लखनऊ: साल 2023 -2024 के लिए जहां बिजली दर बढोतरी पर विद्युत नियामक आयोग के आदेश पर प्रदेश की बिजली कंपनियों की तरफ से समाचार पत्रों में विज्ञापन निकाले जा चुके हैं वहीं अब बारी है प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं की तरफ से उस पर अपनी आपत्तियां और सुझाव दाखिल करने की. उपभोक्ता परिषद ने प्रदेश की बिजली कंपनियों की तरफ से 18 से 23 फीसद तक उपभोक्ताओं की बिजली दरों में बढ़ोतरी के लिए दिए गए प्रस्ताव के खिलाफ अपनी पूरी तैयारी कर ली है. परिषद बिजली दरों में बढोतरी के प्रस्ताव पर अपनी विस्तृत आपत्तियां आयोग के सामने दाखिल करेगा. उपभोक्ता परिषद ने प्रदेश के उपभोक्ताओं से अपील की है जो भी बिजली दर बढोतरी प्रस्ताव के खिलाफ अपनी आपत्तियां देना चाहते हैं वह विद्युत नियामक आयोग को तीन प्रतियों में या पावर कारपोरेशन को भेज सकते हैं. विद्युत अधिनियम 2003 के प्रावाधानानुसार उपभोक्ताओं की ली गई आपत्तियों का बिना निस्तारण बिजली दर बढोतरी नहीं हो सकती है.
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि अभी केवल बिजली कंपनियों ने बढोतरी का प्रस्ताव दिया है उस पर विद्युत नियामक आयोग ने अभी कोई भी अपना मत नहीं दिया है. जब सभी पक्षों की सुनवाई हो जाएगी उसके बाद विद्युत नियामक आयोग उस पर अंतिम फैसला लेगा. ऐसे में उपभोक्ता परिषद पिछले वर्षो की तरह इस बार फिर अपने विधिक तर्को व आपत्तियों के माध्यम से बिजली कंपनियों की तरफ से दाखिल प्रस्ताव को खारिज करने की मांग उठाएगा. परिषद बिजली दरों में बढोतरी प्रस्ताव पर प्रदेश के जागरूक नागरिकों बुद्धिजीवियों घरेलू व किसानों से बिजली दर में बढोतरी प्रस्ताव पर उनकी राय ले रहा है जिससे परिषद अपनी आपत्तियों में सभी पक्षों की बातों को समाहित करते हुए आयोग को अवगत करा सके कि प्रदेश का हमारा उपभोक्ता क्या चाहता है. इसके लिए सोशल मीडिया के माध्यम से भी जागरूक उपभोक्ताओं से राय लेना शुरू कर दिया है. परिषद अध्यक्ष ने कहा कि अप्रैल माह में जैसे ही विद्युत नियामक आयोग बिजली दरों पर सुनवाई शुरू करेगा उस समय उपभोक्ता परिषद अपनी बातों को सुनवाई में रखेगा.
उन्होंने कहा कि जहां तक सवाल है उपभोक्ताओं की बिजली दरों में बढोतरी का तो उत्तर प्रदेश में कोई भी ऐसा कानून बिजली दरों में बढोतरी की इजाजत नहीं देता जब प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर लगभग 25,133 करोड रुपए सरप्लस निकल रहा हो. जिसके संबंध में उपभोक्ता परिषद की याचिका पर पहले ही विद्युत नियामक आयोग ने बिजली कंपनियों से जवाब तलब किया है. ऐसे में उपभोक्ता परिषद और भी जो आपत्तियां और सुझाव है उन्हें आयोग के सामने प्रस्तुत करेगा.
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बिजली दरों की बढ़ोतरी पर सुनवाई करेगा विद्युत नियामक आयोग
यूपी में बिजली दरों की बढ़ोतरी पर विद्युत नियामक आयोग सुनवाई करेगा. चलिए आगे जानते हैं इस बारे में.
लखनऊ: साल 2023 -2024 के लिए जहां बिजली दर बढोतरी पर विद्युत नियामक आयोग के आदेश पर प्रदेश की बिजली कंपनियों की तरफ से समाचार पत्रों में विज्ञापन निकाले जा चुके हैं वहीं अब बारी है प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं की तरफ से उस पर अपनी आपत्तियां और सुझाव दाखिल करने की. उपभोक्ता परिषद ने प्रदेश की बिजली कंपनियों की तरफ से 18 से 23 फीसद तक उपभोक्ताओं की बिजली दरों में बढ़ोतरी के लिए दिए गए प्रस्ताव के खिलाफ अपनी पूरी तैयारी कर ली है. परिषद बिजली दरों में बढोतरी के प्रस्ताव पर अपनी विस्तृत आपत्तियां आयोग के सामने दाखिल करेगा. उपभोक्ता परिषद ने प्रदेश के उपभोक्ताओं से अपील की है जो भी बिजली दर बढोतरी प्रस्ताव के खिलाफ अपनी आपत्तियां देना चाहते हैं वह विद्युत नियामक आयोग को तीन प्रतियों में या पावर कारपोरेशन को भेज सकते हैं. विद्युत अधिनियम 2003 के प्रावाधानानुसार उपभोक्ताओं की ली गई आपत्तियों का बिना निस्तारण बिजली दर बढोतरी नहीं हो सकती है.
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि अभी केवल बिजली कंपनियों ने बढोतरी का प्रस्ताव दिया है उस पर विद्युत नियामक आयोग ने अभी कोई भी अपना मत नहीं दिया है. जब सभी पक्षों की सुनवाई हो जाएगी उसके बाद विद्युत नियामक आयोग उस पर अंतिम फैसला लेगा. ऐसे में उपभोक्ता परिषद पिछले वर्षो की तरह इस बार फिर अपने विधिक तर्को व आपत्तियों के माध्यम से बिजली कंपनियों की तरफ से दाखिल प्रस्ताव को खारिज करने की मांग उठाएगा. परिषद बिजली दरों में बढोतरी प्रस्ताव पर प्रदेश के जागरूक नागरिकों बुद्धिजीवियों घरेलू व किसानों से बिजली दर में बढोतरी प्रस्ताव पर उनकी राय ले रहा है जिससे परिषद अपनी आपत्तियों में सभी पक्षों की बातों को समाहित करते हुए आयोग को अवगत करा सके कि प्रदेश का हमारा उपभोक्ता क्या चाहता है. इसके लिए सोशल मीडिया के माध्यम से भी जागरूक उपभोक्ताओं से राय लेना शुरू कर दिया है. परिषद अध्यक्ष ने कहा कि अप्रैल माह में जैसे ही विद्युत नियामक आयोग बिजली दरों पर सुनवाई शुरू करेगा उस समय उपभोक्ता परिषद अपनी बातों को सुनवाई में रखेगा.
उन्होंने कहा कि जहां तक सवाल है उपभोक्ताओं की बिजली दरों में बढोतरी का तो उत्तर प्रदेश में कोई भी ऐसा कानून बिजली दरों में बढोतरी की इजाजत नहीं देता जब प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर लगभग 25,133 करोड रुपए सरप्लस निकल रहा हो. जिसके संबंध में उपभोक्ता परिषद की याचिका पर पहले ही विद्युत नियामक आयोग ने बिजली कंपनियों से जवाब तलब किया है. ऐसे में उपभोक्ता परिषद और भी जो आपत्तियां और सुझाव है उन्हें आयोग के सामने प्रस्तुत करेगा.
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