लखनऊ: उत्तर प्रदेश की ओबरा-सी 2×660 मेगावाट पावर प्लांट की पहली यूनिट से मंगलवार को पूरी क्षमता से विद्युत का उत्पादन शुरू (Electricity production from Obra-C first unit started) हो गया. इस प्लांट के शुरू होने से उत्तर प्रदेश की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता में 10 फीसदी की और वृद्धि होगी. ऊर्जा मंत्री ने पावर प्लांट के पूरी क्षमता से चालू होने पर कहा है. इससे उत्तर प्रदेश के लोगों को बिजली संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा.
ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने कहा कि ओबरा सी 2×660 मेगावाट क्षमता का पावर प्लांट सुपर क्रिटिकल टेक्नोलॉजी आधारित प्रोजेक्ट है और यह प्लांट 13,005 करोड रुपए की लागत से बनकर तैयार हुआ है. सुपर क्रिटिकल टेक्नोलॉजी आधारित यह पावर प्लांट पर्यावरण के मानक के अनुरूप होगा और जीरो लिक्विड डिस्चार्ज से युक्त होगा. उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन ने इस प्लांट से उत्पादित विद्युत का 100 प्रतिशत बिजली खरीद का अनुबंध किया है. उन्होंने बताया कि ओबरा-सी 660 मेगावाट की पहली यूनिट से विद्युत का कामर्शियल उत्पादन भी शीघ्र ही शुरू हो जाएगा.
पॉवर प्लांट के उद्घाटन के बाद लोगो के उपभोग के लिए बिजली आपूर्ति शुरू हो जाएगी. एटा की जवाहरपुर पॉवर प्लांट की पहली यूनिट से 660 मेगावाट बिजली का कामर्शियल उत्पादन शुरू हो चुका है. जल्द ही जवाहरपुर की 660 मेगावाट की दूसरी यूनिट से भी फरवरी 2024 तक बिजली उत्पादन की शुरूआत हो जायेगी. इस प्रकार प्रदेश को कुल 1920 मेगावाट क्षमता की विद्युत और मिलने लगेगी. अभी ओबरा-सी की दूसरी यूनिट, पनकी, और ओबरा-डी आना बाकी है. ऊर्जा मंत्री ने बताया कि ओबरा-डी की 2×800 मेगावाट के दो पावर प्लांट लगाने का अनुबंध एनटीपीसी के साथ हो चुका है. इसी प्रकार अनपरा में भी 2×800 मेगावाट की दो यूनिटें लगाने के लिए एनटीपीसी के साथ अनुबंध है.
मेजा की 660 मेगावाट के प्लांट का विस्तार करने के लिए एनटीपीसी सहयोग कर रहा है. पनकी में भी 660 मेगावाट की एक यूनिट के विस्तार के बाद अगले वर्ष से कार्य करने लगेगा. घाटमपुर में भी 3×660 मेगावाट की तीन यूनिटों को स्थापित किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि अभी हमारी थर्मल पावर प्लांट से विद्युत उत्पादन की कुल क्षमता 6100 मेगावाट है. इन सभी इकाइयों के कार्य करने से इतनी ही क्षमता का और विद्युत उत्पादन प्रदेश में होने लगेगा. उन्होंने बताया कि सौर ऊर्जा से भी 7000 मेगावाट विद्युत उत्पादन के लक्ष्य को पूरा किया जा रहा है. रूफटाप सोलर को भी सरकार बढ़ावा दे रही. सौर ऊर्जा को दिन में स्टोर करने के लिए पम्प स्टोरेज प्रोजेक्ट साइन किए गए हैं. इससे 12 हजार मेगावाट क्षमता के पम्प स्टोरेज लगेंगे.
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