारणों का पता चल पाएगा. प्राथमिक जांच में दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत होने की आशंका जताई जा रही है, लेकिन इसकी पुष्टि भी पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही हो पाएगी.
कौन है रोहित शेखर
रोहित शेखर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी के बेटे थे. उन्होंने एनडी तिवारी को अपना पिता साबित करने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. इस मामले में एनडी तिवारी ने डीएनए टेस्ट के लिए लंबे समय तक नमूना नहीं दिया था, लेकिन कोर्ट के आदेश पर आखिरकार उन्हें नमूना देना पड़ा था. डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट आने से पहले ही एनडी तिवारी ने रोहित को अपने बेटे के रूप में कबूल कर लिया था.
पिछले साल ही शादी के बंधन में बंधे थे रोहित
उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम एन डी तिवारी के बेटे रोहित शेखर ने मध्यप्रदेश के इंदौर की अपूर्वा शुक्ला से शादी की थी. अपूर्वा सुप्रीम कोर्ट में वकील हैं. गौरतलब है कि रोहित तिवारी ने दावा किया था कि वे एन डी तिवारी के पुत्र हैं. बेटे का अधिकार पाने के लिए रोहित ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था. जिसके बाद साल 2014 में कोर्ट ने एन डी तिवारी और रोहित का डीएनए टेस्ट करवाने के आदेश दिए थे. जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. रिपोर्ट आने के बाद एन डी तिवारी ने रोहित को अपने बेटे के रूप में स्वीकार कर लिया था.
दक्षिणी दिल्ली के डीसीपी विजय कुमार ने बताया कि उत्तराखंड और यूपी के पूर्व सीएम एनडी तिवारी के बेटे रोहित शेखर तिवारी को मृत अवस्था में ही मैक्स साकेत अस्पताल लाया गया था. इससे पहले पिछले साल 18 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी का दिल्ली के मैक्स अस्पताल में निधन हो गया था. उत्तराखंड के पहले विधानसभा चुनाव 2002 में कांग्रेस को बहुमत मिलने पर पार्टी आलाकमान ने मुख्यमंत्री का ताज उनके सिर पर रख दिया था. 2002 से लेकर 2007 तक उन्होंने राज्य की कमान संभाली. इस दौरान उन्हें विकास पुरुष जैसे ओहदे से भी लोगों ने नवाजा था. अपने विराट व्यक्तित्व के बलबूते उन्होंने प्रदेश के विकास के लिए कई कार्य किए. हालांकि, इस दौरान उनकी कांग्रेस नेता हरीश रावत से पूरे कार्यकाल के दौरान ठनी रही.