लखनऊः बिजली विभाग के निजीकरण पर ऊर्जा निगम प्रबंध के हठी रवैया के चलते उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष अरविंद कुमार और विद्युत कर्मचारी के संयुक्त संघर्ष प्रतिनिधियों के मध्य शक्ति भवन में शनिवार को बैठक हुई. इस दौरान कहा गया कि 5 अक्टूबर को बिजली विभाग के कर्मचारी पूरे उत्तर प्रदेश में धरना देंगे. वहीं इस धरने में उन कर्मचारियों को शामिल नहीं किया जाएगा, जो बिजली विभाग के पावर ग्रिड को संभालते हैं, ताकि आम जनता को किसी तरह की परेशानी न हो.
शक्ति भवन लखनऊ पर हुई विरोध सभा में संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के विघटन वाणिज्य करण से अन्य संस्थानों को हैंडओवर किए जाने के प्रस्ताव के विरोध में बिजली कर्मी बीते दिनों 1 सितंबर से शांतिपूर्ण ध्यान आकर्षण आंदोलन चला रहे हैं. इसके बावजूद प्रबंधन ने समस्या के समाधान को लेकर कोई सही हल नहीं निकल पाया है. अगर ऐसी स्थिति बनी रही तो बिजली कर्मी 5 अक्टूबर से पूरे दिन का कार्य बहिष्कार करेंगे.
बिजली विभाग के पदाधिकारियों ने बताया कि बहिष्कार के दौरान कार्य बाधित न हो और आम जनता को किसी तरह की तकलीफ न हो, इसके लिए बिजली उत्पादन और 400 केवी विद्युत उपकेंद्र और प्रणाली नियंत्रण में पाली में काम करने वाले कर्मचारियों को कार्य बहिष्कार से अलग रखा गया है.
उन्होंने कहा कि निजीकरण कर्मचारियों और उपभोक्ताओं के हित में नहीं है. इसके बावजूद ऊर्जा निगम प्रबंधन निजीकरण पर खड़ा है.