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सपा सरकार में कभी IPS की कराई थी किरकिरी, अब सिर्फ 90 रुपये की खातिर पूर्व मंत्री का धंस रहा 'बंकर'

अपने रुतबे का गलत इस्तेमाल कर इकबाल ने लखनऊ के SSP रहे IPS से अपने एक विरोधी के घर ये कहकर छापा डलवा दिया कि उसके आवास पर अवैध असलहे का जखीरा हैय IPS ने भारी मात्रा में असलहे बरामद कर गिरफ्तारी की. मगर जांच में पकड़े गए असलहे एयरगन निकले.

सपा सरकार में कभी IPS की कराई थी किरकिरी
सपा सरकार में कभी IPS की कराई थी किरकिरी
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Published : Jul 28, 2021, 3:18 PM IST

Updated : Jul 28, 2021, 4:30 PM IST

लखनऊ : कैरियर डेंटल कॉलेज का मालिक अजमत का बेटा व सपा सरकार में दर्जा प्राप्त मंत्री रहे मो. इकबाल का विवादों से पुराना नाता रहा. सिर्फ 90 रुपये ने पूर्व मंत्री को गर्त में पहुंचा दिया. बाराबंकी टोल प्लाजा पर 90 रुपया टोल टैक्स न देने को लेकर फायरिंग करने पर महीनों जेल काटी और लखनऊ ही नहीं प्रदेश भी छोड़ना पड़ा. यही नहीं, इकबाल ने सपा शासन काल में मुख्यमंत्री के खास रहे एक IPS की जमकर किरकिरी कराई थी. अब उसका भी खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है.

दरअसल, अपने रुतबे का गलत इस्तेमाल कर इकबाल ने लखनऊ के SSP रहे IPS से अपने एक विरोधी के घर ये कहकर छापा डलवा दिया कि उसके आवास पर अवैध असलहे का जखीरा हैय IPS ने भारी मात्रा में असलहे बरामद कर गिरफ्तारी की. मगर जांच में पकड़े गए असलहे एयरगन निकले. इसे लेकर IPS अफसर की मीडिया में जमकर किरकिरी हुई.

कारनामों की लंबी फेहरिस्त

पूर्व मंत्री इकबाल के कारनामों की लंबी फेहरिस्त है. एक अन्य मामले में इकबाल व उसके करीबी फंसे लेकिन सत्ता की हनक में बच निकले. दरअसल, इकबाल के करीबी ने हिन्दू बनकर उनके मेडिकल कॉलेज की ही एक डॉक्टरी की पढ़ाई कर रही आजमगढ़ की युवती को अपने जाल में फंसाया. फिर प्यार का हवाला देकर उसे गलत रास्ते पर ले जाने का दबाव बनाया.

इसके चलते लड़की ने फंदे से लटककर आत्महत्या कर ली. खास बात यह है कि फंदे पर लटकने से ठीक पहले उसने लड़के को फोन कर उसकी करतूतों के लिए कोसा था. 30 मिनट की काल रिकॉर्डिंग में इकबाल व उसके करीबी की करतूतों की दास्तां थी. ये रिकॉर्डिंग पुलिस के हत्थे लग गई. पुलिस ने जांच शुरू की लेकिन फिर हमेशा की तरह इस बार भी वह बच निकला. जांच ठंडे बस्ते में डाल दी गई.

कभी मामूली नौकरी करता था अजमत, बाप-बेटे पर 11 FIR

मड़ियांव के घैला गांव का अजमत अली सामान्य परिवार से ताल्लुक रखता था. उनकी नाममात्र की पैतृक संपत्ति थी. उसने परिवार चलाने के लिए निसार अली के यहां 1000-1200 रुपये प्रतिमाह की नौकरी की. हालांकि, अमीर बनने की चाहत में उसने गिरोह बनाकर अवैध तरीके से संपत्तियां हथियानी शुरू कर दीं. इस काम में उसका बेटा इकबाल भी शामिल हो गया.

दबंगई के बदौलत अजमत घैला गांव का प्रधान बना. मड़ियांव थाने में अजमत पर पहला मुकदमा 2000 में मारपीट व एससी-एसटी में दर्ज हुआ था. दस साल बाद हत्या के प्रयास का केस दर्ज हुआ. मड़ियांव थाने में ही उस पर हत्या के प्रयास, कूटरचित दस्तावेज तैयार कर संपत्तियां बनाने व बलवा जैसे आठ मुकदमे दर्ज हैं. इकबाल पर भी मड़ियांव थाने में तीन केस दर्ज हैं.

यह भी पढ़ें : स्वाति सिंह के परिवार की महिलाओं के खिलाफ अभद्र टिप्पणी का मामला, नसीमुद्दीन कोर्ट में पेश

ट्रस्ट बनाकर बटोरी अकूत संपत्ति

पूर्व मंत्री इकबाल की कई IAS व IPS अफसरों से खासी नजदीकी भी रही. वह खुलेआम इकबाल के साथ घूमते-फिरते, होटलबाजी और आउटिंग करते थे. उन्हीं के रुतबे का फायदा उठाकर इकबाल ने पिता अजमत के साथ जमीनी कब्जे, अवैध निर्माण के अरबों की संपत्ति बनाई.

अजमत अली ने 1995 में कैरियर कॉन्वेंट एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट (Career Convent Educational And Charitable Trust) बनाया. इसके बाद उसने सरकारी रास्तों, चकरोड व सरकारी जमीनों पर कब्जा करना शुरू कर दिया. अवैध कमाई से वर्ष 1998 से 2000 के बीच कैरियर कॉन्वेंट कॉलेज बनाया. 2007 में कैरियर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड हॉस्पिटल की बिल्डिंग नेशनल हाईवे से मिलाकर बनानी शुरू की.

अजमत अली ने सार्वजनिक स्थानों, चकरोड, नवीन परती जमीन को ट्रस्ट में मिलाकर उन पर भी निर्माण करा दिया. आरोप है कि ये सारी संपत्ति दबंगई और आपराधिक कारनामों से हासिल की. हालांकि, भाजपा सरकार ने अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलवाया और ढाई अरब से ज्यादा की संपत्ति जब्त की.

जब्त की अरबों की संपत्ति

पीएनबी घैला, एक्सिस बैंक शाखा आईआईएम रोड, एसबीआई पांडेयगंज, आईसीआईसीआई नादान महल रोड में अजमत अली और इकबाल व उनके परिवारीजन और ट्रस्ट के नाम से जमा 77 लाख 35 हजार 530 रुपये जब्त कर लिए गए. इसके अलावा खुद और ट्रस्ट के नाम से खरीदी गईं लग्जरी गाड़ियां (फॉर्च्यूनर, ऑडी, क्वालिस, इनोवा) बस व अन्य 10 करोड़ 91 लाख 15 हजार के वाहन हैं. पुलिस ने सारी संपत्तियों को जब्त कर लिया है.

दबंगई से पुलिस भी परेशान

इंस्पेक्टर मनोज सिंह के मुताबिक, अजमत अली (65) और इकबाल (35) का संगठित गैंग है. गैंग के लीडर अजमत अली अपने साथियों के साथ महंगी सरकारी जमीनों पर कब्जा करता है. इसकी दबंगई की वजह से कोई भी व्यक्ति रिपोर्ट लिखाने का साहस नहीं जुटा पाता.

इसके खिलाफ कोई भी गवाही तक देने को तैयार नहीं होता. लिहाजा इनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के कार्रवाई की गई. एफआईआर में अजमत का पता घैला, मड़ियांव और इकबाल का पता विकासनगर लिखाया गया है. कुछ तथ्य जुटाने के बाद पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार करने की कवायद में जुट गई है.

लखनऊ : कैरियर डेंटल कॉलेज का मालिक अजमत का बेटा व सपा सरकार में दर्जा प्राप्त मंत्री रहे मो. इकबाल का विवादों से पुराना नाता रहा. सिर्फ 90 रुपये ने पूर्व मंत्री को गर्त में पहुंचा दिया. बाराबंकी टोल प्लाजा पर 90 रुपया टोल टैक्स न देने को लेकर फायरिंग करने पर महीनों जेल काटी और लखनऊ ही नहीं प्रदेश भी छोड़ना पड़ा. यही नहीं, इकबाल ने सपा शासन काल में मुख्यमंत्री के खास रहे एक IPS की जमकर किरकिरी कराई थी. अब उसका भी खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है.

दरअसल, अपने रुतबे का गलत इस्तेमाल कर इकबाल ने लखनऊ के SSP रहे IPS से अपने एक विरोधी के घर ये कहकर छापा डलवा दिया कि उसके आवास पर अवैध असलहे का जखीरा हैय IPS ने भारी मात्रा में असलहे बरामद कर गिरफ्तारी की. मगर जांच में पकड़े गए असलहे एयरगन निकले. इसे लेकर IPS अफसर की मीडिया में जमकर किरकिरी हुई.

कारनामों की लंबी फेहरिस्त

पूर्व मंत्री इकबाल के कारनामों की लंबी फेहरिस्त है. एक अन्य मामले में इकबाल व उसके करीबी फंसे लेकिन सत्ता की हनक में बच निकले. दरअसल, इकबाल के करीबी ने हिन्दू बनकर उनके मेडिकल कॉलेज की ही एक डॉक्टरी की पढ़ाई कर रही आजमगढ़ की युवती को अपने जाल में फंसाया. फिर प्यार का हवाला देकर उसे गलत रास्ते पर ले जाने का दबाव बनाया.

इसके चलते लड़की ने फंदे से लटककर आत्महत्या कर ली. खास बात यह है कि फंदे पर लटकने से ठीक पहले उसने लड़के को फोन कर उसकी करतूतों के लिए कोसा था. 30 मिनट की काल रिकॉर्डिंग में इकबाल व उसके करीबी की करतूतों की दास्तां थी. ये रिकॉर्डिंग पुलिस के हत्थे लग गई. पुलिस ने जांच शुरू की लेकिन फिर हमेशा की तरह इस बार भी वह बच निकला. जांच ठंडे बस्ते में डाल दी गई.

कभी मामूली नौकरी करता था अजमत, बाप-बेटे पर 11 FIR

मड़ियांव के घैला गांव का अजमत अली सामान्य परिवार से ताल्लुक रखता था. उनकी नाममात्र की पैतृक संपत्ति थी. उसने परिवार चलाने के लिए निसार अली के यहां 1000-1200 रुपये प्रतिमाह की नौकरी की. हालांकि, अमीर बनने की चाहत में उसने गिरोह बनाकर अवैध तरीके से संपत्तियां हथियानी शुरू कर दीं. इस काम में उसका बेटा इकबाल भी शामिल हो गया.

दबंगई के बदौलत अजमत घैला गांव का प्रधान बना. मड़ियांव थाने में अजमत पर पहला मुकदमा 2000 में मारपीट व एससी-एसटी में दर्ज हुआ था. दस साल बाद हत्या के प्रयास का केस दर्ज हुआ. मड़ियांव थाने में ही उस पर हत्या के प्रयास, कूटरचित दस्तावेज तैयार कर संपत्तियां बनाने व बलवा जैसे आठ मुकदमे दर्ज हैं. इकबाल पर भी मड़ियांव थाने में तीन केस दर्ज हैं.

यह भी पढ़ें : स्वाति सिंह के परिवार की महिलाओं के खिलाफ अभद्र टिप्पणी का मामला, नसीमुद्दीन कोर्ट में पेश

ट्रस्ट बनाकर बटोरी अकूत संपत्ति

पूर्व मंत्री इकबाल की कई IAS व IPS अफसरों से खासी नजदीकी भी रही. वह खुलेआम इकबाल के साथ घूमते-फिरते, होटलबाजी और आउटिंग करते थे. उन्हीं के रुतबे का फायदा उठाकर इकबाल ने पिता अजमत के साथ जमीनी कब्जे, अवैध निर्माण के अरबों की संपत्ति बनाई.

अजमत अली ने 1995 में कैरियर कॉन्वेंट एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट (Career Convent Educational And Charitable Trust) बनाया. इसके बाद उसने सरकारी रास्तों, चकरोड व सरकारी जमीनों पर कब्जा करना शुरू कर दिया. अवैध कमाई से वर्ष 1998 से 2000 के बीच कैरियर कॉन्वेंट कॉलेज बनाया. 2007 में कैरियर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड हॉस्पिटल की बिल्डिंग नेशनल हाईवे से मिलाकर बनानी शुरू की.

अजमत अली ने सार्वजनिक स्थानों, चकरोड, नवीन परती जमीन को ट्रस्ट में मिलाकर उन पर भी निर्माण करा दिया. आरोप है कि ये सारी संपत्ति दबंगई और आपराधिक कारनामों से हासिल की. हालांकि, भाजपा सरकार ने अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलवाया और ढाई अरब से ज्यादा की संपत्ति जब्त की.

जब्त की अरबों की संपत्ति

पीएनबी घैला, एक्सिस बैंक शाखा आईआईएम रोड, एसबीआई पांडेयगंज, आईसीआईसीआई नादान महल रोड में अजमत अली और इकबाल व उनके परिवारीजन और ट्रस्ट के नाम से जमा 77 लाख 35 हजार 530 रुपये जब्त कर लिए गए. इसके अलावा खुद और ट्रस्ट के नाम से खरीदी गईं लग्जरी गाड़ियां (फॉर्च्यूनर, ऑडी, क्वालिस, इनोवा) बस व अन्य 10 करोड़ 91 लाख 15 हजार के वाहन हैं. पुलिस ने सारी संपत्तियों को जब्त कर लिया है.

दबंगई से पुलिस भी परेशान

इंस्पेक्टर मनोज सिंह के मुताबिक, अजमत अली (65) और इकबाल (35) का संगठित गैंग है. गैंग के लीडर अजमत अली अपने साथियों के साथ महंगी सरकारी जमीनों पर कब्जा करता है. इसकी दबंगई की वजह से कोई भी व्यक्ति रिपोर्ट लिखाने का साहस नहीं जुटा पाता.

इसके खिलाफ कोई भी गवाही तक देने को तैयार नहीं होता. लिहाजा इनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के कार्रवाई की गई. एफआईआर में अजमत का पता घैला, मड़ियांव और इकबाल का पता विकासनगर लिखाया गया है. कुछ तथ्य जुटाने के बाद पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार करने की कवायद में जुट गई है.

Last Updated : Jul 28, 2021, 4:30 PM IST
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