लखनऊ: विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर गुरुवार को लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मियों ने गुरुवार सुबह से ही कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया. लखनऊ के फील्ड हॉस्टल में बड़ी संख्या में बिजली कर्मचारी और अधिकारी कार्य बहिष्कार में हिस्सा लेने पहुंचे हैं. संघर्ष समिति ने आज रात से हड़ताल करने का भी एलान किया है. हड़ताल न हो इसे लेकर विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति और ऊर्जा मंत्री के बीच वार्ता जारी है.
1956 कंपनी अधिनियम के अंतर्गत पावर कारपोरेशन के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक के पद पर आईएएस अधिकारी का चयन ना होने, संविदा कर्मियों को समान वेतन देने, निविदा/संविदा कर्मचारियों को नियमित करने, ओबरा और अनपरा तापीय इकाइयों को एनटीपीसी को न सौंपने, ऊर्जा निगम का एकीकरण करने, कैशलेस इलाज की सुविधा देने, नोएडा और आगरा में निजी कंपनियों से बिजली का काम वापस लेने जैसी मांगों को लेकर बिजली कर्मचारी कार्य बहिष्कार करने मैदान में उतर पड़े हैं. फील्ड हॉस्टल में ऊर्जा प्रबंधन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी कर रहे हैं, साथ ही ये भी आरोप लगा रहे हैं कि ऊर्जा प्रबंधन बिजली कर्मचारियों की सुनवाई ही नहीं कर रहा है.
बिजली कर्मचारी और ऊर्जा प्रबंधन के बीच दरार और ज्यादा बढ़ रही है. पदाधिकारियों का कहना है कि तीन दिसंबर 2022 को ऊर्जा मंत्री ने 15 दिन के अंदर समझौता लागू करने की बात कही थी, लेकिन 113 दिन से ज्यादा का समय हो चुका है. अब तक समझौता लागू नहीं किया गया है जो बिल्कुल भी सही नहीं है. दिन में कार्य बहिष्कार है रात 10 बजे के बाद हड़ताल शुरू की जाएगी. 72 घंटे की यह हड़ताल होगी.
कार्य बहिष्कार लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश भर में जारी है. तमाम उपकेंद्रों पर कार्रवाई का का असर भी साफ नजर आ रहा है. पूर्वांचल में कार्य बहिष्कार का खासा असर दिख रहा है. कई जगह ब्रेकडाउन हुए हैं उनकी भी शिकायत कंट्रोल रूम को मिल रही है. प्रबंधन ने चाहे जितनी चेतावनी दी हो लेकिन बड़ी संख्या में कर्मचारी कार्य बहिष्कार करने मैदान में उतरे हैं. सूत्र बताते हैं कि पांच संविदा कर्मियों पर एफआईआर कराई गई है, साथ ही 10 संविदा कर्मियों को अब तक अलग-अलग थानों में भी बिठाया गया है.
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