लखनऊ: बिजली विभाग के कर्मचारियों के भविष्य निधि का पैसा डूबा तो सोमवार सुबह शक्ति भवन स्थित कार्यालय पर तमाम बिजली विभाग के कर्मचारी पहुंच गए. इस दौरान उन्होंने सरकार से अपील की कि उनकी गाढ़ी कमाई का पैसा उन्हें वापस मिलना चाहिए. पूर्ववर्ती सरकार और वर्तमान सरकार एक-दूसरे पर आरोप लगाकर कर्मचारियों का कोई नुकसान न होने दें, जो भी सरकार दोषी हो उस पर कार्रवाई हो, लेकिन कर्मचारियों का पैसा उन्हें जरूर मिले.
लखनऊ: बिजली कर्मियों की गुहार, पीएफ के पैसे लौटाए सरकार
बिजली विभाग के कर्मचारियों ने सरकार से पीएफ के पैसे लौटाने को लेकर गुहार लगाई है. बिजली विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि सरकार उनकी गाढ़ी कमाई का पैसा उन्हें वापस दिलाए.
बिजली कर्मियों की गुहार, पीएफ के पैसे लौटाए सरकार
लखनऊ: बिजली विभाग के कर्मचारियों के भविष्य निधि का पैसा डूबा तो सोमवार सुबह शक्ति भवन स्थित कार्यालय पर तमाम बिजली विभाग के कर्मचारी पहुंच गए. इस दौरान उन्होंने सरकार से अपील की कि उनकी गाढ़ी कमाई का पैसा उन्हें वापस मिलना चाहिए. पूर्ववर्ती सरकार और वर्तमान सरकार एक-दूसरे पर आरोप लगाकर कर्मचारियों का कोई नुकसान न होने दें, जो भी सरकार दोषी हो उस पर कार्रवाई हो, लेकिन कर्मचारियों का पैसा उन्हें जरूर मिले.
Intro:आक्रोशित बिजली कर्मियों ने सरकार को कोसा, कहा, राजाज्ञा जारी कर भविष्य निधि के पैसे लौटाए सरकार
लखनऊ। बिजली विभाग के कर्मचारियों के भविष्य निधि का पैसा डूबा तो सोमवार सुबह शक्ति भवन स्थित कार्यालय पर तमाम बिजली विभाग के कर्मचारी पहुंच गए। इस दौरान उन्होंने सरकार से अपील की कि उनकी गाढ़ी कमाई का पैसा उन्हें वापस मिलना चाहिए। पूर्वर्ती सरकार और वर्तमान सरकार एक दूसरे पर आरोप लगाकर कर्मचारियों का कोई नुकसान न होने दें। जो भी सरकार दोषी हो उस पर कार्रवाई हो, लेकिन कर्मचारियों का पैसा उन्हें जरूर मिले।
Body:बाइट: आरसी पाल, कार्यवाहक अध्यक्ष, विद्युत मजदूर संगठन
जो हमारा सीपीएफ जीपीएफ का पैसा लगाया जाता था जो हमारी नेशनलाइज्ड बैंक हैं उनमें लगाया जाता था, लेकिन 2016 से पूर्व की सरकार से जारी हुआ जो आज तक जारी है। सरकार ने उदासीनता बरती है। बोर्ड ऑफ ट्रस्टी बना हुआ है उसमें निगम के अधिकारी हैं एक संगठन के महामंत्री भी उसके सदस्य थे। पिछले 3 सालों से बोर्ड के ट्रस्ट की बैठक ही नहीं हुई न, अन्य संगठनों के मेंबर बढ़ाए। इसमें जो गवन हुआ है यह सरकार और प्रबंधन की जिम्मेदारी है उसकी कर्मचारियों की गाढ़ी कमाई का पैसा वापस लाया जाए। सरकार अविलंब इस पैसे को ट्रस्ट में जमा कराएं। मुख्यमंत्री का बयान आया है हमारे ऊर्जा मंत्री का भी बयान है कि कर्मचारी हमारा परिवार है हम उनका पैसा जाने नहीं देंगे। उनका पैसा लाएंगे। हमें पूरी उम्मीद है सरकार से कर्मचारियों के पैसे जरुर मिलेंगे।
Conclusion:बाइट: आरसी पाल, कार्यवाहक अध्यक्ष, विद्युत मजदूर संगठन
सबसे पहले मैं मुख्यमंत्री को सीबीआई जांच के लिए बधाई देता हूं। आज जहां पर कार्रवाई हुई है मेरा कहना है कि जो दफ्तर बंद कर दिया गया है दफ्तर को खोल दिया जाए। कोई कमरा सील कर दिया जाए जो लोग बाहर से आ रहे हैं किसी के यहां शादी है तो किसी के यहां कोई कार्यक्रम है अब पैसा नहीं मिल पाएगा ऐसे बहुत सारे लोग हैं जिनका रिटायरमेंट होने वाला है। मेरा कहना है कि इसमें जांच होती रहे, लेकिन जो पैसा हमारा है 2286 करोड रुपए सरकार राजाज्ञा जारी करे और ट्रस्ट में यह पैसा छोड़ दे। लोगों को पैसा मिलना चालू हो जाए। अगर एक कमरा सील करते हैं तो चेयरमैन, डायरेक्टर (पर्सनल) या एमडी कोई दूसरा कमरा दें। यह सच है पिछले 2 से 3 साल से ट्रस्ट की बैठक नहीं हुई, बैठक बुलाई जाए। जो हो गया वो भविष्य में फिर ऐसा न हो अन्य विभागों में भी ऐसा न हो। इस सरकार को सोचना चाहिए। यह सरकारों का आपस में है। एक सरकार जो सत्ता में रहती है जो चली जाती है उसके बारे में कहते हैं वह उनके बारे में कहते हैं। मेरा मानना है जो सरकार दोषी हो तो उस पर कार्रवाई हो। अब इस सरकार पर कहे तो आप भी 2 साल से बैठे हैं। ऊर्जा मंत्री रोज यहां पर बैठक करते हैं रोज मीटिंग करते हैं लेकिन इस संबंध में उन्होंने मीटिंग क्यों नहीं की।
अखिल पांडेय, लखनऊ, 9336864096
लखनऊ। बिजली विभाग के कर्मचारियों के भविष्य निधि का पैसा डूबा तो सोमवार सुबह शक्ति भवन स्थित कार्यालय पर तमाम बिजली विभाग के कर्मचारी पहुंच गए। इस दौरान उन्होंने सरकार से अपील की कि उनकी गाढ़ी कमाई का पैसा उन्हें वापस मिलना चाहिए। पूर्वर्ती सरकार और वर्तमान सरकार एक दूसरे पर आरोप लगाकर कर्मचारियों का कोई नुकसान न होने दें। जो भी सरकार दोषी हो उस पर कार्रवाई हो, लेकिन कर्मचारियों का पैसा उन्हें जरूर मिले।
Body:बाइट: आरसी पाल, कार्यवाहक अध्यक्ष, विद्युत मजदूर संगठन
जो हमारा सीपीएफ जीपीएफ का पैसा लगाया जाता था जो हमारी नेशनलाइज्ड बैंक हैं उनमें लगाया जाता था, लेकिन 2016 से पूर्व की सरकार से जारी हुआ जो आज तक जारी है। सरकार ने उदासीनता बरती है। बोर्ड ऑफ ट्रस्टी बना हुआ है उसमें निगम के अधिकारी हैं एक संगठन के महामंत्री भी उसके सदस्य थे। पिछले 3 सालों से बोर्ड के ट्रस्ट की बैठक ही नहीं हुई न, अन्य संगठनों के मेंबर बढ़ाए। इसमें जो गवन हुआ है यह सरकार और प्रबंधन की जिम्मेदारी है उसकी कर्मचारियों की गाढ़ी कमाई का पैसा वापस लाया जाए। सरकार अविलंब इस पैसे को ट्रस्ट में जमा कराएं। मुख्यमंत्री का बयान आया है हमारे ऊर्जा मंत्री का भी बयान है कि कर्मचारी हमारा परिवार है हम उनका पैसा जाने नहीं देंगे। उनका पैसा लाएंगे। हमें पूरी उम्मीद है सरकार से कर्मचारियों के पैसे जरुर मिलेंगे।
Conclusion:बाइट: आरसी पाल, कार्यवाहक अध्यक्ष, विद्युत मजदूर संगठन
सबसे पहले मैं मुख्यमंत्री को सीबीआई जांच के लिए बधाई देता हूं। आज जहां पर कार्रवाई हुई है मेरा कहना है कि जो दफ्तर बंद कर दिया गया है दफ्तर को खोल दिया जाए। कोई कमरा सील कर दिया जाए जो लोग बाहर से आ रहे हैं किसी के यहां शादी है तो किसी के यहां कोई कार्यक्रम है अब पैसा नहीं मिल पाएगा ऐसे बहुत सारे लोग हैं जिनका रिटायरमेंट होने वाला है। मेरा कहना है कि इसमें जांच होती रहे, लेकिन जो पैसा हमारा है 2286 करोड रुपए सरकार राजाज्ञा जारी करे और ट्रस्ट में यह पैसा छोड़ दे। लोगों को पैसा मिलना चालू हो जाए। अगर एक कमरा सील करते हैं तो चेयरमैन, डायरेक्टर (पर्सनल) या एमडी कोई दूसरा कमरा दें। यह सच है पिछले 2 से 3 साल से ट्रस्ट की बैठक नहीं हुई, बैठक बुलाई जाए। जो हो गया वो भविष्य में फिर ऐसा न हो अन्य विभागों में भी ऐसा न हो। इस सरकार को सोचना चाहिए। यह सरकारों का आपस में है। एक सरकार जो सत्ता में रहती है जो चली जाती है उसके बारे में कहते हैं वह उनके बारे में कहते हैं। मेरा मानना है जो सरकार दोषी हो तो उस पर कार्रवाई हो। अब इस सरकार पर कहे तो आप भी 2 साल से बैठे हैं। ऊर्जा मंत्री रोज यहां पर बैठक करते हैं रोज मीटिंग करते हैं लेकिन इस संबंध में उन्होंने मीटिंग क्यों नहीं की।
अखिल पांडेय, लखनऊ, 9336864096