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प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के क्षेत्र के चारागाहों पर भी कब्जे, मंत्री ने कहा-हर हाल में खाली कराए जाएंगे

उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में सैकड़ों एकड़ पशुचर भूमि (चारागाह) पर कब्जे हैं. इन जमानों को भूमाफिया बेच भी रहे हैं और कई जिलों में पशुचर भूमि पर पक्के निर्माण भी हो गए हैं. बहरहाल पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने प्रदेश भर के चारागाहों को खाली कराकर नैपियर घास उगाने के निर्देश दिए हैं.

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Published : Aug 5, 2023, 10:17 PM IST

प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के क्षेत्र के चारागाहों पर भी कब्जे. देखें खबर

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में सैकड़ों एकड़ जमीन ऐसी है जिस पर अवैध कब्जेदारों ने कब्जा कर रखा है. भूमाफिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह क्षेत्र को भी नहीं छोड़ा है. अब चारागाह (गोचर) भूमि का चिन्हांकन करने के लिए पशुपालन विभाग ने नौ नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं. जो जिलाधिकारी और एसपी से संपर्क इन जमीनों को खाली कराएंगे. इसके बाद खाली जमीनों पर पशुपालन विभाग नेपियर घास उगाएगा. प्रदेश भर में हर जिले में विभाग की तरफ से भूसा बैंक बनाया गया है और अब नेपियर घास उगाकर चारा उत्पादन करके गायों को पौष्टिक आहार देने की योजना है. जिससे दुग्ध उत्पादन में बढ़ोतरी हो सके. उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह का कहना है कि इस अभियान में सभी गोचर भूमियों को हरहाल में कब्जा मुक्त कराया जाएगा.

प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के क्षेत्र के चारागाहों पर भी कब्जे.
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के क्षेत्र के चारागाहों पर भी कब्जे.
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के क्षेत्र के चारागाहों पर भी कब्जे.
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के क्षेत्र के चारागाहों पर भी कब्जे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी हो या फिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गृहक्षेत्र गोरखपुर. हर जगह पर अवैध कब्जेदरों ने चरागाह की भूमि पर कब्जा कर रखा है. भूमाफिया ने प्लाटिंग कर बेच भी रहे हैं. अब इन जमीनों को खाली कराना सरकार के लिए बड़ी चुनौती है, क्योंकि इन जमीनों पर भवन तक निर्मित हो चुके हैं. हालांकि पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री का दावा है कि हम डीएम और एसपी की सहायता से हर हाल में चारागाह की जमीनों पर से कब्जा जरूर हटाएंगे.
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के क्षेत्र के चारागाहों पर भी कब्जे.
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के क्षेत्र के चारागाहों पर भी कब्जे.

फिलहाल, उत्तर प्रदेश का शायद ही कोई ऐसा जिला हो जहां पर भू माफिया की नजर ऐसी जमीनों पर न हो और उन पर कब्जा न हुआ हो. उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों को यह निर्देश दिए हैं कि चारागाह की भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराते हुए मनरेगा और अन्य सीएसआर मद का उपयोग करते हुए बहुवर्षीय हरा चारा (नैपियर घास) का उत्पादन किया जाए. इसके लिए 11 जुलाई से 25 अगस्त तक 45 दिन का विशेष अभियान प्रारम्भ किया गया है.


यह भी पढ़ें : UPSSSC : यूपी के कई विभागों में लिपिक और कनिष्ठ सहायक के 3831 पदों पर मौका, 12 सितंबर से शुरू होगी आवेदन प्रक्रिया

प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के क्षेत्र के चारागाहों पर भी कब्जे. देखें खबर

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में सैकड़ों एकड़ जमीन ऐसी है जिस पर अवैध कब्जेदारों ने कब्जा कर रखा है. भूमाफिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह क्षेत्र को भी नहीं छोड़ा है. अब चारागाह (गोचर) भूमि का चिन्हांकन करने के लिए पशुपालन विभाग ने नौ नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं. जो जिलाधिकारी और एसपी से संपर्क इन जमीनों को खाली कराएंगे. इसके बाद खाली जमीनों पर पशुपालन विभाग नेपियर घास उगाएगा. प्रदेश भर में हर जिले में विभाग की तरफ से भूसा बैंक बनाया गया है और अब नेपियर घास उगाकर चारा उत्पादन करके गायों को पौष्टिक आहार देने की योजना है. जिससे दुग्ध उत्पादन में बढ़ोतरी हो सके. उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह का कहना है कि इस अभियान में सभी गोचर भूमियों को हरहाल में कब्जा मुक्त कराया जाएगा.

प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के क्षेत्र के चारागाहों पर भी कब्जे.
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के क्षेत्र के चारागाहों पर भी कब्जे.
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के क्षेत्र के चारागाहों पर भी कब्जे.
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के क्षेत्र के चारागाहों पर भी कब्जे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी हो या फिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गृहक्षेत्र गोरखपुर. हर जगह पर अवैध कब्जेदरों ने चरागाह की भूमि पर कब्जा कर रखा है. भूमाफिया ने प्लाटिंग कर बेच भी रहे हैं. अब इन जमीनों को खाली कराना सरकार के लिए बड़ी चुनौती है, क्योंकि इन जमीनों पर भवन तक निर्मित हो चुके हैं. हालांकि पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री का दावा है कि हम डीएम और एसपी की सहायता से हर हाल में चारागाह की जमीनों पर से कब्जा जरूर हटाएंगे.
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के क्षेत्र के चारागाहों पर भी कब्जे.
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के क्षेत्र के चारागाहों पर भी कब्जे.

फिलहाल, उत्तर प्रदेश का शायद ही कोई ऐसा जिला हो जहां पर भू माफिया की नजर ऐसी जमीनों पर न हो और उन पर कब्जा न हुआ हो. उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों को यह निर्देश दिए हैं कि चारागाह की भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराते हुए मनरेगा और अन्य सीएसआर मद का उपयोग करते हुए बहुवर्षीय हरा चारा (नैपियर घास) का उत्पादन किया जाए. इसके लिए 11 जुलाई से 25 अगस्त तक 45 दिन का विशेष अभियान प्रारम्भ किया गया है.


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