लखनऊ : विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर पिछले दिनों लखनऊ समेत प्रदेशभर में दो दिन के कार्यबहिष्कार और 65 घंटे की हड़ताल करने उतरे अभियंताओं और कर्मचारियों पर पाॅवर काॅरपोरेशन की तरफ से कार्रवाई की गई. तमाम संविदाकर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया. वहीं कई अभियंताओं को निलंबित कर ट्रांसफर भी कर दिया गया. बिजली संगठन लगातार पाॅवर काॅरपोरेशन से न्याय की मांग कर रहे हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है. अब बिजलीकर्मियों के पक्ष में तमाम कर्मचारी संगठन लामबंद हो गए हैं. मंगलवार को कर्मचारी संगठनों ने धरना प्रदर्शन कर पाॅवर काॅरपोरेशन प्रबंधन को उत्पीड़न न करने की चेतावनी देते हुए समस्याओं का समाधान करने का अल्टीमेटम दिया. कर्मचारी संगठन की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार आगामी दो अप्रैल तक उत्पीड़नात्मक कार्रवाई वापस न हुई तो प्रान्तव्यापी आन्दोलन के कार्यक्रम घोषित किए जाएंगे.
![बिजली कर्मचारी संगठनों ने दिया अल्टीमेटम.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/up-luc-05-powercorporation-7203805_28032023212239_2803f_1680018759_540.jpg)
राज्य, निगम और निकाय कर्मचारी संयुक्त मंच के आह्वान पर मंगलवार को लखनऊ समेत प्रदेश के सभी जिलों में राज्य कर्मचारियों, अधिकारियों और शिक्षकों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन कर बिजलीकर्मियों के साथ एकजुटता दिखाई. लखनऊ में विरोध सभाएं और प्रदर्शन हुए. वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज, मिर्जापुर, झांसी, बान्दा, कानपुर, आजमगढ़, बस्ती, मेरठ, सहारनपुर, गाजियाबाद, बुलन्दशहर, मुरादाबाद, बरेली, आगरा, अयोध्या, अलीगढ़ और मथुरा में प्रदर्शन हुए. संयुक्त मंच ने चेतावनी दी कि अगर दो अप्रैल तक बिजलीकर्मियों पर की गई उत्पीड़नात्मक कार्रवाई वापस न ली गई तो दो अप्रैल को बैठक कर संयुक्त मंच प्रान्तव्यापी आन्दोलन के कार्यक्रम घोषित कर देगा. इसका दायित्व सरकार का होगा.
संयुक्त मंच के अध्यक्ष मंडल के पदाधिकारियों संरक्षक वीपी मिश्र, संयोजक अमरनाथ यादव और सह संयोजक कमलेश मिश्र, रेनू शुक्ल, राममूर्ति यादव, हरि किशोर तिवारी, सतीश पांडेय, मनोज मिश्र, रमेन्द्र श्रीवास्तव, कमल अग्रवाल, गिरीश चन्द्र मिश्र, शशि कुमार मिश्र, एसके रावत, एसपी तिवारी, राम राज दुबे, हरि शरण मिश्र, रिंकू राय ने बताया कि बिजलीकर्मियों की पिछले दिनों हुई हड़ताल में प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविन्द कुमार शर्मा ने समझौता लागू करने और हड़ताल के दौरान की गई उत्पीड़नात्मक कार्रवाई खत्म करने के लिए पाॅवर काॅरपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज को निर्देश दिए थे. इसके बाद बिजलीकर्मियों में हड़ताल वापस ले ली थी, लेकिन चेयरमैन इसका पालन नहीं कर रहे हैं. इससे बिजलीकर्मियों के हड़ताल वापस लेने के बाद भी ऊर्जा निगमों में टकराव का वातावरण बना है जो जनहित में नहीं है.
15 अप्रैल के बाद न लिया जाए शटडाउन : उत्तर प्रदेश पाॅवर काॅरपोरेशन और उत्तर प्रदेश ट्रांसमिशन काॅरपोरेशन के अध्यक्ष एम. देवराज ने मंगलवार को समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि ट्रांसमिशन काॅरपोरेशन उपकेन्द्र और लाइनों के निर्माण के अपने लक्ष्यों को निर्धारित समय सीमा में पूरा करें. उन्होंने कहा कि बस्ती, गाजीपर, गाजियाबाद मऊ, मैनपुरी, मेरठ, देवरिया, मिर्जापुर श्रावस्ती, सम्भल और सहारनपुर सहित कई जिलों में 220 और 132 उपकेन्द्रों का निर्माण प्रस्तावित है. शक्ति भवन में हुई समीक्षा बैठक में ट्रांसमिशन काॅरपोरेशन निदेशक पी. गुरु प्रसाद के अलावा विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे.
पाॅवर काॅरपोरेशन की विज्ञप्ति के अनुसार अध्यक्ष एम. देवराज ने कहा है कि ट्रांसमिशन उपकेन्द्रों और लाइनों की परियोजनाएं निर्धारित समयसीमा के अंदर पूरी हो सकें. इसके लिए अधिकारी लगातार कड़ी मॉनिटरिंग करें. बिजली आपूर्ति को और बेहतर बनाए जाने के लिये ट्रांसमिशन लाइनों और उपकेन्द्रों का समय से पूरा किया जाना बेहद जरूरी है. उन्होंने ट्रांसमिशन लाइनों और उपकेन्द्रों के निर्माण के लिये जमीन की व्यवस्था भी शीघ्र करने के निर्देश भी दिए. उन्होंने कई जिलाधिकारियों से फोन पर बात कर उपकेन्द्रों के निर्माण के लिए जमीन उपलब्ध कराने के कार्यों में तेजी लाने के लिए कहा. चेयरमैन एम. देवराज ने कहा कि आने वाले महीनों में गर्मी बढ़ेगी उस समय ट्रांसमिशन की लाइन और ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त न हों. इसके लिए जरूरी सावधानियां और तैयारियां पूरी करें. 15 अप्रैल के बाद शटडाउन लेने की जरूरत नहीं पड़ना चाहिए.
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