लखनऊ : पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल का शत प्रतिशत विद्युतीकरण हो गया है. अब लखनऊ मंडल के ट्रैक पर विद्युत इंजन से चलने वाली ट्रेनें दौड़ेंगी. डीजल इंजन का झंझट लखनऊ मंडल में पूरी तरह समाप्त हो गया है. सोमवार को पचपेड़वा (रहित)-सुभागपुर (रहित) रेलखंड के बीच सुबह 09ः45 बजे से पूर्वोत्तर रेलवे के प्रमुख मुख्य विद्युत इंजीनियर एके गुप्ता ने प्रमुख परियोजना निदेशक, आरई सुधांशु कृष्ण दुबे और लखनऊ मंडल के अपर मंडल रेल प्रबंधक, इंफ्रा संजय यादव और वरिष्ठ मंडल विद्युत इंजीनियर, टीआरडी धर्मेन्द्र कुमार यादव के साथ संरक्षा की दृष्टि से रेलखंड का निरीक्षण किया. 25,000 वोल्ट एसी नई विद्युतकर्षण लाइन 82.997 किलोमीटर खंड पर निर्धारित मानकों के अनुसार किए गए कार्यों को परखा.
पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के जनसंपर्क अधिकारी उमेश कुमार गुप्ता ने बताया कि 'प्रमुख मुख्य विद्युत इंजीनियर एके गुप्ता ने सुभागपुर (रहित)- इटियाथोक स्टेशनों के बीच एसएसपी (Sub Sectioning & paralleling Post) का मानकों के अनुरूप विद्युतकर्षण लाइन फिटिंग्स, बैटरी रूम, न्यूट्रल सेक्शन, ओवर हेड ट्रैक्शन लाइन की मानक ऊंचाई का निरीक्षण किया. इसके बाद बलरामपुर स्टेशन पहुंचने पर स्टेशन अधीक्षक कक्ष, रिले रूम, आईपीएस रूम, यात्री सुविधाओं और प्लेटफॉर्म क्लियरेंस, फुटओवर ब्रिज व 132/25 केवी कर्षण उपकेंद्र समेत टावर वैगन शेड में विभिन्न संरक्षा उपकरणों का निरीक्षण किया. बलरामपुर-गैंजहवा स्टेशनों के बीच ब्रिज संख्या 151, गैंजहवा-तुलसीपुर स्टेशनों के मध्य एलसी गेट संख्या 122 स्पेशल का निरीक्षण किया.'
रेलखंड की कार्यप्रणाली के अनुरूप गेटमैन की कार्यशीलता और सजगता को परखा. निरीक्षण के अंत में प्रमुख मुख्य विद्युत इंजीनियर ने गैंसडी-पचपेड़वा स्टेशनों के बीच एसपी (Sectioning & paralleling Post) का मानकों के अनुरूप ओवर हेड विद्युत कर्षण लाइन फिटिंग्स, बैटरी रूम व ट्रेक्शन लाइन की मानक ऊंचाई व संरक्षा के सभी पहलुओं का निरीक्षण किया. इसके बाद प्रमुख मुख्य विद्युत इंजीनियर ने पचपेड़वा-सुभागपुर रेलखंड पर विद्युत लोकोमोटिव से चालित निरीक्षण स्पेशल ट्रेन से 110 किमी. घंटे की गति से स्पीड ट्रायल भी किया. पीआरओ महेश गुप्ता ने बताया कि खंड पर नई विद्युतकर्षण लाइन का कार्य पूरा होने पर पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल की पूरी ब्रॉड गेज लाइन विद्युतीकृत हो गई है. इससे ट्रेनों का परिचालनिक यातायात सुगम होगा, ईंधन की बचत होगी, गाड़ियों की गति बढ़ेगी, संचलन समय में कमी होगी जिससे इस क्षेत्र की जनता सहित पड़ोसी देश नेपाल के भी रेल यात्री लाभान्वित होंगे.
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