लखनऊ: राज्य सेतु निगम के एमडी पर करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए शनिवार को कर्मचारियों ने सेतु निगम का घेराव किया. सेतु निगम के अधिकारी पर तबादला कारोबार को लेकर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया है. आरोप है इसको लेकर कर्मचारियों ने लोकायुक्त में भी शिकायत की थी, लेकिन कोई सुनवाई न होने पर उन्होंने आज राज्य सेतु निगम के बाहर घेराव कर प्रदर्शन शुरू कर दिया. इस बात की जानकारी लगते ही मौके पर पीएसी के साथ-साथ स्थानीय पुलिस भी पहुंच गई और सभी प्रदर्शनकारियों से बात करते हुए मौके से हटाया गया.
मांगों को लेकर किया प्रदर्शन
संयुक्त कर्मचारी संघ ने आज सात सूत्रीय मांगों के निस्तारण के लिए प्रदर्शन किया. कर्मचारियों ने समस्याओं और मांगों के निस्तारण के लिए सेतु निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार के विरोध में आज सेतु निगम मुख्यालय पर प्रदर्शन को लेकर पहले ही चेतावनी दी थी. जब समस्याओं का निस्तारण नहीं हुआ, तो कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों की मानें तो उन्होंने 14 जनवरी को भी एक शिकायती पत्र दिया था. उसके बाद मुख्यालय पर 30 जनवरी 2021 को भी प्रार्थना पत्र दिया गया था, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. उन्होंने बताया कि 28 जनवरी को उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से भी इस मामले की शिकायत की गई थी. उन्होंने लोक निर्माण विभाग को निर्देशित किया और सार्थक परिणाम दिलाए जाने का भरोसा भी दिलाया था. इसके बाद भी कोई निस्तारण न होने पर आक्रोशित कर्मचारियों ने घेराव कर विरोध दर्ज कराया.
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पहले भी दिया था शिकायती पत्र
संयुक्त कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष शैलेंद्र सिंह की मानें तो एक साल पहले उनके द्वारा एक शिकायती पत्र दिया गया था, लेकिन उस पर कोई सुनवाई नहीं हुई थी. इसको लेकर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से मुकदमा जीतने के बाद जब वह सेतु निगम के प्रबंधक निदेशक अरविंद कुमार श्रीवास्तव के पास पहुंचे थे तो उनके द्वारा अभद्र व्यवहार करते हुए कोई भी सुनवाई नहीं की गई. उन्होंने कहा कि सेतु निगम के प्रबंधक से जब वार्ता की गई तो उन्होंने बात करने से साफ मना कर दिया. आरोप है कि उनके द्वारा अपशब्द का इस्तेमाल करते हुए देख लेने की धमकी तक दे डाली गई थी. साथ ही प्रदेश अध्यक्ष शैलेन्द्र को असंवैधानिक तरीके से उन्हें निलंबित कर दिया गया है. इसका विरोध करते हुए आज कर्मचारियों के साथ मिलकर यह विरोध दर्ज कराया गया है.