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बिजली विभाग के कर्मचारियों की चेतावनी, अगर नहीं मानी गई उनकी ये मांग तो प्रदेश भर में होगा बड़ा आंदोलन

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Published : Nov 8, 2021, 10:27 PM IST

लखनऊ के शक्ति भवन के सामने राज्य विद्युत परिषद प्राविधिक कर्मचारी संघ के कर्मचारियों ने सोमवार को प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी कर्मचारी वेतन विसंगतियों को दूर करने की मांग कर रहे हैं. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर समय रहते उनकी मांगे नहीं मानी गईं तो प्रदेश भर में बड़ा आंदोलन किया जाएगा.

प्रदर्शन करते हुए बिजली विभाग के कर्मचारी
प्रदर्शन करते हुए बिजली विभाग के कर्मचारी

लखनऊ: राजधानी लखनऊ के शक्ति भवन के सामने राज्य विद्युत परिषद प्राविधिक कर्मचारी संघ के कर्मचारियों ने सोमवार को प्रदर्शन किया. प्रदर्शन करते हुए कर्मचारियों ने वेतन विसंगतियों को दूर करने की मांग की. उनका कहना है कि प्रबंधन और राज्य सरकार वेतन विसंगतियों को खत्म करें, नहीं तो प्रदेश भर में बड़ा आंदोलन किया जाएगा.

संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष बृजेश त्रिपाठी के मुताबिक बीते एक साल से TG-2 विद्युत कर्मियों की मूलभूत मांगो व समस्याओं की सुनवाई नहीं हो रही है. बीते एक साल से वो अपनी मांगो को लेकर प्रयासरत हैं. कई बार उन्होंने कार्पोरेशन के एमडी व ऊर्जा मंत्री से मुलाकात की. लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है.

प्रदर्शन करते हुए बिजली विभाग के कर्मचारी


ईटीवी भारत से बात करते हुए राज्य विद्युत प्राविधिक कर्मचारी संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष बृजेश कुमार ने बताया कि उन विद्युत कर्मियों को प्रमोशन नहीं मिल रहा है. लंबे समय से न ही उनका वेतन बढ़ा है. जबकि जेई व तमाम अधिकारियों को समय पर प्रमोशन मिल रहा है, उनके वेतन में वृद्धि भी की जा रही है. उन्होंने कहा कि TG-2 विद्युत कर्मी बीते कई सालों से अपनी मूल समस्याओं को लेकर परेशान हैं. वो अब तक 4 बार प्रदर्शन कर चुके हैं लेकिन सरकार की तरफ से अभी तक कोई भी सकारात्मक हल नहीं निकल सका है.

यह भी पढ़ें- पकड़ा गया अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और बबलू श्रीवास्तव का करीबी !

बृजेश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि प्रदेश के टेक्नीशियन कर्मियों ने पिछली बार ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के हस्तक्षेप किए जाने के बाद आंदोलन स्थगित किया था, जिसके बाद UPPCL के प्रबंध निदेशक की अध्यक्षता में ऊर्जा प्रबंधन और संघ प्रतिनिधि मंडल के साथ तीन बार बैठक हो चुकी है. 2021 में 3 अप्रैल, 17 अगस्त व 25 अक्टूबर को द्विपक्षीय वार्ताओं में उनकी मांगों में आम सहमति बनी थी. लेकिन आज तक ऊर्जा प्रबंधन की तरफ से किसी भी समस्या के समाधान संबंधी आदेश जारी नहीं किए गए हैं.


गौरतलब है कि प्रदर्शन में उत्तर प्रदेश के हर जिले से प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश सचिव पहुंचे हैं. उनका कहना है कि कल शाम तक प्रदर्शन चलेगा और अगर प्रबंधन की तरफ से कोई उनसे मिलने नहीं आता, तो आगे आमरण अनशन की तैयारी है. उनका कहना हे कि प्रबंधन को उनकी जायज मांगों को मान लेना चाहिए क्योंकि उन्हें पेट्रोल भत्ता तक नहीं दिया जाता है. अपने वेतन से ही गाड़ी में पेट्रोल डलवाते हैं और जनता की सेवा करने का काम कर रहे हैं.

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लखनऊ: राजधानी लखनऊ के शक्ति भवन के सामने राज्य विद्युत परिषद प्राविधिक कर्मचारी संघ के कर्मचारियों ने सोमवार को प्रदर्शन किया. प्रदर्शन करते हुए कर्मचारियों ने वेतन विसंगतियों को दूर करने की मांग की. उनका कहना है कि प्रबंधन और राज्य सरकार वेतन विसंगतियों को खत्म करें, नहीं तो प्रदेश भर में बड़ा आंदोलन किया जाएगा.

संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष बृजेश त्रिपाठी के मुताबिक बीते एक साल से TG-2 विद्युत कर्मियों की मूलभूत मांगो व समस्याओं की सुनवाई नहीं हो रही है. बीते एक साल से वो अपनी मांगो को लेकर प्रयासरत हैं. कई बार उन्होंने कार्पोरेशन के एमडी व ऊर्जा मंत्री से मुलाकात की. लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है.

प्रदर्शन करते हुए बिजली विभाग के कर्मचारी


ईटीवी भारत से बात करते हुए राज्य विद्युत प्राविधिक कर्मचारी संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष बृजेश कुमार ने बताया कि उन विद्युत कर्मियों को प्रमोशन नहीं मिल रहा है. लंबे समय से न ही उनका वेतन बढ़ा है. जबकि जेई व तमाम अधिकारियों को समय पर प्रमोशन मिल रहा है, उनके वेतन में वृद्धि भी की जा रही है. उन्होंने कहा कि TG-2 विद्युत कर्मी बीते कई सालों से अपनी मूल समस्याओं को लेकर परेशान हैं. वो अब तक 4 बार प्रदर्शन कर चुके हैं लेकिन सरकार की तरफ से अभी तक कोई भी सकारात्मक हल नहीं निकल सका है.

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बृजेश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि प्रदेश के टेक्नीशियन कर्मियों ने पिछली बार ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के हस्तक्षेप किए जाने के बाद आंदोलन स्थगित किया था, जिसके बाद UPPCL के प्रबंध निदेशक की अध्यक्षता में ऊर्जा प्रबंधन और संघ प्रतिनिधि मंडल के साथ तीन बार बैठक हो चुकी है. 2021 में 3 अप्रैल, 17 अगस्त व 25 अक्टूबर को द्विपक्षीय वार्ताओं में उनकी मांगों में आम सहमति बनी थी. लेकिन आज तक ऊर्जा प्रबंधन की तरफ से किसी भी समस्या के समाधान संबंधी आदेश जारी नहीं किए गए हैं.


गौरतलब है कि प्रदर्शन में उत्तर प्रदेश के हर जिले से प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश सचिव पहुंचे हैं. उनका कहना है कि कल शाम तक प्रदर्शन चलेगा और अगर प्रबंधन की तरफ से कोई उनसे मिलने नहीं आता, तो आगे आमरण अनशन की तैयारी है. उनका कहना हे कि प्रबंधन को उनकी जायज मांगों को मान लेना चाहिए क्योंकि उन्हें पेट्रोल भत्ता तक नहीं दिया जाता है. अपने वेतन से ही गाड़ी में पेट्रोल डलवाते हैं और जनता की सेवा करने का काम कर रहे हैं.

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