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प्रोन्नति में आरक्षण पर विफरे कर्मचारी नेता, सीएम को लिखा पत्र - स्वायत्तशासी कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष

प्रोन्नति में आरक्षण से उत्पन्न विसंगति पर विभिन्न विभागों में अंतर कलह शुरू हो गई है. कर्मचारी संगठनों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है. इस संदर्भ में स्वायत्तशासी कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष कमलेश कुमार वर्मा और महामंत्री रामजी तिवारी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है.

प्रोन्नति में आरक्षण.
प्रोन्नति में आरक्षण.
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Published : Mar 4, 2021, 5:28 PM IST

लखनऊः प्रोन्नति में आरक्षण से उत्पन्न विसंगति पर विक्रय कर्मचारी नेता प्रोन्नति पर आरक्षण को लेकर विभिन्न विभागों में अंतर कलह शुरू हो गई है. कर्मचारी संगठनों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है. इस संदर्भ में स्वायत्तशासी कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष कमलेश कुमार वर्मा और महामंत्री रामजी तिवारी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है.

कनिष्ठ हो गए वरिष्ठ, वेतन भी बढ़ा

पत्र में राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद में आरक्षित श्रेणी के कनिष्ठ कर्मियों को वरिष्ठ कर्मी से अधिक वेतन निर्धारित करने के फैसले पर आपत्ति जताई गई हैं. इस संदर्भ में आरक्षित वर्ग के लेखा अधिकारी व उपनिदेशक को दी गई प्रोन्नति का उदाहरण दिया गया है. कहा गया है कि इस प्रोन्नति से कनिष्ठ वर्ग के इन कर्मचारियों और अधिकारियों का मूल वेतन वरिष्ठ कर्मचारियों से अधिक हो गया है. इससे परिषद को प्रत्येक कर्मचारी और अधिकारी द्वारा प्रति माह 10,000 से 15,000 तक की आर्थिक क्षति पहुंचाई जा रही है.

सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हो पालन

स्वायत्तशासी कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष कमलेश कुमार वर्मा ने ईटीवी को बताया कि कनिष्ठ कर्मी के लिए जारी किया गया. वेतन निर्धारण आदेश सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय 27 अप्रैल 2012 के अनुसरण में मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश द्वारा 21 सितंबर 2015 को जारी किया गया. आदेश को मंडी परिषद में उल्लंघन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मंडी अधिनियम की धारा 26 (ब) में प्रावधान किया गया है. यदि किसी अधिकारी या कर्मचारी के कृत्य से विभाग को आर्थिक क्षति होती है तो इसे संबंधित अधिकारी या कर्मचारी से वसूल कर लिया जाए. पत्र में समय-समय पर जारी शासनादेशों का भी हवाला दिया गया है.

लखनऊः प्रोन्नति में आरक्षण से उत्पन्न विसंगति पर विक्रय कर्मचारी नेता प्रोन्नति पर आरक्षण को लेकर विभिन्न विभागों में अंतर कलह शुरू हो गई है. कर्मचारी संगठनों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है. इस संदर्भ में स्वायत्तशासी कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष कमलेश कुमार वर्मा और महामंत्री रामजी तिवारी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है.

कनिष्ठ हो गए वरिष्ठ, वेतन भी बढ़ा

पत्र में राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद में आरक्षित श्रेणी के कनिष्ठ कर्मियों को वरिष्ठ कर्मी से अधिक वेतन निर्धारित करने के फैसले पर आपत्ति जताई गई हैं. इस संदर्भ में आरक्षित वर्ग के लेखा अधिकारी व उपनिदेशक को दी गई प्रोन्नति का उदाहरण दिया गया है. कहा गया है कि इस प्रोन्नति से कनिष्ठ वर्ग के इन कर्मचारियों और अधिकारियों का मूल वेतन वरिष्ठ कर्मचारियों से अधिक हो गया है. इससे परिषद को प्रत्येक कर्मचारी और अधिकारी द्वारा प्रति माह 10,000 से 15,000 तक की आर्थिक क्षति पहुंचाई जा रही है.

सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हो पालन

स्वायत्तशासी कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष कमलेश कुमार वर्मा ने ईटीवी को बताया कि कनिष्ठ कर्मी के लिए जारी किया गया. वेतन निर्धारण आदेश सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय 27 अप्रैल 2012 के अनुसरण में मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश द्वारा 21 सितंबर 2015 को जारी किया गया. आदेश को मंडी परिषद में उल्लंघन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मंडी अधिनियम की धारा 26 (ब) में प्रावधान किया गया है. यदि किसी अधिकारी या कर्मचारी के कृत्य से विभाग को आर्थिक क्षति होती है तो इसे संबंधित अधिकारी या कर्मचारी से वसूल कर लिया जाए. पत्र में समय-समय पर जारी शासनादेशों का भी हवाला दिया गया है.

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